loder gif of Prof.Kartik Rawal profile | ALLSO-Best Astrologer In India

Zodiac Details

img Gemini Predication

 

मीन राशि

शुभरंग:- पीला व भगवा,

शुभ अंक:- 3 व 9,

शुभधातु:- सोना,

शुभरत्न:- पुखराज,

शुभवार:- गुरुवार,

ईष्ट:- सरस्वती पूजा से लाभ होगा,

शुभमास:- मार्गशीर्ष, पौष, माघ, फाल्गुन,

मध्यममास:- वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद. आश्विन व कार्तिक

अशुभमास:- चैत्र।

मीन राशि के जातक का सुंदर भरा हुआ संतुलित शरीर रचना, मध्यम या ऊंचा कद, बड़ा मस्तिष्क एवं चौड़ा गोल चेहरा, श्वेत पीत ...

 

वर्ण एवं सुगठित कंधे, आकर्षक तेजस्वी एवं कुछ बड़े नेत्र, आंखे कुछ उभरी हुई दिखाई दे सकती है,

कोमल एवं मखमली बाल, तीक्ष्ण नैन-नक्श, किसी को भी आकर्षित करने के प्रभावशाली व्यक्तित्व के स्वामी होते है।

राशि स्वामी बृहस्पति शुभ हो तो मीन राशि के जातक अति बुद्धिमान, ईमानदार जैसे मानवीय गुणों को धारण करने वाले होते है,

परिश्रमी, सौम्य एवं नम्र-मधुर स्वभाव, महत्वकांक्षी, संवेदनशील, भावुक, सहृदय, संगीत, साहित्य एवं सुंदरता के प्रति स्वाभाविक रूचि होती है।

तथा मीन राशि होने से जातक जल की तरह हर एक प्रकार की परिस्थितियों में अपने आप को ढाल लेने की विलक्षण क्षमता रखता है।

स्मरण शक्ति तीव्र होती है।

जातक विपरीत परिस्थितियों में भी स्वयं को विचलित नहीं होने देता, उच्च कल्पनाशील होने पर भी जातक की प्रबंधन शक्ति अच्छी होती है।

वह अपने कार्य क्षेत्र में सक्रिय एवं विकासशील बना रहता है।

राशिपति गुरु के कारण जातक हंसमुख, मिलनसार, परोपकारी, सरल एवं दयालु स्वभाव, धर्म परायण, सत्य निष्ठ, सेवाभावी, प्रेरणादायक, साधारण लोगों की भलाई एवं सहायता करने में उत्सुक, हस्तशिल्प, साहित्य, लेखन, गायन ,धार्मिक, ज्योतिष एवं योग दर्शन आदि गूढ़ विषयों में विशेष रुचि रखने वाला।

धैर्यवान, क्षमाशील, स्वाभिमानी, कई बार गंभीर रहस्यमई एवं गोपनीय आचरण करने वाला होता है।

मीन द्वि-स्वभाव राशि होने से जातक शीघ्रता से अपने मन की बात प्रकट नहीं कर पाता।

कई बार दूसरों के लिए उन्हें समझना कठिन हो जाता है।

ऐसी स्थिति में जातक निष्कपट एवं सरल हृदय होते हुए भी संदेह के दायरे में आ जाते हैं।

यदि जन्म कुंडली में चंद्र, गुरु शुभ भावों में स्थित हो अथवा उन दोनों का योग अथवा संबंध हो तो जातक महत्वकांक्षी, धार्मिक एवं पौराणिक आस्थाओं से युक्त दूसरों पर अधिकार जताने की प्रवृत्ति।

तर्क-वितर्क करने में कुशल, व्यवहार कुशल होते हैं।

अधिकांशतः मिलनसार प्रकृति के होते हैं। जातक नए-नए सृजनात्मक एवं मौलिक विचार सोचते रहते हैं। मीन जातक अपने परिवार एवं मित्रों के साथ विशेष प्यार और आसक्ति रखते हैं।

अपने मित्रों का चुनाव भी बहुत ध्यान पूर्वक करते हैं।

उनके मैत्री संबंध सामान्य जन से लेकर कुछ प्रतिष्ठित लोगों तक होते हैं।

मीन राशि के जातक द्वि-स्वभाव के होने की वजह से किसी भी कार्य में जल्दी कोई निर्णय नहीं ले पते किन्तु जब गंभीर विचार-विमर्श करने के बाद यदि कोई निर्णय लेते है तो उसे उत्साह एवं ध्यानपूर्वक अंजाम देते हैं।

यदि कुंडली में मंगल शुक्र का योग किसी अशुभ भाव में हो तो जातक विषय आसक्त, कामुक, मदिरा आदि नशीले पदार्थों का सेवन करने वाला, व्यंग एवं कटु वचन का प्रयोग करने वाला एवं अशांत मन का होता है।

Daily Planetary Overview

Consectetur adipiscing elit, sed do eiusmod tempor incididuesdeentiut labore
etesde dolore magna aliquapspendisse and the gravida.

