पञ्चांग 28 दिसम्बर 2023 दिन गुरुवार।।

बालाजी वेद, वास्तु एवं ज्योतिष केन्द्र।।

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आज का लेख एवं आज का पञ्चांग 28 दिसम्बर 2023 दिन गुरुवार।।

मित्रों, तारीख 28 दिसम्बर 2028 दिन गुरुवार को पौष मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। आज सर्वार्थसिद्धियोग है रात्री 12:31 बजे तक। आज गुरु-पुष्य योग भी है। आज इन दोनों योगों के होने से सर्वार्थऽमृतसिद्धियोग का निर्माण हो रहा है। आज सभी सनातनी बंधुजन आज के इस दिव्य मुहूर्त का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए आप अपने जिस भी इष्ट देवता को मानते हों, उनका मूल मंत्र का जप ज्यादा से ज्यादा करें। दूसरा किसी विशिष्ट मनोकामना की पूर्ति हेतु आज आँवले के जड़ में घी के दीपक में एक चुटकी हल्दी डालकर जला देवें। बिटिया की शादी में विलम्ब हो रहा हो तो नहीं होगा अर्थात शीघ्र ही विवाह का योग बन जाएगा।।

हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी), आज के योग और आज के करण। आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातकों पर अपनी कृपा बनाए रखें। इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव ही सर्वश्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो। ऐसी मेरी आप सभी आज के अधिष्ठात्री देवों से हार्दिक प्रार्थना है।।

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वैदिक सनातन हिन्दू पञ्चांग, Vedic Sanatan Hindu Panchang पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi), 2:- वार (Day), 3:- नक्षत्र (Nakshatra), 4:- योग (Yog) और 5:- करण (Karan).

पञ्चांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग का श्रवण करते थे। शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है। वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।।

नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापों का नाश होता है। योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है। करण के पठन-श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति के लिए नित्य पञ्चांग को देखना, पढ़ना एवं सुनना चाहिए।।

Panchang 28 December 2023

आज का पञ्चांग 28 दिसम्बर 2023 दिन गुरुवार।।
Aaj ka Panchang 28 December 2023.

विक्रम संवत् - 2080.

संकल्पादि में प्रयुक्त होनेवाला संवत्सर - नल.

शक - 1945.

अयन – दक्षिणायन.

गोल - दक्षिण.

ऋतु – हेमन्त.

मास - पौष.

पक्ष - कृष्ण.

गुजराती पंचांग के अनुसार – मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष.

Panchang 28 December 2023

तिथि - प्रतिपदा 05:45 AM बजे तक उपरान्त द्वितीया तिथि है।।

नक्षत्र - पुनर्वसु 24:31 PM तक उपरान्त पुष्य नक्षत्र है।।

योग - ब्रह्म 02:41 AM तक उपरान्त ऐन्द्र योग है।।

करण - कौलव 05:45 AM तक उपरान्त तैतिल 19:20 PM तक उपरान्त गर करण है।।

चन्द्रमा - मिथुन राशि पर 18:09 PM तक उपरान्त कर्क राशि पर।।

सूर्य – धनु राशि एवं मूल नक्षत्र पर गोचर कर रहे हैं।।

मुम्बई सूर्योदय - प्रातः 07:13:39

मुम्बई सूर्यास्त - सायं 18:04:59

वाराणसी सूर्योदय - प्रातः 06:47:39

वाराणसी सूर्यास्त - सायं 17:13:20

राहुकाल (अशुभ) - सुबह 14:01 बजे से 15:23 बजे तक।।

विजय मुहूर्त (शुभ) - दोपहर 12.27 बजे से 12.51 बजे तक।।

Panchang 28 December 2023

द्वितीया तिथि विशेष - द्वितीया तिथि को कटेरी फल का तथा तृतीया तिथि को नमक का दान और भक्षण दोनों ही त्याज्य बताया गया है। द्वितीया तिथि सुमंगला और कार्य सिद्धिकारी तिथि मानी जाती है। इस द्वितीया तिथि के स्वामी भगवान ब्रह्माजी को बताया गया है। यह द्वितीया तिथि भद्रा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह द्वितीया तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ तथा कृष्ण पक्ष में शुभ फलदायिनी होती है।।

