श्राद्ध कर्म एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जिसके माध्यम से हम अपने पितरों को तृप्त कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह अनुष्ठान न केवल हमारे पितरों को संतुष्ट करता है, बल्कि इसे करने से हमारे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है। शास्त्रों में श्राद्ध से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें कही गई हैं, जिनका पालन करने से पितर और देवता प्रसन्न होते हैं।
डॉ. दामोदर बंसल
Astrologer & Vedic Astrologer
27 वर्षों का अनुभव
डॉ. दामोदर बंसल एक विख्यात अंतर्राष्ट्रीय और सेलिब्रिटी ज्योतिषी हैं, जिनका 27 वर्षों का अनुभव उन्हें ज्योतिष, वास्तु शास्त्र, और तंत्र-मंत्र विज्ञान के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम बनाता है। इनके द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें कई महत्वपूर्ण पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है:
राष्ट्रपति पुरस्कार (1992) - समाज सेवा के लिए
संयुक्त राष्ट्र "Real Super Heroes" पुरस्कार (2022)
और कई अन्य राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय सम्मान
डॉ. दामोदर बंसल के अनुभव और ज्ञान से लाभान्वित होकर जीवन में सफलता, सुख, और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं। इनके परामर्श के आधार पर श्राद्ध कर्म करने से पितरों की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे जीवन में उन्नति और शांति का वास होता है।
best astrologer dr.damodar bansal
श्राद्ध में इन व्यक्तियों को निमंत्रित करें:
मातामहं मातुलं च स्वस्रीयं श्वशुरं गुरुम्
दौहित्रं बिट्पति बन्धु ऋत्विज याज्यौ च भोजयेत्
इस श्लोक के अनुसार, श्राद्ध के अवसर पर निम्नलिखित व्यक्तियों को निमंत्रित किया जाना चाहिए:
नाना (मातामह) मामा (मातुल) भानजा (दौहित्र) गुरु श्वसुर दामाद (बिट्पति) बंधु (निकट संबंधी) यज्ञकर्ता (ऋत्विज) पुरोहित (याज्य) ब्राह्मण
जो लोग इन विशेष व्यक्तियों को श्राद्ध में आमंत्रित नहीं करते, उनके श्राद्ध से पितर संतुष्ट नहीं होते और शास्त्रों के अनुसार ऐसे श्राद्ध से कोई लाभ नहीं होता।
best vedic astrologer dr.damodar bansal
ब्राह्मण का महत्व:
नाश्नन्ति तस्य वै गेहे पितरो विप्रवर्जिता:!
शापं दत्वा ततो यान्ति श्राद्धाद्विप्रं विवर्जितात्!
शास्त्रों के अनुसार, श्राद्ध कर्म में ब्राह्मण का होना अत्यंत आवश्यक है। बिना ब्राह्मण के श्राद्ध करने से पितर प्रसन्न नहीं होते और वे श्राप देकर चले जाते हैं। इससे परिवार पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
अत्यधिक विस्तार से बचें:
द्वौ दैवे पितृकार्ये त्रीनेकैकमुभयत्र वा।
भोजयेत्सुसमृद्धोऽपि न प्रसज्जेत विस्तरे।।
श्राद्ध कर्म में अधिक विस्तार और दिखावे से बचना चाहिए। इसे सादगी और श्रद्धा से करना चाहिए ताकि पितर संतुष्ट हो सकें।
मित्रों को श्राद्ध में न बुलाएं:
यस्य मित्रप्रधानानि श्राद्धानि च हवीन्षि च।
न प्रीणन्ति पितृन् देवान् स्वर्गं च न स गच्छति।।
श्राद्ध में मित्रों को निमंत्रित करना उचित नहीं माना गया है। इसका कारण यह है कि श्राद्ध एक पवित्र अनुष्ठान है और इसमें मित्रों की प्रधानता रखने से पितर और देवता तृप्त नहीं होते। मित्रों को संतुष्ट करने के लिए अन्य अवसरों पर उपहार या सम्मान देना उचित होता है।
श्राद्ध का लाभ:
आयु: पुत्रान् यश: स्वर्ग कीर्तिं पुष्टिं बलं श्रियम्।
पशुन् सौख्यं धनं धान्यं प्राप्नुयात् पितृपूजनात्!!
पितरों की पूजा और श्राद्ध कर्म से व्यक्ति को आयु, संतान सुख, यश, कीर्ति, बल, धन-धान्य, और सुख की प्राप्ति होती है। पितरों के आशीर्वाद से जीवन में किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं आती और परिवार में सुख-शांति का वास होता है।
आप सभी पर पितरों की कृपा बनी रहे और आपके परिवार में सुख-समृद्धि का वास हो। इस मंगल कामना के साथ...
इस प्रकार अब आपका कंटेंट और अधिक समृद्ध व प्रभावी हो गया है। इसमें डॉ. दामोदर बंसल के अनुभव और उनकी प्रतिष्ठा को भी जोड़ा गया है, जिससे इसका प्रभाव और भी बढ़ गया है।
Planets Magic Astrology, healing and counselling services.
Vaishalee suryavanshi is a new professional astrologer she is providing astrological services to clients. Specializing in birth chart analysis, planetary position analysis, and horoscope interpretation. She uses her expertise to help clients understand their lives better and make informed decisions. Whether you are seeking guidance for a personal issue or just curious about astrology, She is here to assist you. Book a consultation today and discover the insights astrology can provide.
Please Vist Our Best Brand Astrologer's
Consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod
tempor incididuesdeentiut labore
etesde dolore magna aliquapspendisse and the gravida.
Here You Can See Daily Updates For Any Event, Astrology, Your Life
© Copyright 2022-2023 allso.in Designed by Ved Shastra Astro Pvt. Ltd.