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दस मुखी रुद्राक्ष को भगवान विष्णु का स्वरूप कहा जाता है। दशमुखी रुद्राक्ष दस दिशाएँ, दस दिक्पाल का प्रतीक है। इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले को लोक सम्मान, कीर्ति, विभूति और धन की प्राप्ति होती है। दस मुखी रुद्राक्ष धारक की सभी लौकिक-पारलौकिक कामनाएँ पूर्ण होती हैं। शांति एवं सौंदर्य प्रदान करने वाला यह रुद्राक्ष है। इसे धारण करने से हमारे जीवन के समस्त भय समाप्त हो जाते हैं।
दस मुखी रुद्राक्ष को धारण करते समय सुगन्धित जल एवं पंचामृत से स्न्नान पूजा कर के "ॐ दस वकत्रस्यॐ ह्रीं नमः" इस मंत्र की 21 माला जप कर के धारण करना चाहिए।
यह रुद्राक्ष धारण करने से हमारे भाग्य में प्रगति और भाग्य के कारन रुके हुए सभी कार्य में प्रगति एवं उचित समय पर हमारा भाग्योदय होता है। जो भी जातक यह रुद्राक्ष को मंत्र जाप के पश्चात धारण करने वाले को लोक सम्मान, कीर्ति, विभूति और धन की प्राप्ति होती है। यह रुद्राक्ष डॉक्टर,सर्जन,वैद्य,इंजीनियर,वायु-सेवा से जुड़े कर्मचारीओ ,पाइलट,जमीन जायदाद की ले-वेच करने वाले, जनरल मर्चेंट आदि सब्झी लोग धारण कर सकते हैं।
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