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Zodiac Details

img Scorpio Predication


वृश्चिक राशि

शुभरंग :- लाल व गुलाबी,

शुभ अंक :- 1 व 8,

शुभधातु :- तांबा,

शुभरत्न :- इटालियन मूंगा व लाल ऑनिक्स,

शुभदिन :- मंगलवार,

इंष्ट :- हनुमान,

शुभ महीना :- चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़,

मध्यममास :- श्रावण, भाद्रपद, आश्विन एवं माघ,

अशुभ महीना :- कार्तिक, पौष, मार्गशीर्ष व स फाल्गुन।

वृश्चिक राशि राशि चक्र की आठवीं राशि है इसका स्वामी मंगल है।

स्वभाव में जितना आंतरिक, क्रोधी, चिड़चिड़ाहट रहता है उतना ही शांति, संयम रखते हैं।

स्थितियां वातावरण अधिकतर आपके सोच-विचार, स्वभाव के विपरीत रहता है।

मानसिकता से सोचकर भी परिवर्तन संभव नहीं होता, कामकाज के प्रति सजग, गंभीर होते हैं।

कार्यकुशलता बेहतर रखते हैं। स्वाभाविक कारणों से मित्रता विश्वास कम रहता है। छोटी-बड़ी बात का भी प्रभाव अधिक होता है। चंचलतावश वैचारिक दृष्टिकोण बदलते हैं।

पश्चाताप, दुःख में रहते हैं। सहजता से आप राशि वालों को लोग सहयोगी समझ नहीं पाते जिसकी वजह से व्यर्थ की धारणाओं को जन्म देते है जिसे उनके मन के विचारों से दूर करना मुश्किल होता है।

पारिवारिक स्नेह एवं जवाबदेही रखते हैं स्पष्ट एवं सत्य से चलनेवाले कार्यों को महत्व देते हैं।

स्वयं का विश्वास बनने तक गंभीरता, हठधर्मिता नहीं बना पाते।

योजना, उद्देश्य, लाभ को महत्व देते हैं।

अनिश्चितता में संयमित रहना कठिन हो पाता है।

योग्यता, अनुभव से अधिकार रखते हैं।

कार्यकुशलता, समर्पण की स्थिति में स्वयं का प्रभाव रखते हैं।

तथा परिणामों की नहीं सोचते।

एकदम से आतंरिक दर नहीं लगता, मन से दूसरों के लिए स्नेह और सद्भाव रखते हैं।

अपने द्वारा किये गए कार्यों से उसे दर्शाते हैं।

विरोधी परिस्थिति में या विवाद में भी स्थिति अनुरूप एक से दूसरे को समझदारी बांध पाते है।

एकदम से अथवा जरूरी न हो तो गुप्त कार्य, बात मन में ही रखते हैं।

नजदीकी लोग किन्हीं मामलों में आपसे भय, दूरी रखते हैं

जवाबदारी, सामाजिक, पारिवारिक प्रतिष्ठा के प्रति गंभीर रहते हैं।

परंपराओं में विश्वास नहीं रहता।

मगर जीवन में चमत्कार, अनहोनी के कारण फिर अति विश्वास, धारणाओं को मानते हैं।

स्वयं का भी एक दर्शन उद्देश्य जीवन में रहता है।

ये बहुत वफादार दोस्त हो सकते हैं और उसी समय में, ये बहुत खतरनाक दुश्मन बनने की भी क्षमता रखते हैं।

बदला लेने और बदला पाने की इच्छा इनकी रगों में खून बन कर दौड़ता हैं।

इनकी विस्मयकारी शक्ति और रहस्यमय नजरें इनके आस पास के लोगो को सम्मोहित कर देती हैं।

ये तीव्र, हावी, क्रूर और प्रतिबद्ध होते हैं।

और अपने जीवन की लड़ाई अपनी उत्सुक बुद्धि, धैर्य और रचनात्मकता के साथ लड़ने के लिए अभ्यस्त हैं।

निश्चित रूप से ये मिलनसार या उदार नहीं होते हैं लेकिन  फायदे के लिए जैसे तैसा करने वाले या षड्यंत्र नहीं करते है।

Daily Planetary Overview

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💥 गयाजी धाम मोक्षतीर्थ विस्तृत जानकारी 💥 गयाजी में पिंडदान करने से मिलती है पितरों की मुक्ति

