
महाकालेश्वर मंदिर का परिचय
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और इसे हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। यह मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में स्थित है। भगवान शिव के इस रूप को "महाकाल" कहा जाता है, जो काल (समय) के भी स्वामी हैं। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहाँ दक्षिणमुखी शिवलिंग स्थित है, जो अत्यंत दुर्लभ है।
महाकालेश्वर मंदिर की पौराणिक कथा
कथा 1: उज्जैन और महाकाल की उत्पत्ति
पुराणों के अनुसार, प्राचीन काल में उज्जैन (अवन्तिका) में एक राजा चंद्रसेन राज्य करते थे। वे भगवान शिव के अनन्य भक्त थे। उसी समय, वहां एक गरीब ब्राह्मण लड़का "श्रीकर" भी था, जो राजा को शिवजी की भक्ति करते हुए देखता और स्वयं भी शिव आराधना करने लगा।
उसी समय, एक राक्षस दूषण ने उज्जैन पर आक्रमण कर दिया और शिव भक्ति को समाप्त करने का प्रयास किया। तब भक्तों की रक्षा के लिए भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए और महाकाल के रूप में दूषण राक्षस का वध किया। भक्तों की प्रार्थना पर भगवान शिव ने यहां स्थायी रूप से निवास करने का वचन दिया और इस स्थान पर स्वयंभू ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थापित हो गए।
कथा 2: काल और महाकाल का युद्ध
एक अन्य कथा के अनुसार, उज्जैन के एक धर्मपरायण राजा को यह भविष्यवाणी मिली थी कि उनका राज्य विनाश के कगार पर है और मृत्यु उनके दरवाजे पर खड़ी है। इस संकट को टालने के लिए उन्होंने भगवान शिव की घोर तपस्या की।
भगवान शिव ने प्रकट होकर उन्हें आशीर्वाद दिया और कहा कि जो भी भक्त सच्चे मन से महाकाल की पूजा करेगा, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा। इसीलिए, महाकालेश्वर को "अकाल मृत्यु हरण" कहा जाता है।
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का महत्व
1. दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग
भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग एकमात्र दक्षिणमुखी शिवलिंग है। शास्त्रों के अनुसार, दक्षिणमुखी शिवलिंग काल और मृत्यु पर नियंत्रण रखने वाला होता है।
2. भस्म आरती (विशेष पूजन)
महाकालेश्वर मंदिर की भस्म आरती पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यह आरती प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 बजे) में होती है और इसमें महाकाल को ताजे चिता भस्म से स्नान कराया जाता है। यह प्रथा बताती है कि शिव संहारक भी हैं और पुनर्जन्म देने वाले भी।
3. मोक्ष प्राप्ति का स्थान
स्कंद पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति उज्जैन में स्थित इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करता है, वह जीवन-मरण के चक्र से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त करता है।
4. तीन स्तरों पर शिवलिंग
महाकालेश्वर मंदिर में तीन स्तरों पर शिवलिंग हैं:
नीचे – महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
मध्य – ओंकारेश्वर लिंग
ऊपर – नागचंद्रेश्वर लिंग (जो सिर्फ नाग पंचमी पर ही दर्शन के लिए खुलता है)
महाकालेश्वर मंदिर का स्थान और यात्रा मार्ग
स्थान
राज्य – मध्य प्रदेश
शहर – उज्जैन
नदी – क्षिप्रा नदी के किनारे
कैसे पहुँचे?
हवाई मार्ग – निकटतम हवाई अड्डा इंदौर (55 किमी) में स्थित है।
रेल मार्ग – उज्जैन रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग – इंदौर, भोपाल, और अन्य शहरों से बसें और टैक्सियाँ आसानी से उपलब्ध हैं।
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
महाकाल वन – प्राचीन मान्यता के अनुसार, उज्जैन क्षेत्र को महाकाल वन कहा जाता था।
काल भैरव मंदिर – महाकालेश्वर मंदिर के पास स्थित काल भैरव मंदिर में मद्य (शराब) का भोग चढ़ाया जाता है।
महाशिवरात्रि महोत्सव – यहाँ महाशिवरात्रि पर विशेष पूजा और विशाल मेला आयोजित किया जाता है।
महाकालेश्वर मंदिर एक दिव्य और शक्तिशाली तीर्थ स्थल है, जहाँ भगवान शिव मृत्यु के भय को हरने वाले महाकाल रूप में विराजमान हैं। जो भी भक्त यहाँ सच्चे मन से पूजा करता है, उसे जीवन में सुख-समृद्धि और मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त होता है।
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