दिवाली, जिसे दीपावली के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार न केवल अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है, बल्कि यह हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, समृद्धि और स्वास्थ्य लाने का भी अवसर है। इस वर्ष, हम सेवेन चक्रा (सात चक्रों) की विशेषता पर ध्यान केंद्रित करेंगे और जानेंगे कि ये चक्र कैसे हमारे जीवन में दिवाली के अवसर पर विशेष उपायों और लाभों के रूप में कार्य कर सकते हैं।
चक्रों का महत्व
चक्र भारतीय योग और चिकित्सा में महत्वपूर्ण होते हैं। ये ऊर्जा के केंद्र हैं जो शरीर के विभिन्न अंगों और भावनाओं से जुड़े होते हैं। कुल मिलाकर सात चक्र होते हैं:
मूलाधार चक्र (Root Chakra): यह चक्र स्थिरता और सुरक्षा से जुड़ा है।
स्वाधिष्ठान चक्र (Sacral Chakra): यह चक्र भावनाओं और संबंधों से संबंधित है।
मणिपूर चक्र (Solar Plexus Chakra): यह चक्र आत्मविश्वास और शक्ति का प्रतीक है।
अनाहत चक्र (Heart Chakra): यह चक्र प्रेम और संबंधों का केंद्र है।
विशुद्ध चक्र (Throat Chakra): यह चक्र संचार और आत्म-अभिव्यक्ति से संबंधित है।
आज्ञा चक्र (Third Eye Chakra): यह चक्र अंतर्ज्ञान और मानसिक स्पष्टता का प्रतीक है।
सहस्रार चक्र (Crown Chakra): यह चक्र आध्यात्मिकता और चेतना से जुड़ा है।
सेवेन चक्रा के माध्यम से दिवाली के लिए विशेष उपाय
मूलाधार चक्र के लिए उपाय
उपाय:
मिट्टी के दीये: दिवाली पर मिट्टी के दीये जलाएं। यह स्थिरता और सुरक्षा को बढ़ावा देता है।
सफेद रंग का भोजन: चावल और दूध का सेवन करें।
लाभ:
यह चक्र आपके जीवन में संतुलन और स्थिरता लाने में मदद करेगा। साथ ही, यह भौतिक और मानसिक दोनों तरह की सुरक्षा का एहसास कराता है।
स्वाधिष्ठान चक्र के लिए उपाय
उपाय:
फलों का भोग: अनार और संतरे जैसे फलों का भोग लगाएं। ये फल जीवन में नई ऊर्जा और प्रेम लाते हैं।
तिल का उपयोग: तिल के लड्डू बनाएं और उन्हें चढ़ाएं।
लाभ:
यह चक्र आपके भावनात्मक संबंधों को मजबूत करेगा और रचनात्मकता में इजाफा करेगा।
मणिपूर चक्र के लिए उपाय
उपाय:
सूरजमुखी के बीज: सूरजमुखी के बीजों का सेवन करें। ये बीज आत्मविश्वास बढ़ाते हैं।
योगासनों का अभ्यास: ताड़ासन और भुजंगासन करें।
यह चक्र आपकी आत्मविश्वास को बढ़ाएगा और आपको सफलता की ओर अग्रसर करेगा। यह आपके निर्णय लेने की क्षमता को भी सुधारता है।
अनाहत चक्र के लिए उपाय
उपाय:
गुलाब के फूल: गुलाब के फूलों का इस्तेमाल करें और उनकी पूजा करें। यह प्रेम और करुणा का प्रतीक है।
प्रेम और करुणा का ध्यान: ध्यान में प्रेम और करुणा का ध्यान करें।
लाभ:
यह चक्र आपके प्रेम और संबंधों में गहराई लाएगा और भावनात्मक स्थिरता प्रदान करेगा।
विशुद्ध चक्र के लिए उपाय
उपाय:
कंठिका का जाप: "हं" मंत्र का जाप करें। यह चक्र संचार की ऊर्जा को बढ़ाता है।
संचार का अभ्यास: अपनी भावनाओं को स्पष्टता से व्यक्त करें।
लाभ:
यह चक्र आपके संचार कौशल को मजबूत करेगा और आपके विचारों को स्पष्टता से प्रकट करने में मदद करेगा।
आज्ञा चक्र के लिए उपाय
उपाय:
अक्षत चढ़ाना: अक्षत (कच्चा चावल) का उपयोग करें।
ध्यान: तीसरी आंख पर ध्यान केंद्रित करें।
लाभ:
यह चक्र आपकी अंतर्ज्ञान और मानसिक स्पष्टता को बढ़ाएगा, जिससे आप निर्णय लेने में सक्षम होंगे।
