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Zodiac Details

img Virgo Predication

 

शुभरंग :- हरा,

शुभ अंक :- 3 व 8,

शुभरत्न :- पन्ना,

शुभदिन :- बुधवार,

ईष्ट :- गणेश

शुभमास :- वैशाख व ज्येष्ठ,

मध्यममास :- आषाढ़ कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ व फाल्गुन,

अशुभमास :- चैत्र, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन।

कन्या राशि का स्वामी बुध है।

ये द्विस्वभाव रहता है। व्यावहारिक दृष्टि से किसी भी कार्य, बात की गुप्त रख पाना संभव नहीं होता। ..

 

उसी से जीवन में समस्याएं बनती- बढ़ती हैं स्थायित्व की कमी व चंचलता की कमी दोनों ही समान रह पाते हैं।

आपके विचार, निर्णयों, गंभीरता का चेहरे पर असर तत्काल होता है,

जिससे अन्य लोग आपके मन-विचारों को समझ जाते हैं।

अधिकतर मामलों में आत्मविश्वास, मानसिक, वैचारिक कार्यकुशलता, स्थिति अनुरूप प्रयास, परिश्रम करते हैं जिसका संतोष रहता है।

अपनी जवाबदारी, कर्तव्यबोध रहता है फिर भी आशातीत परिणामों में विलंब होता है।

व्यर्थ के मामलों में कई बात अडिग या हठधर्मिता पकड़ लेते हैं।

जिस कारण लोग, परिवार को धारणा गलत हो जाती है।

सहयोग, प्रेम, स्नेह की दूसरों की तरफ से कमी ही रहती है।

पारिवारिक कर्तव्य, जवाबदारी में कमी नहीं रखते। स्वयं की इच्छा, ताकत, अनुभव से निर्वहन करते हैं ।

बुद्धि-ज्ञान विकास भी बराबर करते हैं ।

व्यस्तता में भी चिंतन-मनन, एकाग्रता रखते हैं।

सामान्य से अधिक वैचारिक, मानसिक साहस आप में रहता है।

भगवत-ध्यान, ज्ञानार्जन, सत्संग से भी अपने को जोड़कर आगे लाते हैं।

कुदरती-नैसर्गिक अवस्थाओं को भी महत्व देते हैं।

कन्या राशि का व्यक्ति रहस्यमय होता है।

कन्या राशि वाले लोग बातें बनाने में कुशल तथा विनोद - प्रिय होते हैं।

भूमि तत्व से संबंधित यह राशि सेवा, स्वास्थ्य एवं व्यवसाय आदि से संबंध रखती है।

इस राशि के लोग अपनी निश्चित योजना की पूर्ति एवं कार्य करने में सफल रहते हैं।

कन्या राशि वाले अपने विचार आदि के बारे में लोगों को विशिष्ट ढंग से परिचित कराते हैं।

वह किसी के साथ स्थायी रूप से वचनबद्ध नहीं होते। दयालुता का व्यवहार उन्हें आकर्षित करता है।

वाला तथा धोखेबाजी से घृणा करने वाला होता है। और सदा अच्छा व्यवहार पसंद करता है।

कन्या राशि वाले जातकों में मानसिक गतिशीलता अधिक मिलती है। इनके व्यक्तित्व के दो पक्ष होते हैं।

एक वाहक, दूसरा प्रश्न एवं संदेहकर्ता आंतरिक व्यक्तित्व।

कन्या राशि वाले व्यक्ति हर काम मनमाने ढंग से करते हैं, इसीलिए कभी-कभी आलसी या उत्साह रहित भी दिखाई देते हैं।

विशेषतः इन्हें अच्छे या बुरे संस्कारों का प्रभाव शीघ्र ही होता देखा जाता है।

इन लोगों को स्वाभिमान काफी रहता है।

 

Daily Planetary Overview

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💥 गयाजी धाम मोक्षतीर्थ विस्तृत जानकारी 💥 गयाजी में पिंडदान करने से मिलती है पितरों की मुक्ति

