
क्या कहते हैं ज्योतिष शास्त्र?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कई बार व्यक्ति बिना किसी गलती के भी बदनामी का शिकार हो जाता है। किसी अन्य की गलती का प्रभाव, झूठे आरोप, या समाज में सम्मान की हानि—इन सबका संबंध व्यक्ति की जन्म कुंडली से हो सकता है।
अगर सही समय पर ज्योतिषीय उपाय किए जाएं, तो इस दोष से बचा जा सकता है और जीवन में प्रतिष्ठा बनी रह सकती है।
कुंडली में बदनामी और कलंक योग के प्रमुख कारण
कुंडली में कुछ विशेष ग्रह योग और युतियां (संयोग) अपमान और बदनामी का कारण बन सकती हैं। पूर्ण अध्ययन के लिए प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली का विश्लेषण करना आवश्यक है।
निम्नलिखित योग बदनामी और कलंक के संकेत दे सकते हैं:
ग्रह योग | संभावित प्रभाव |
---|---|
बृहस्पति की खराब स्थिति | गलत निर्णय, समाज में सम्मान की हानि |
सूर्य-राहु या सूर्य-केतु की युति | प्रशासनिक समस्या, मानहानि |
मंगल-राहु युति | क्रोधजनित विवाद, कानूनी समस्या |
सूर्य-शनि युति या परस्पर दृष्टि | सरकारी विवाद, पद-प्रतिष्ठा की हानि |
शनि-राहु युति | झूठे आरोप, कोर्ट-कचहरी के मामले |
5वें, 8वें या 12वें भाव में क्रूर ग्रहों की युति | मानसिक कष्ट, गुप्त शत्रु |
5वें, 7वें, 11वें, 12वें भाव में पाप ग्रहों की युति | सामाजिक अपमान, संबंधों में कलह |
राहु और शुक्र की युति | दुष्चरित्र या अनैतिक मामलों से जुड़ी बदनामी |
शनि की साढ़े साती या ढैय्या | बार-बार अपमान और मानसिक पीड़ा |
यदि इनमें से कोई भी योग आपकी कुंडली में हो, तो जल्द से जल्द उचित उपाय करने चाहिए।
बदनामी योग के ज्योतिषीय उपाय
बृहस्पति को मजबूत करने के लिए – हर गुरुवार पीली वस्तुओं का दान करें।
सूर्य-राहु दोष के लिए – सूर्य को अर्घ्य दें और राहु के लिए ऊँ रां राहवे नमः का जाप करें।
शनि-राहु दोष शांति के लिए – पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
मंगल-राहु युति के लिए – मंगल के लिए हनुमान जी की पूजा करें, सुंदरकांड का पाठ करें।
शुक्र-राहु युति दोष के लिए – माता लक्ष्मी की आराधना करें और सफेद वस्त्र पहनें।
साढ़े साती और ढैय्या के प्रभाव को कम करने के लिए – शनिदेव की उपासना करें और काली वस्तुओं का दान करें।