मैं, प्रोफेसर कर्तिक रावल, एक ज्योतिषी और वास्तु शास्त्री के रूप में इस लेख में कर्कोटक कालसर्प दोष के महत्व, इसके प्रभावों और इससे राहत पाने के उपायों पर चर्चा करूंगा। यह दोष जातक के जीवन में अनेक समस्याएं उत्पन्न करता है, जो मानसिक, दैहिक और भौतिक कठिनाइयों के रूप में प्रकट होती हैं। जानते हैं, कैसे इस दोष का सही ज्ञान और उपाय जातक की जीवन यात्रा को आसान बना सकते हैं।
कर्कोटक कालसर्प दोष का महत्व
कर्कोटक कालसर्प दोष का निर्माण
कर्कोटक कालसर्प दोष तब बनता है जब कुंडली के आठवें घर में राहू, दूसरे घर में केतु और बाकी सभी ग्रह इन दोनों के बीच में स्थित होते हैं। यह योग जातक के जीवन में गंभीर समस्याओं का निर्माण करता है।
1. संबंधों पर प्रभाव
इस दोष का मुख्य प्रभाव जातक के संबंधों पर पड़ता है। जातक अक्सर कटु वाणी का प्रयोग करता है, जिससे उसके परिवार और करीबी लोगों के साथ संबंध बिगड़ जाते हैं। ऐसे में जातक का अपने परिवार से दूर होना आम बात हो जाती है, और कई मामलों में उसे पुश्तैनी जायदाद से भी हाथ धोना पड़ सकता है।
2. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ
कर्कोटक कालसर्प दोष से पीड़ित जातक अक्सर गलत खाने-पीने की आदतों का शिकार हो जाता है। इस वजह से उसकी सेहत खराब हो जाती है और कई बार गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है। यहां तक कि यह स्थिति आत्महत्या या जहर खाने जैसी गंभीर घटनाओं का कारण बन सकती है।
3. वैवाहिक जीवन में कठिनाई
इस दोष के कारण कई बार जातक को विवाह में देरी या विवाह न होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा, इस दोष के कारण शारीरिक संबंधों में कमी आती है, जिससे जातक विवाह सुख का पूर्ण आनंद नहीं ले पाता।
4. मानसिक परेशानियाँ
कर्कोटक कालसर्प दोष के प्रभाव से जातक मानसिक तनाव, चिंता और अवसाद का सामना करता है। यह स्थिति जातक की जीवनशैली को प्रभावित करती है, जिससे उसे आत्मविश्वास की कमी और निराशा का अनुभव होता है।
कर्कोटक कालसर्प दोष के प्रभाव
कर्कोटक कालसर्प दोष के प्रभावों की एक विस्तृत चर्चा की जा सकती है, जिसमें निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं:
1. संबंधों में कटुता
जातक के जीवन में संबंधों में कटुता बढ़ जाती है। यह न केवल पारिवारिक संबंधों को प्रभावित करता है, बल्कि मित्रों और सहकर्मियों के साथ भी उसके संबंधों में दूरी आ जाती है।
2. मानसिक स्वास्थ्य पर असर
मानसिक स्वास्थ्य पर इस दोष का प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। जातक अवसाद और चिंता से जूझता है, जो उसके व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन को प्रभावित करता है।
3. आर्थिक संकट
धोखाधड़ी और गलत निवेश के कारण जातक को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यह स्थिति जातक की आर्थिक स्थिति को कमजोर करती है और कर्ज का बोझ बढ़ाती है।
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4. स्वास्थ्य संबंधी संकट
जैसा कि पहले बताया गया, गलत खाने-पीने की आदतें और शारीरिक स्वास्थ्य में गिरावट के कारण जातक को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
कर्कोटक कालसर्प दोष से राहत पाने के उपाय
कर्कोटक कालसर्प दोष से राहत पाने के लिए विभिन्न उपाय किए जा सकते हैं। ये उपाय न केवल जातक को मानसिक शांति प्रदान करते हैं, बल्कि जीवन की कठिनाइयों का सामना करने में भी मदद करते हैं।
1. नित्य शिव उपासना
उपाय: प्रतिदिन भगवान शिव की उपासना करें और अभिषेक करें।
विशेष: महामृत्युंजय मंत्र का जाप (18 माला) करना अत्यधिक लाभकारी होता है।
2. नाग-प्रतिमा और शिवलिंग
उपाय: काले पत्थर की नाग-प्रतिमा और शिवलिंग बनवाकर उसका मंदिर बनवाएं।
विशेष: प्राण-प्रतिष्ठा कराना आवश्यक है।
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3. ताँवे का सर्प
उपाय: किसी सिद्ध शिवलिंग के नाप से ताँवे का सर्प प्राणप्रतिष्ठा कराना।
विशेष: इसे ब्रह्ममुहूर्त में शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए।
4. मृत सर्प का संस्कार
उपाय: यदि जातक को किसी मृत साँप का मिलना हो, तो उसका दाह-संस्कार करें।
विशेष: घी और रक्त-चंदन से संस्कार करके तेरवीं आदि वैदिक रीति से करना आवश्यक है।
5. नागवली अनुष्ठान
उपाय: उचित मुहुर्त में उज्जैन या नाशिक में जाकर वैदिक-तंत्र विधी से नागवली अनुष्ठान करवाएं।
विशेष: वहाँ पर लघुरुद्र अभिषेक करना बहुत लाभकारी होता है।
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6. नाग-विषहरण मंत्र
उपाय: मोर या गरुड़ के चित्र पर "नाग-विषहरण" मंत्र लिखकर स्थापित करें।
विशेष: उसी मंत्र का 18000 बार जाप करने के बाद दशांश होम, तर्पण, मार्जन आदि करना चाहिए।
7. अभिमंत्रित नाग-गरुड़ बूटी
उपाय: अपने घर में सही तंत्र विधी से अभिमंत्रित नाग-गरुड़ बूटी को स्थापित करें।
विशेष: इस बूटी का टुकड़ा ताबीज के रूप में धारण करना भी लाभकारी होता है।
8. कालसर्प लौकेट
उपाय: गोमेद और लहसुनिया रत्न को पंचधातु में लौकेट बनवाएं।
विशेष: राहु और केतु के मंत्रों का जाप करने के बाद इस लौकेट को हृदय पर धारण करें।
कर्कोटक कालसर्प दोष एक गंभीर ज्योतिषीय योग है, जो जातक के जीवन को प्रभावित करता है। लेकिन सही उपायों के माध्यम से इस दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है। यदि जातक धैर्यपूर्वक उपाय करें और सकारात्मकता लाने का प्रयास करें, तो वे इस दोष से उबर सकते हैं। जीवन में संतोष और सफलता के लिए उचित उपाय करना आवश्यक है, जिससे जातक की जीवन यात्रा सरल और सुखद हो सके।
Jai Mata Di I am Astro Himanshu Bhardwaj, son of Shri Astro Rajesh Bhardwaj, a young astrologer in the world of astrology.
I belong to a Brahmin family, hence since childhood I have had a distinct interest in astrology and our religious scriptures and the Vedas.
I got the company of my father and my guru Astro Rajesh Sharma ji right from my childhood and due to this,
my interest in astrology was awakened and I received education from him only.
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I believe that scientific evidence of all these things is available in our religion and we should unite and support this golden age of our religion,
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