प्रजापति व्रत दूज को ही किया जाता है तथा किसी भी नये कार्य की शुरुआत से पहले एवं ज्ञान प्राप्ति हेतु ब्रह्माजी का पूजन अवश्य करना चाहिये। वैसे तो मुहूर्त चिंतामणि आदि ग्रन्थों के अनुसार द्वितीया तिथि अत्यन्त शुभ फलदायिनी तिथि मानी जाती है। परन्तु श्रावण और भाद्रपद मास में इस द्वितीया तिथि का प्रभाव शून्य हो जाता है। इसलिये श्रावण और भाद्रपद मास कि द्वितीया तिथि को कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिये।।

मित्रों, ज्योतिषशास्त्र कहता है, द्वितीया तिथि में जिस व्यक्ति का जन्म होता है, उस व्यक्ति का हृदय साफ नहीं होता है। इस द्वितीया तिथि में जन्मे जातक का मन किसी की खुशी को देखकर आमतौर पर खुश नहीं होता, बल्कि उनके प्रति ग़लत विचार रखता है। इनके मन में कपट और छल का घर होता है, ये अपने स्वार्थ को सिद्ध करने के लिए किसी को भी धोखा दे सकते हैं। इनकी बातें बनावटी और सत्य से बहुत दूर होती हैं। इनके हृदय में दया की भावना बहुत ही कम होती है तथा यह किसी की भलाई भी तभी करते हैं, जबकि उससे अपना भी कुछ लाभ हो। ये परायी स्त्री से अत्यधिक लगाव रखने वाले होते हैं जिसके वजह से कई बार इन्हें अपमानित भी होना पड़ता है।।

Panchang 28 December 2023

पुनर्वसु नक्षत्र के जातकों का गुण एवं स्वभाव:- पुनर्वसु नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति बेहद मिलनसार और दूसरों से प्रेमपूर्वक व्यवहार रखने वाले होते हैं। परन्तु बहुत कम लोग आपके स्नेहपूर्वक व्यवहार को समझ पाते हैं और प्रायः आपके व्यवहार को कायरता से जोड़ देतें हैं। आपके गुप्त शत्रुओं की संख्या अधिक होती है। आपको अधिक संतान की प्राप्ति भी होती है परन्तु उनका आपस में या आप के साथ व्यवहार सौहार्दपूर्ण नहीं होता है।।

सहयोगी, पडोसी या ससुराल पक्ष में आप के प्रति षड़यंत्र बनते रहते हैं। पुनर्वसु नक्षत्र में जन्मे जातकों को सबसे अधिक भय अपने निकटतम मित्रों से होता है। क्योंकि जीवन में कभी न कभी आप अपने मित्रों द्वारा ही विश्वासघात के शिकार होते हैं। आप स्वभाव से शांत प्रकृति के व्यक्ति होंगे। परन्तु आप देखने में सुन्दर और सुशील होते हैं। अपने दानी स्वभाव के कारण मित्रों और समाज में अधिक लोकप्रिय होते हैं।।

आजीवन धन और बल से युक्त रहते हैं। आपको समाज में मान-प्रतिष्ठा की कमी नहीं रहती। आप सहनशील एवं अपने भाई-बहनों से प्रेम करने वाले होते हैं। ईश्वर में पूर्ण आस्था एवं लोक-परलोक का विचार सदैव आपके मन में रहता है। इसलिए आप सदा ही सात्विक आचरण का समर्थन करते हैं। आप स्वभाव से सुन्दर एवं सात्विक आचरण वाले होंगे। आप खांसी, निमोनिया, सुजन, फेफड़ों में दर्द एवं कान से सम्बंधित रोग होने की संभावनायें होती है।।

प्रथम चरण:- पुनर्वसु नक्षत्र का स्वामी गुरु है। इसके प्रथम चरण का स्वामी मंगल हैं। मंगल और बृहस्पति दोनों मित्र ग्रह हैं। फलस्वरूप ऐसा जातक अपने जीवन में अनेकों सुख भोगता है। लग्नेश बुध की दशा शुभ फल देगी। शनि की दशा में भाग्योदय होगा। बृहस्पति की दशा में गृहस्थ एवं नौकरी का सुख मिलेगा।।