सहस्रार चक्र के लिए उपाय
उपाय:
आध्यात्मिक ग्रंथों का अध्ययन: गीता या उपनिषदों का अध्ययन करें।
शांत ध्यान: रोजाना ध्यान करने की आदत डालें।
लाभ:
यह चक्र आपकी आध्यात्मिकता को गहराई देगा और चेतना को बढ़ाएगा। यह चक्र आपको ध्यान और समर्पण की गहराई में ले जाता है।
दिवाली के समय विशेष चक्र उपायों के लाभ
आध्यात्मिक उन्नति
दिवाली के अवसर पर चक्रों को सक्रिय करना आपके आध्यात्मिक जीवन में उन्नति लाने में मदद करता है। यह आपके जीवन में नई ऊर्जा और प्रेरणा भरता है।
सकारात्मक ऊर्जा का संचार
चक्रों का संतुलन आपके जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा का संचार करता है। यह नकारात्मकता को दूर करता है और आपके आस-पास का वातावरण सुखद बनाता है।
भावनात्मक स्वास्थ्य
दिवाली पर चक्रों के उपाय करने से भावनात्मक स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह आपके रिश्तों को मजबूत करता है और भावनात्मक संतुलन लाता है।
सामाजिक संबंधों में मजबूती
चक्रों का संतुलन आपके सामाजिक संबंधों को भी मजबूत बनाता है। यह आपको दूसरों के साथ बेहतर तरीके से संवाद करने में मदद करता है।
आर्थिक समृद्धि
सही चक्र उपायों से आर्थिक समृद्धि की संभावनाएं बढ़ती हैं। यह व्यापार में सफलता और धन की वर्षा का प्रतीक है।
विशेष ध्यान
सकारात्मक सोच: चक्रों के उपाय करते समय सकारात्मक सोच बनाए रखें। इससे ऊर्जा का प्रवाह बढ़ेगा।
नियमितता: उपायों को नियमित रूप से करने से अधिक लाभ मिलता है।
आध्यात्मिक अनुशासन: ध्यान और पूजा के समय शांत और एकाग्र रहें।
दिवाली का पर्व न केवल धन और समृद्धि का प्रतीक है, बल्कि यह हमारे चक्रों को संतुलित करने और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने का भी अवसर है। सेवेन चक्रों के उपायों को अपनाकर, हम न केवल अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि अपने व्यवसाय और संबंधों में भी सुधार ला सकते हैं।
इस दिवाली, अपने चक्रों को सक्रिय करें और जीवन में सकारात्मकता का संचार करें। चक्रों के संतुलन से आप नए अवसरों और सफलताओं की प्राप्ति कर सकते हैं।
Jai Mata Di I am Astro Himanshu Bhardwaj, son of Shri Astro Rajesh Bhardwaj, a young astrologer in the world of astrology.
I belong to a Brahmin family, hence since childhood I have had a distinct interest in astrology and our religious scriptures and the Vedas.
I got the company of my father and my guru Astro Rajesh Sharma ji right from my childhood and due to this,
my interest in astrology was awakened and I received education from him only.
In today's world, where many people say that things like astrology or astrology are superstitions,
I believe that scientific evidence of all these things is available in our religion and we should unite and support this golden age of our religion,
Sanatan and astrology. History should be taken forward and awareness should be spread among the people.
Through my studies and knowledge acquired over many years, I want to awaken the coming generation and always dedicate myself for the welfare of humanity.
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