गयाजी, बिहार में स्थित एक अत्यंत पवित्र तीर्थ स्थल है, जिसे मोक्षतीर्थ के रूप में जाना जाता है। यह स्थल भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं में अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यहाँ पिंडदान करने से पितरों की मुक्ति मिलती है, जिससे यह स्थल हर साल लाखों श्रद्धालुओं का केंद्र बनता है।

आचार्य सुबोध पाठक का योगदान
आचार्य सुबोध पाठक, जो गयाजी धाम के प्रमुख विद्वान हैं, का मानना है कि गयाजी में पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। उनका संपर्क नंबर 9576015726 और 9122360905 है, जबकि ऑफिस का संपर्क नंबर 6299064678 है।

अश्विनी नक्षत्र पेड़ पौधे

अश्विनी नक्षत्र जिनका है ऐसे जातक के लिए अश्वत्थ वृक्ष, जिसे पीपल वृक्ष भी कहा जाता है, अश्विनी नक्षत्र से सम्बंधित है..

ये पेड़ पौधे शारीरिक शक्ति और जीवन शक्ति को बढ़ाते हैं....

इस नक्षत्र के जातक इस पेड़ की पूजा करने से सुरक्षा और उपचार जरूर मिलता है....

प्रत्येक ग्रह के लिए निर्धारित पेड़ -पौधे :-का प्रयोग करने से अंतश्चेतना में सकारात्मक सोच का संचार होता है तत्पश्चात हमारी मनोकामनाये शनै शनै पूरी होने लगती है।आप सब सुखी रहे ,प्रसन्न रहे, मस्त रहें और स्वस्थ रहें ।

सूर्य –       अकोन ( एकवन) ,
चन्द्रमा – पलास, 
मंगल – खैर,
बुद्ध –     चिरचिरी, 
गुरु –      पीपल, 
शुक्र –     गुलड़, 
शनि –    शमी, 
राहु –      दुर्वा , 
केतु –     कुश 

बारह राशियों के लिए निर्धारित पेड़ पौध :- का प्रयोग करने से अंतश्चेतना में सकारात्मक सोच का संचार होता है तत्पश्चात हमारी मनोकामनाये शनै शनै पूरी होने लगती है। आप सब सुखी रहे ,प्रसन्न रहे, मस्त रहें और स्वस्थ रहें ।

राशि –      पेड़-पौधे 
मेष –        आंवला ,
वृष –         जामुन, 
मिथुन –    शीशम, 
कर्क –       नागकेश्वर, 
सिंह –       पलास, 
कन्या –     रिट्ठा, 
तुला –      अजरुन, 
वृश्चिक –  भालसरी, 
धनु –        जलवेतस, 
मकर –     अकोन, 
कुंभ –       कदम्ब 
मीन –       नीम

27 नक्षत्रो के लिए निर्धारित पेड़ पौधे :- का प्रयोग करने से अंतश्चेतना में सकारात्मक सोच का संचार होता है तत्पश्चात हमारी मनोकामनाये शनै शनै पूरी होने लगती है।आप सब सुखी रहे ,प्रसन्न रहे, मस्त रहें और स्वस्थ रहें ।

अश्विनी  –  कोचिला,
भरनी  –  आंवला ,
कृतका  –  गुल्लड़ ,
रोहिणी  –  जामुन ,
मृगशिरा  –   खैर ,
आद्रा  –   शीशम ,
पुनर्वसु  –  बांस ,
पुष्य  – पीपल ,
अश्लेषा  –   नागकेसर,
मघा  –  बट,
पूर्वा फाल्गुन  –  पलास,
उत्तरा फाल्गुन  –  पाकड़,
हस्त  –    रीठा,
चित्रा  –   बेल,
स्वाती -    अजरुन,
विशाखा  –   कटैया ,
अनुराधा  –   भालसरी ,
ज्योष्ठा  –    चीर,
मूला  –     शाल,
पूर्वाषाढ़  –    अशोक ,
उत्तराषाढ़  –    कटहल ,
श्रवण  –   अकौन,
धनिष्ठा  –  शमी,
शतभिषा  –  कदम्ब ,
पूर्व भाद्र  –  आम,
उत्तरभाद्र  –   नीम ,
रेवती  –   महुआ