इस विधि से प्रज्जवलित करें लक्ष्मी दीपक ;-
लक्ष्मी दीपक प्रज्जवलित करने का एक विधान है, जिसे स्वर विज्ञान के अनुसार किया जाता है। स्वर विज्ञान एक प्राचीन विज्ञान है, जो श्वास की गति और दिशा के आधार पर व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करता है। इस विज्ञान के अनुसार, श्वास दो प्रकार के होते हैं - सूर्य और चंद्र। सूर्य श्वास दाहिने नाक के छिद्र से आता है, जबकि चंद्र श्वास बाएँ नाक के छिद्र से आता है। इन दोनों के बीच में एक तीसरा श्वास भी होता है, जिसे सुषुम्ना कहते हैं, जो दोनों नाक के छिद्रों से बराबर आता है।
लक्ष्मी दीपक प्रज्जवलित करने के लिए, आपको अपने श्वास को पहले पहचानना होगा, कि आपका कौन सा श्वास चल रहा है। इसके लिए, आप अपनी नाक पर हथेली रखकर श्वास का स्पर्श महसूस कर सकते हैं, या आप एक आईने को नाक के नीचे रखकर श्वास के वाष्प के कण देख सकते हैं। जिस तरफ के छिद्र से श्वास अधिक आ रहा हो, वही आपका चालू श्वास होगा।
शास्त्रों के अनुसार, लक्ष्मी दीपक को शुक्रवार की संध्या को चंद्र श्वास के समय ही प्रज्जवलित करना चाहिए, क्योंकि चंद्र श्वास शीतल, शांत, और शुभ होता है। इससे घर में शांति, सुख, और समृद्धि की प्राप्ति होती है। लक्ष्मी दीपक को एक चांदी के बर्तन में शुद्ध घी और एक बाती डालकर बनाया जाता है। इस दीपक का मुख पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए, क्योंकि ये दोनों दिशाएं शुभ मानी जाती हैं। लक्ष्मी दीपक को प्रज्जवलित करने के लिए, आपको इस मंत्र का उच्चारण करना होगा:
।।ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्माकं दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ ।।
इस मंत्र का आपको कम से कम 108 बार जाप करना होगा, और इसके बाद आपको मां लक्ष्मी को फूल, फल, मिठाई, और चावल का भोग लगाना होगा। इस उपाय को आपको लगातार 11 शुक्रवार तक करना होगा, और इसके फलस्वरूप आपको धन, भाग्य, और सफलता की प्राप्ति होगी।
#लक्ष्मी_दीपक #स्वर_विज्ञान #शुक्रवार_स्पेशल #धन_प्राप्ति #भाग्य_बदलने_का_उपाय 🙏🏻🕯️🌙💰🍀
If you have any work from me or any types of quries , you can send me message from here. It's my pleasure to help you.
Book Your Appoitment Now With Best Astrologers