pooja details

Rahu Pooja

Rahu Pooja

13000 book now
Pandit Praveen AwasthiPandit Praveen Awasthi

Pandit

Visit Profile
ads

राहु ग्रह का महत्व और पूजा

राहु ग्रह का भारतीय ज्योतिषशास्त्र में विशेष महत्व है। राहु एक छाया ग्रह है और यह अपने प्रभाव के लिए प्रसिद्ध है। माना जाता है कि राहु का प्रभाव व्यक्ति की कुंडली में असंतुलन और समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, लेकिन उचित पूजा और उपायों से इसके अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है।

राहु के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी:

राहु का वंश और स्वामित्व:

राहु पैथिनस गौत्र का शूद्र है। इसका स्वामी मलय देश है, और इसे कश्मीर की जाति और वस्त्र से जोड़ा जाता है। राहु का वाहन सिंह है, और इसे अपनी चार भुजाओं में तलवार, ढाल और अन्य अस्त्र रखते हुए चित्रित किया जाता है।

राहु का मंत्र:

राहु के लिए विशेष मंत्र है:

"ॐ ह्रीं राहवे नमः"

इस मंत्र का जाप करने से राहु के प्रभाव को शांत किया जा सकता है। हवन में दूर्वा और कुश की समिधा का उपयोग भी विशेष रूप से राहु ग्रह की शांति के लिए किया जाता है।

राहु ग्रह का स्वरूप और प्रभाव:

राहु ग्रह का रूप भयानक और कुरूप माना जाता है। यह धुएं के समान नीले रंग में चित्रित होता है और इसका स्वभाव स्वार्थी, आलसी, और कपटी होता है। राहु कूटनीति में माहिर और वाद-विवाद में कुशल होता है, जो भ्रम फैलाने, अफवाहें उड़ाने और देरी करने की प्रवृत्ति रखता है।

राहु के शुभ और अशुभ प्रभाव:

राहु ग्रह का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में तमोगुण (अज्ञानता और नकारात्मकता) को बढ़ाता है। यह स्थान की शुभता को कम करता है और जातक के जीवन में समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। राहु के प्रभाव से शारीरिक समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं जैसे बवासीर, गैस, मलाशय का रोग, और पेट से संबंधित अन्य विकार।

राहु ग्रह के अंग और संबंधित रोग:

राहु ग्रह के अंगों में गुदा, श्रोणि, तिल्ली, मल, और पेट शामिल हैं। राहु के अशुभ प्रभाव से संबंधित रोगों में बवासीर, दुर्गंधयुक्त पेशाब, पेशाब में रक्त आना, गैस, और पेट संबंधी विकार शामिल हैं।

राहु का कर्मक्षेत्र:

राहु को कोयला, सीमेंट, गटर, कुआं, सीवेज, हरिजन, भांग, शराब, सिगरेट, हुक्का, और थाटड़ी जैसी चीजों से संबंधित माना जाता है। यह व्यक्ति को इन क्षेत्रों से जुड़ी कार्यों में प्रेरित करता है।

राहु का स्थान और दिशा:

राहु ग्रह को उत्तर दिशा से संबंधित माना जाता है। यह कोई वस्तु नहीं है, बल्कि एक खगोलीय बिंदु है, जहाँ चंद्रमा की कक्षा सूर्य की कक्षा को पार करती है। राहु के पास अमृत होने की कथा भी प्रसिद्ध है, जिससे वह तृप्त हो जाता है।

राहु ग्रह की शुभ और अशुभ स्थिति:

राहु ग्रह का प्रभाव व्यक्ति पर दोनों रूपों में पड़ सकता है। राहु के शुभ प्रभाव में व्यक्ति दयालु, परोपकारी, स्वाभिमानी, और चतुर होता है। वह सामाजिक और राजनीतिक कार्यों में सफल होता है और धन के लेन-देन में कुशल होता है। वहीं, राहु के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं।


राहु का अतिरिक्त विवरण:

राहु क्रूर और पापी ग्रह माना जाता है, जो छल, कपट और कठिनाई का कारण बनता है। यह स्थान की शुभता को कम करता है और तमोगुण (अज्ञानता और नकारात्मकता) को बढ़ाता है। राहु का असर जातक की जिंदगी में संघर्षों और समस्याओं को बढ़ा सकता है।

