अष्टम भाव को ज्योतिष में गूढ़ और रहस्यमयी भाव माना जाता है। यह जीवन में अचानक आने वाली घटनाओं, मृत्यु, दीर्घायु, दुर्घटनाएँ, जटिल स्वास्थ्य समस्याएँ, गुप्त ज्ञान और पुनर्जन्म जैसी चीजों से संबंधित होता है। जब सूर्य और बुध अष्टम भाव में एक साथ होते हैं, तो बुधादित्य योग का निर्माण होता है, जो जातक के जीवन में विभिन्न प्रकार की चुनौतियों और अनुभवों का संकेत देता है। आइए इस योग को विस्तार से समझते हैं:
सहयोग करने की प्रवृत्ति:
अष्टम भाव में बुधादित्य योग के कारण जातक में दूसरों की मदद करने और सहयोग करने की प्रवृत्ति होती है। वह अपने दोस्तों, परिवार, या सहयोगियों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहता है, चाहे वह किसी भी स्थिति में हो।
स्वयं उलझने की संभावना:
हालाँकि जातक दूसरों की सहायता करने की इच्छा रखता है, लेकिन इसका परिणाम यह होता है कि वह स्वयं उलझ जाता है। दूसरों की समस्याओं को सुलझाने के प्रयास में, वह अपनी समस्याओं में और गहराई से फँस जाता है। कई बार, यह उलझाव आर्थिक, मानसिक या शारीरिक रूप से हानिकारक हो सकता है। बुध की चतुराई और सूर्य की नेतृत्व क्षमता होते हुए भी, जातक दूसरों की मदद करते-करते स्वयं परेशानी में पड़ सकता है।
शारीरिक चोट का खतरा:
अष्टम भाव जीवन में अचानक आने वाली घटनाओं और दुर्घटनाओं से संबंधित होता है। बुधादित्य योग के प्रभाव से जातक को दुर्घटनाओं का भय बना रहता है। विशेष रूप से पैर, हाथ, गाल, नाखून और दाँत पर चोट लगने की संभावना अधिक होती है।
यह योग जातक को सावधान रहने की आवश्यकता को इंगित करता है। उसे अपने शारीरिक स्वास्थ्य और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि अष्टम भाव में बुधादित्य योग के प्रभाव से दुर्घटनाओं की आशंका अधिक हो सकती है।
नाखून और दाँत की समस्याएँ:
इस योग के प्रभाव से जातक को नाखून और दाँत से संबंधित समस्याएँ भी हो सकती हैं। नाखूनों का टूटना या कमजोर होना, दाँतों में दर्द या अन्य दंत समस्याएँ, जातक के लिए चिंता का विषय बन सकती हैं। बुधादित्य योग अष्टम भाव में इन शारीरिक अंगों पर विशेष प्रभाव डालता है, जिससे जातक को इन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में सफलता:
बुधादित्य योग के कारण जातक विदेशी मुद्रा और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से लाभ प्राप्त कर सकता है। बुध व्यापार और वाणिज्य का कारक ग्रह है, और अष्टम भाव में इसका सूर्य के साथ संयोग जातक को विदेशों से व्यापारिक लाभ प्रदान करता है।
जातक को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार या विदेशी मुद्राओं से जुड़े कार्यों में सफलता प्राप्त हो सकती है। वह विदेशी ग्राहकों, निवेशों, या व्यापारिक सौदों से लाभ उठा सकता है। इसके अलावा, विदेश यात्रा या विदेश में रहने का अवसर भी प्राप्त हो सकता है।
किडनी स्टोन:
अष्टम भाव में बुधादित्य योग के कारण जातक को गुर्दे की पथरी (किडनी स्टोन) की समस्या हो सकती है। यह योग शरीर में किडनी से संबंधित विकार उत्पन्न कर सकता है, जिसके कारण गुर्दे में पथरी का निर्माण हो सकता है।
गुर्दे की समस्याओं का सामना करने के लिए जातक को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, जैसे अधिक पानी पीना और उचित आहार लेना। यदि पहले से किडनी स्टोन की समस्या हो, तो चिकित्सकीय सलाह लेना आवश्यक हो सकता है।
आमाशय में जलन और आंतों के विकार:
बुधादित्य योग के प्रभाव से जातक को आमाशय (पेट) में जलन की समस्या हो सकती है। यह योग पाचन तंत्र को प्रभावित करता है, जिसके परिणामस्वरूप जातक को पेट में असामान्य जलन या अपच का सामना करना पड़ सकता है।