द्वितीय चरण:- पुनर्वसु नक्षत्र का स्वामी गुरु है। इसके द्वितीय चरण का स्वामी शुक्र हैं। बृहस्पति देवगुरु हैं तथा शुक्राचार्य दैत्यों के आचार्य हैं। अतः दोनों आचार्यों, बृहस्पति एवं शुक्र से सम्बन्ध रखने वाला जातक विद्वान् होगा। लग्नेश बुध की दशा माध्यम फल देगी। बृहस्पति की दशा में जातक का भाग्योदय होगा।।

तृतीय चरण:- पुनर्वसु नक्षत्र का स्वामी गुरु है। इसके तृतीय चरण का स्वामी बुध हैं। जो परस्पर विरोधी हैं। अतः पुनर्वसु नक्षत्र के तृतीय चरण में पैदा होने वाला जातक आजीवन रोगी होगा और कोई न कोई बीमारी उसे जीवन भर परेशान करेगी। बृहस्पति एवं बुध की दशाएं नेष्ट फल देंगी।।

चतुर्थ चरण:- पुनर्वसु नक्षत्र का स्वामी गुरु है। इसके चतुर्थ चरण का स्वामी चन्द्र हैं। पुनर्वसु नक्षत्र के चौथे चरण में पैदा होने वाला जातक धन बल से युक्त, कवी ह्रदय, संगीत प्रेमी, कम प्रयत्न से अधिक लाभ कमाने वाला परन्तु स्वभाव से कामुक होता है। इस नक्षत्र पर मंगल का होना जातक को स्वार्थी बना देता है और गुरु की उपस्थिति में जातक समाज के सम्मानजनक पदों पर आसीन होता है।।

Panchang 28 December 2023
गुरुवार शॉपिंग के लिये अच्छा दिन माना जाता है।।
गुरुवार का विशेष - गुरुवार के दिन तेल मर्दन करने से धन एवं यश की हानि होती है - (मुहूर्तगणपति)।।

गुरुवार को क्षौरकर्म (बाल दाढी अथवा नख काटने या कटवाने) से तथा सर के बाल धोना, कपड़े धुलना अथवा धोबी के घर डालना, घर-आँगन की गोबर आदि से लिपाई करना इस प्रकार के कार्य नहीं करने चाहियें इससे धन एवं पूण्य की हानी होती है और लक्ष्मी घर छोड़कर चली जाती है।। (महाभारत अनुशासनपर्व)।।

महिलाओं की जन्मकुंडली में बृहस्पति पति का कारक ग्रह होता है। साथ ही बृहस्पति ही संतान का कारक ग्रह भी होता है। इसलिये बृहस्पति ग्रह अकेले ही स्त्री के संतान और पति दोनों के जीवन को प्रभावित करता है। अतः बृहस्पतिवार को सिर धोना बृहस्पति को कमजोर बनाता है जिससे कि बृहस्पति के शुभ प्रभाव में कमी आती है। इसी कारण से इस दिन बाल धोना या कटवाना भी नहीं चाहिए। इसका असर संतान और पति के जीवन पर पड़ता है और उनकी उन्नति बाधित होती है।।

वास्तु अनुसार घर के ईशान कोण का स्वामी गुरु होता है। ईशान कोण का संबंध परिवार के नन्हे सदस्यों यानी कि बच्चों से होता है। साथ ही घर के पुत्र संतान का संबंध भी इसी कोण से ही होता है। ईशान कोण धर्म और शिक्षा की दिशा है इसलिये घर में शुद्ध वजन वाले कपड़ों को धोना, कबाड़ घर से बाहर निकालना, घर को धोना या पोछा लगाना इत्यादि घर के ईशान कोण को कमजोर करता है। उससे घर के बच्चों, पुत्रों, घर के सदस्यों की शिक्षा, धर्म आदि पर गुरु का शुभ प्रभाव कम होता है।।

Panchang 28 December 2023

गुरुवार भगवान लक्ष्मी नारायण का दिन होता है। इसलिये इस दिन लक्ष्मी और नारायण का एक साथ पूजन करने से जीवन में अपार खुशियाँ आती है। इस दिन लक्ष्मी और नारायण का एक साथ पूजन करने से पति-पत्नी के बीच कभी दूरियाँ नहीं आती है साथ ही धन की वृद्धि भी होती है। जन्मकुंडली में गुरु ग्रह के प्रबल होने से उन्नति के रास्ते आसानी से खुलते हैं। परन्तु यदि गुरु ग्रह को कमजोर करने वाले कार्य किए जाए तो प्रमोशन होने में भी रुकावटें आती है।।