राहु के महत्वपूर्ण गुण और विशेषताएँ:

जाति: सुंदर  रस: तीक्ष्ण  दिशा: दक्षिण पश्चिम  रत्न: गोमेद

धातु: सीसा  प्रकृति: वायु  रात्रि बल  भाग्योदय वर्ष: 2

विंशोत्तरी दशा: 12 वर्ष  जन्म राशि में शुभ फल: तृतीय, छठा और 11वां

शुभ स्थान: 9, 8, 10, 11  अशुभ स्थान: 4, 5 और 12

राशिचक्र: 1  वर्ष फल समय: पिछले दो महीने


राहु ग्रह की स्थिति के आधार पर व्यक्ति के जीवन में अचानक रोग उत्पन्न हो सकते हैं। विशेष रूप से यदि राहु कुंडली में कन्या या कुंभ राशि में स्थित हो, तो यह अधिक प्रभाव डाल सकता है।

राहु ग्रह के लिए उपाय और पूजा:

राहु ग्रह के दोषों को कम करने के लिए विशेष पूजा और उपाय किए जाते हैं:

राहु शांति हवन: राहु ग्रह के अशुभ प्रभावों को दूर करने के लिए हवन कराया जाता है।

राहु ग्रह के रत्न: राहु के रत्न गोमेद (हसी) का धारण करना शुभ माना जाता है, जो राहु के दोषों को दूर करता है।

दूर्वा और कुश की समिधा: हवन और पूजा में दूर्वा और कुश का प्रयोग किया जाता है।

राहु ग्रह की पूजा विधि:

राहु ग्रह की पूजा करते समय विशेष ध्यान रखना चाहिए:

पूजा स्थल को स्वच्छ रखें।

हवन सामग्री में दूर्वा, कुश, गोमेद रत्न और शुद्ध घी का प्रयोग करें।

मंत्रों का जाप विधिपूर्वक करें, विशेष रूप से "ॐ ह्रीं राहवे नमः" का जाप करें।

राहु के शुभ प्रभावों को प्राप्त करने के लिए पीपल के पेड़ की पूजा भी की जा सकती है, क्योंकि राहु का संबंध वायु तत्व से है और पीपल के पेड़ को वायु से संबंधित माना जाता है।

What are the benefits?
  • Creates healthy environment for mother and child
  • Reducing obstructions in childbirth
  • Protection to women in pregnancy
  • Save baby and mother from negativity
How will it happen?
  • Book the Pooja
  • Input your Name and Surname/Gotra for Sankalp
  • You can attend Pooja live on video call
  • Take the blessings
Do you need to arrange anything?
  • No, everything will be done by the Astrologer
  • You are invited to attend Pooja live on Video call
  • Attending Pooja is optional
Silver Shree Yantra Visho | Allso
Silver Shree Yantra Visho
4600 4400
View Details
Shree Nakoda  Parshva Bhairav  Mahayantra   | Allso
Shree Nakoda Parshva Bhairav Mahayantra
21000
View Details
black tourmaline pendent  | Allso
black tourmaline pendent
400 110
View Details
7 Mukhi Rudraksh (4.0) | Allso
7 Mukhi Rudraksh (4.0)
1500 1250
View Details
3 Mukhi Rudraksh (6.0) | Allso
3 Mukhi Rudraksh (6.0)
1800 1650
View Details
Lasuniya | Allso
Lasuniya
2299 2151
View Details
7 Mukhi Nepal Rudraksha | Allso
7 Mukhi Nepal Rudraksha
1000 850
View Details
Beetroot Soap | Allso
Beetroot Soap
55 49
View Details
KRISHNA PHOTO | Allso
KRISHNA PHOTO
450 260
View Details

Latest Admin Blog

Latest Astrologer Blog

image
2024-11-26
108

"कुंडली का योनि मिलान: वर-वधु के वैवाहिक जीवन का आधार" डॉ. दामोदर बंसल....


Read More
image
2024-11-24
113

Marriage Muhurat December 2025 विवाह मुहूर्त दिसंबर 2025 | For Matchmaking #Call +91-9558816181....


Read More
image
2024-05-16
Views: 310

Venus Transit in Taurus 2024 ....


Read More
image
2024-03-30
Views: 289

Saturday Ritual ....


Read More

Our Brands