💥 गयाजी धाम मोक्षतीर्थ विस्तृत जानकारी 💥 गयाजी में पिंडदान करने से मिलती है पितरों की मुक्ति
गयाजी, बिहार में स्थित एक अत्यंत पवित्र तीर्थ स्थल है, जिसे मोक्षतीर्थ के रूप में जाना जाता है। यह स्थल भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं में अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यहाँ पिंडदान करने से पितरों की मुक्ति मिलती है, जिससे यह स्थल हर साल लाखों श्रद्धालुओं का केंद्र बनता है।
आचार्य सुबोध पाठक का योगदान
आचार्य सुबोध पाठक, जो गयाजी धाम के प्रमुख विद्वान हैं, का मानना है कि गयाजी में पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। उनका संपर्क नंबर 9576015726 और 9122360905 है, जबकि ऑफिस का संपर्क नंबर 6299064678 है।
अश्विनी नक्षत्र पेड़ पौधे
अश्विनी नक्षत्र जिनका है ऐसे जातक के लिए अश्वत्थ वृक्ष, जिसे पीपल वृक्ष भी कहा जाता है, अश्विनी नक्षत्र से सम्बंधित है..
ये पेड़ पौधे शारीरिक शक्ति और जीवन शक्ति को बढ़ाते हैं....
इस नक्षत्र के जातक इस पेड़ की पूजा करने से सुरक्षा और उपचार जरूर मिलता है....
प्रत्येक ग्रह के लिए निर्धारित पेड़ -पौधे :-का प्रयोग करने से अंतश्चेतना में सकारात्मक सोच का संचार होता है तत्पश्चात हमारी मनोकामनाये शनै शनै पूरी होने लगती है।आप सब सुखी रहे ,प्रसन्न रहे, मस्त रहें और स्वस्थ रहें ।
सूर्य – अकोन ( एकवन) ,
चन्द्रमा – पलास,
मंगल – खैर,
बुद्ध – चिरचिरी,
गुरु – पीपल,
शुक्र – गुलड़,
शनि – शमी,
राहु – दुर्वा ,
केतु – कुश
बारह राशियों के लिए निर्धारित पेड़ पौध :- का प्रयोग करने से अंतश्चेतना में सकारात्मक सोच का संचार होता है तत्पश्चात हमारी मनोकामनाये शनै शनै पूरी होने लगती है। आप सब सुखी रहे ,प्रसन्न रहे, मस्त रहें और स्वस्थ रहें ।
राशि – पेड़-पौधे
मेष – आंवला ,
वृष – जामुन,
मिथुन – शीशम,
कर्क – नागकेश्वर,
सिंह – पलास,
कन्या – रिट्ठा,
तुला – अजरुन,
वृश्चिक – भालसरी,
धनु – जलवेतस,
मकर – अकोन,
कुंभ – कदम्ब
मीन – नीम
27 नक्षत्रो के लिए निर्धारित पेड़ पौधे :- का प्रयोग करने से अंतश्चेतना में सकारात्मक सोच का संचार होता है तत्पश्चात हमारी मनोकामनाये शनै शनै पूरी होने लगती है।आप सब सुखी रहे ,प्रसन्न रहे, मस्त रहें और स्वस्थ रहें ।
अश्विनी – कोचिला,
भरनी – आंवला ,
कृतका – गुल्लड़ ,
रोहिणी – जामुन ,
मृगशिरा – खैर ,
आद्रा – शीशम ,
पुनर्वसु – बांस ,
पुष्य – पीपल ,
अश्लेषा – नागकेसर,
मघा – बट,
पूर्वा फाल्गुन – पलास,
उत्तरा फाल्गुन – पाकड़,
हस्त – रीठा,
चित्रा – बेल,
स्वाती - अजरुन,
विशाखा – कटैया ,
अनुराधा – भालसरी ,
ज्योष्ठा – चीर,
मूला – शाल,
पूर्वाषाढ़ – अशोक ,
उत्तराषाढ़ – कटहल ,
श्रवण – अकौन,
धनिष्ठा – शमी,
शतभिषा – कदम्ब ,
पूर्व भाद्र – आम,
उत्तरभाद्र – नीम ,
रेवती – महुआ