गुरुवार को गुरु ग्रह को कमजोर किए जाने वाले काम करने से धन की वृद्धि रुक जाती है। जैसे - सिर के बाल धोना, भारी कपड़े धोना, बाल कटवाना, शेविंग करवाना, शरीर के बालों को साफ करना, फेशियल करवाना, नाखून काटना, घर से मकड़ी के जाले साफ करना, घर के उन कोनों की सफाई करना जिन कोनों की रोज सफाई नहीं की जाती हो। ये सभी काम गुरुवार को करने से धन हानि होता है तथा तरक्की रुक जाती है।।

दिशाशूल - गुरुवार के दिन दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो दही खा कर यात्रा कर सकते है।।

गुरुवार के दिन ये विशेष उपाय करें - गुरु धन एवं प्रतिष्ठा का कारक ग्रह होता है। जिस व्यक्ति पर गुरु की कृपा होती है उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है। गुरुवार के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान ध्यान करें और घी का दीप जलाकर भगवान विष्णु की पूजा करें। इसके बाद विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें बिगड़े काम भी बन जायेंगे।।

Panchang 28 December 2023

बृहस्पतिवार को जिनका जन्म होता है, वह व्यक्ति विद्या एवं धन से युक्त होता है अर्थात ये ज्ञानी और धनवान होते हैं। ये विवेकशील होते हैं और शिक्षण को अपना पेशा बनाते हैं। ये लोगों के सम्मुख आदर और सम्मान के साथ प्रस्तुत होते हैं तथा उच्च स्तर के सलाहकार भी होते हैं। गुरुवार में जन्मे जातक सभ्य, खिलते रंग के, सुशील एवं मधुर स्वभाव के होते हैं तथा धर्म के प्रति सचेत होते हैं।।

ये सभी सद्गुणों से संपन्न होने के वजह से किसी के साथ विश्वासघात नहीं करते हैं। ऐसे लोग किसी का हक नहीं मारते तथा न्याय के प्रति सजग होते हैं। यह सफल राजनीतिज्ञ, न्यायधीश, क्लर्क, प्रकाशक एवं धर्मगुरु आदि के रूप में सफल होते हैं। गुरुवार को जन्मं लेने वाले व्यसक्ति बेहद मिलनसार और मधुर स्वभाव के होते हैं। ये जीवन को उत्सफव की तरह जीते हैं इसलिए हमेशा खिले-खिले रहते हैं।।

ऐसे व्यक्ति धर्म में विशेष रुचि रखने वाले होते हैं। धार्मिक प्रवृत्ति के कारण ये कभी किसी के साथ विश्वाससघात नहीं कर सकते हैं। यह किसी का हक भी नहीं मारते, न्याय के प्रति सजग होते हैं। इनको अपने जीवन में सफलता हेतु धर्मगुरु, राजनीतिज्ञ, पत्रकार, लेखक, प्रकाशक एवं न्यायधीश आदि के क्षेत्र में भाग्य आजमाना चाहिये। इनका शुभ दिन मंगलवार और बृहस्पितिवार तथा शुभ अंक 4 होता है।।

आज का विचार - मित्रों, हम अपनी पिछली गलतियों से सबक लेकर अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं। परन्तु याद रहे कि होशियार लोग अपनी गलती से लेते हैं, जबकि ज्यादा होशियार लोग दूसरों की गलतियों से गलतियों को दुहराना सीखते हैं। इसलिये अपनी गलतियों को सुधारना ही व्यक्ति में इंसानियत लाता है।।

Panchang 28 December 2023

जन्मकुण्डली के अनुसार आपके जीवन में धन कैसे और कब आयेगा ?।।.... आज के इस लेख को पूरा पढने के लिये इस लिंक को क्लिक करें..... वेबसाईट पर पढ़ें:  & ब्लॉग पर पढ़ें:

"क्या बाबा के सर सज रही है, UP का ताज? क्या बाबा फिर CM बन सकते हैं।।" - My Latest video.

"क्या कहती है अखिलेश यादव की कुंडली? क्या मिलेगी सत्ता?।।" - My Latest video.

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Panchang 28 December 2023

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