गयाजी, बिहार में स्थित एक अत्यंत पवित्र तीर्थ स्थल है, जिसे मोक्षतीर्थ के रूप में जाना जाता है। यह स्थल भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं में अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यहाँ पिंडदान करने से पितरों की मुक्ति मिलती है, जिससे यह स्थल हर साल लाखों श्रद्धालुओं का केंद्र बनता है।

आचार्य सुबोध पाठक का योगदान
आचार्य सुबोध पाठक, जो गयाजी धाम के प्रमुख विद्वान हैं, का मानना है कि गयाजी में पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। उनका संपर्क नंबर 9576015726 और 9122360905 है, जबकि ऑफिस का संपर्क नंबर 6299064678 है।

अश्विनी नक्षत्र पेड़ पौधे

अश्विनी नक्षत्र जिनका है ऐसे जातक के लिए अश्वत्थ वृक्ष, जिसे पीपल वृक्ष भी कहा जाता है, अश्विनी नक्षत्र से सम्बंधित है..

ये पेड़ पौधे शारीरिक शक्ति और जीवन शक्ति को बढ़ाते हैं....

इस नक्षत्र के जातक इस पेड़ की पूजा करने से सुरक्षा और उपचार जरूर मिलता है....

प्रत्येक ग्रह के लिए निर्धारित पेड़ -पौधे :-का प्रयोग करने से अंतश्चेतना में सकारात्मक सोच का संचार होता है तत्पश्चात हमारी मनोकामनाये शनै शनै पूरी होने लगती है।आप सब सुखी रहे ,प्रसन्न रहे, मस्त रहें और स्वस्थ रहें ।

सूर्य –       अकोन ( एकवन) ,
चन्द्रमा – पलास, 
मंगल – खैर,
बुद्ध –     चिरचिरी, 
गुरु –      पीपल, 
शुक्र –     गुलड़, 
शनि –    शमी, 
राहु –      दुर्वा , 
केतु –     कुश 

बारह राशियों के लिए निर्धारित पेड़ पौध :- का प्रयोग करने से अंतश्चेतना में सकारात्मक सोच का संचार होता है तत्पश्चात हमारी मनोकामनाये शनै शनै पूरी होने लगती है। आप सब सुखी रहे ,प्रसन्न रहे, मस्त रहें और स्वस्थ रहें ।

राशि –      पेड़-पौधे 
मेष –        आंवला ,
वृष –         जामुन, 
मिथुन –    शीशम, 
कर्क –       नागकेश्वर, 
सिंह –       पलास, 
कन्या –     रिट्ठा, 
तुला –      अजरुन, 
वृश्चिक –  भालसरी, 
धनु –        जलवेतस, 
मकर –     अकोन, 
कुंभ –       कदम्ब 
मीन –       नीम

27 नक्षत्रो के लिए निर्धारित पेड़ पौधे :- का प्रयोग करने से अंतश्चेतना में सकारात्मक सोच का संचार होता है तत्पश्चात हमारी मनोकामनाये शनै शनै पूरी होने लगती है।आप सब सुखी रहे ,प्रसन्न रहे, मस्त रहें और स्वस्थ रहें ।

अश्विनी  –  कोचिला,
भरनी  –  आंवला ,
कृतका  –  गुल्लड़ ,
रोहिणी  –  जामुन ,
मृगशिरा  –   खैर ,
आद्रा  –   शीशम ,
पुनर्वसु  –  बांस ,
पुष्य  – पीपल ,
अश्लेषा  –   नागकेसर,
मघा  –  बट,
पूर्वा फाल्गुन  –  पलास,
उत्तरा फाल्गुन  –  पाकड़,
हस्त  –    रीठा,
चित्रा  –   बेल,
स्वाती -    अजरुन,
विशाखा  –   कटैया ,
अनुराधा  –   भालसरी ,
ज्योष्ठा  –    चीर,
मूला  –     शाल,
पूर्वाषाढ़  –    अशोक ,
उत्तराषाढ़  –    कटहल ,
श्रवण  –   अकौन,
धनिष्ठा  –  शमी,
शतभिषा  –  कदम्ब ,
पूर्व भाद्र  –  आम,
उत्तरभाद्र  –   नीम ,
रेवती  –   महुआ