💥 गयाजी धाम मोक्षतीर्थ विस्तृत जानकारी 💥 गयाजी में पिंडदान करने से मिलती है पितरों की मुक्ति

गयाजी, बिहार में स्थित एक अत्यंत पवित्र तीर्थ स्थल है, जिसे मोक्षतीर्थ के रूप में जाना जाता है। यह स्थल भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं में अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यहाँ पिंडदान करने से पितरों की मुक्ति मिलती है, जिससे यह स्थल हर साल लाखों श्रद्धालुओं का केंद्र बनता है।

आचार्य सुबोध पाठक का योगदान
आचार्य सुबोध पाठक, जो गयाजी धाम के प्रमुख विद्वान हैं, का मानना है कि गयाजी में पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। उनका संपर्क नंबर 9576015726 और 9122360905 है, जबकि ऑफिस का संपर्क नंबर 6299064678 है।

अश्विनी नक्षत्र पेड़ पौधे

अश्विनी नक्षत्र जिनका है ऐसे जातक के लिए अश्वत्थ वृक्ष, जिसे पीपल वृक्ष भी कहा जाता है, अश्विनी नक्षत्र से सम्बंधित है..

ये पेड़ पौधे शारीरिक शक्ति और जीवन शक्ति को बढ़ाते हैं....

इस नक्षत्र के जातक इस पेड़ की पूजा करने से सुरक्षा और उपचार जरूर मिलता है....

प्रत्येक ग्रह के लिए निर्धारित पेड़ -पौधे :-का प्रयोग करने से अंतश्चेतना में सकारात्मक सोच का संचार होता है तत्पश्चात हमारी मनोकामनाये शनै शनै पूरी होने लगती है।आप सब सुखी रहे ,प्रसन्न रहे, मस्त रहें और स्वस्थ रहें ।

सूर्य –       अकोन ( एकवन) ,
चन्द्रमा – पलास, 
मंगल – खैर,
बुद्ध –     चिरचिरी, 
गुरु –      पीपल, 
शुक्र –     गुलड़, 
शनि –    शमी, 
राहु –      दुर्वा , 
केतु –     कुश 

बारह राशियों के लिए निर्धारित पेड़ पौध :- का प्रयोग करने से अंतश्चेतना में सकारात्मक सोच का संचार होता है तत्पश्चात हमारी मनोकामनाये शनै शनै पूरी होने लगती है। आप सब सुखी रहे ,प्रसन्न रहे, मस्त रहें और स्वस्थ रहें ।

राशि –      पेड़-पौधे 
मेष –        आंवला ,
वृष –         जामुन, 
मिथुन –    शीशम, 
कर्क –       नागकेश्वर, 
सिंह –       पलास, 
कन्या –     रिट्ठा, 
तुला –      अजरुन, 
वृश्चिक –  भालसरी, 
धनु –        जलवेतस, 
मकर –     अकोन, 
कुंभ –       कदम्ब 
मीन –       नीम

27 नक्षत्रो के लिए निर्धारित पेड़ पौधे :- का प्रयोग करने से अंतश्चेतना में सकारात्मक सोच का संचार होता है तत्पश्चात हमारी मनोकामनाये शनै शनै पूरी होने लगती है।आप सब सुखी रहे ,प्रसन्न रहे, मस्त रहें और स्वस्थ रहें ।

अश्विनी  –  कोचिला,
भरनी  –  आंवला ,
कृतका  –  गुल्लड़ ,
रोहिणी  –  जामुन ,
मृगशिरा  –   खैर ,
आद्रा  –   शीशम ,
पुनर्वसु  –  बांस ,
पुष्य  – पीपल ,
अश्लेषा  –   नागकेसर,
मघा  –  बट,
पूर्वा फाल्गुन  –  पलास,
उत्तरा फाल्गुन  –  पाकड़,
हस्त  –    रीठा,
चित्रा  –   बेल,
स्वाती -    अजरुन,
विशाखा  –   कटैया ,
अनुराधा  –   भालसरी ,
ज्योष्ठा  –    चीर,
मूला  –     शाल,
पूर्वाषाढ़  –    अशोक ,
उत्तराषाढ़  –    कटहल ,
श्रवण  –   अकौन,
धनिष्ठा  –  शमी,
शतभिषा  –  कदम्ब ,
पूर्व भाद्र  –  आम,
उत्तरभाद्र  –   नीम ,
रेवती  –   महुआ