इसके अलावा, आंतों में विकार उत्पन्न हो सकते हैं, जैसे पेट में गैस, दस्त, कब्ज, या अन्य आंतों से संबंधित समस्याएँ। यह योग पाचन तंत्र की कमजोरी को इंगित करता है, और जातक को अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
रहस्यमय और गूढ़ ज्ञान:
अष्टम भाव गुप्त और रहस्यमयी ज्ञान से संबंधित होता है। बुधादित्य योग के कारण जातक गूढ़ विषयों, ज्योतिष, तंत्र-मंत्र, गुप्त विज्ञानों, या गहरे रहस्यों में विशेष रुचि रख सकता है।
जातक का स्वभाव जिज्ञासु और अनुसंधानात्मक होता है। उसे गहरे और रहस्यमयी विषयों में गहन अध्ययन करने में रुचि होती है, और वह अपने ज्ञान का उपयोग जटिल समस्याओं को सुलझाने में कर सकता है। यह योग जातक को गुप्त विद्याओं या गहरे रहस्यों में पारंगत बनाता है।
सकारात्मक प्रभाव:
बुधादित्य योग जातक को बुद्धिमान, चतुर, और आत्मविश्वासी बनाता है। अष्टम भाव में होने के कारण जातक को गूढ़ ज्ञान, गहरे अनुसंधान, और रहस्यमयी विषयों में विशेष रुचि होती है।
जातक को विदेशी मुद्रा, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, या विदेश से जुड़े कार्यों में सफलता प्राप्त हो सकती है। वह अपने जीवन में अप्रत्याशित धन लाभ प्राप्त कर सकता है, विशेष रूप से अगर वह विदेशों से जुड़े कार्यों में शामिल हो।
नकारात्मक प्रभाव:
बुधादित्य योग अष्टम भाव में जातक को शारीरिक स्वास्थ्य से संबंधित चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। दुर्घटनाएँ, शारीरिक चोट, नाखून और दाँत की समस्याएँ, किडनी स्टोन, आमाशय में जलन, और आंतों से संबंधित विकार इस योग के नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं।
जातक दूसरों की मदद करने के प्रयास में स्वयं उलझ सकता है, और उसे आर्थिक या मानसिक हानि का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, जातक को अपने स्वास्थ्य और शारीरिक सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है, ताकि वह दुर्घटनाओं और शारीरिक समस्याओं से बच सके।
Jai Mata Di I am Astro Himanshu Bhardwaj, son of Shri Astro Rajesh Bhardwaj, a young astrologer in the world of astrology.
I belong to a Brahmin family, hence since childhood I have had a distinct interest in astrology and our religious scriptures and the Vedas.
I got the company of my father and my guru Astro Rajesh Sharma ji right from my childhood and due to this,
my interest in astrology was awakened and I received education from him only.
In today's world, where many people say that things like astrology or astrology are superstitions,
I believe that scientific evidence of all these things is available in our religion and we should unite and support this golden age of our religion,
Sanatan and astrology. History should be taken forward and awareness should be spread among the people.
Through my studies and knowledge acquired over many years, I want to awaken the coming generation and always dedicate myself for the welfare of humanity.
Today, through ALLSO, I have got such an opportunity that today I am in front of you all and am present to help you all.
Please Vist Our Best Brand Astrologer's
Consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod
tempor incididuesdeentiut labore
etesde dolore magna aliquapspendisse and the gravida.
Here You Can See Daily Updates For Any Event, Astrology, Your Life
© Copyright 2022-2023 allso.in Designed by Ved Shastra Astro Pvt. Ltd.