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Zodiac Details

img Cancer Predication

 

कर्क राशि

शुभरंग :- क्रीम, शुभ अंक :- 4, शुभ धातु :- चाँदी, शुभरत्न :- मोती, शुभदिन :- सोमवार, ईष्ट भगवान :- शंकर, भचक्र में चौथी राशि जिसका स्वामी चंद्र है।

इन जातकों में चंचलता अधिकता रहती है तथा विचारों में स्थायित्व नहीं रह पाता जिस कारण निर्णयों में देरी होती है।

किन्हीं मामलों में स्पष्टता सैद्धांतिक जीवन-यापन होता है।

इस राशि के लोग बहुत ही साथ देने वाले होते हैं, ...

 

फिक्र करने वाले होते हैं, प्रेम करने वाले होते हैं. सरल स्वाभाव के कारण बहुत बार ठगी के शिकार भी हो जाते है।

अगर कोई इनकी मदद मुसीबत में कर दे तो ये कभी भी उनका साथ नहीं छोड़ते हैं।

लेकिन ये अवसरवादी प्रवृत्ति नहीं रखते। व्यवहार भी साफ-सुथरा, स्पष्टवादी व जैसे को तैसा रखते हैं।

दूसरों के व्यवहार, घटनाओं का मानसिक प्रभाव बना रहता है जिससे चिड़चिड़ाहट, पश्चाताप बनता है।

प्रेम-सौहार्द, भावुकता का दूसरे लोग गलत लाभ लेते हैं जिससे जीवन में कटु अनुभव आते हैं।

कर्क जातक का बचपन थोड़ा कठिनाईयों भरा होता है किन्तु मध्यावस्था में वे सफ़लता अर्जित करते हैं।

जातक थोड़े उत्तेजनात्मक स्वभाव वाले होते हैं।

वे जितनी शीघ्रता से क्रोधित होते हैं उतनी ही शीघ्रता से शान्त हो जाते हैं।

कर्क जातकों की प्रवॄति और स्वभाव समझने के लिये हमें कर्क के एक विशेष गुण की तरफ ध्यान देना होगा,। 

कर्क केकडा जब किसी वस्तु या जीव को अपने पंजों से पकड़ लेता है तो कुछ भी हो जाये लेकिन उसे सरलता से छोड़ता नहीं है।

, कर्क के जातकों में अपने प्रिय पात्र तथा विचारों से चिपके रहने की तीक्ष्ण भावना होती है।

जो उन्हें ग्रहणशील, एकाग्र और धैर्यवान बनाती है ।

इनका मूड बदलते देर नही लगती है, उनके अन्दर अपार कल्पना शक्ति होती है,।

उनकी स्मरण शक्ति बहुत तीव्र होती है,

अतीत का उनके लिये भारी महत्व होता है।

कर्क जातकोंको खुद के परिवार में भार्या (पत्नी) तथा आत्मज(पुत्र) से बहुत मोह होता है।

जिनके बिना इनका जीवन अधूरा रहता है।

मित्रता को ये जीवनभर निभाना जानते है। स्वतंत्र(अपनी इच्छा के मालिक खुद) होते है।

अपने आप को बिलकुल भी परतंत्र(खुद पे किसी दूसरे की मरजी) नहीं होने पर अधिकांश मामलों के समय ये उच्च पद पर प्रतिष्ठित ह जाते है और यश-कीर्ति प्राप्त करते है।

ये लोग लेखक, नाट्यकार, कलाबाज या संगीतकार बनाते है।

कोई मनोविश्लेषक या व्यापारी भी बनाते है।

अपनी अपनी गुप्त विद्याओं धर्म या किसी अभूतपूर्व जीवन दर्शन में वे गहरी रुचि पैदा कर लेते है।

कर्क के जातक व्यापक योजनाओं के स्वप्न देखते है।

महेनतु और कार्य करने की इच्छा वाले होते है।

उनको प्रायः संयोगवश जानकारी या विशेष साधनों से और अनजान लोगो के संपर्क से आर्थिक लाभ हो सकता है।

Daily Planetary Overview

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💥 गयाजी धाम मोक्षतीर्थ विस्तृत जानकारी 💥 गयाजी में पिंडदान करने से मिलती है पितरों की मुक्ति

गयाजी, बिहार में स्थित एक अत्यंत पवित्र तीर्थ स्थल है, जिसे मोक्षतीर्थ के रूप में जाना जाता है। यह स्थल भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं में अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यहाँ पिंडदान करने से पितरों की मुक्ति मिलती है, जिससे यह स्थल हर साल लाखों श्रद्धालुओं का केंद्र बनता है।

आचार्य सुबोध पाठक का योगदान
आचार्य सुबोध पाठक, जो गयाजी धाम के प्रमुख विद्वान हैं, का मानना है कि गयाजी में पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। उनका संपर्क नंबर 9576015726 और 9122360905 है, जबकि ऑफिस का संपर्क नंबर 6299064678 है।

अश्विनी नक्षत्र पेड़ पौधे

अश्विनी नक्षत्र जिनका है ऐसे जातक के लिए अश्वत्थ वृक्ष, जिसे पीपल वृक्ष भी कहा जाता है, अश्विनी नक्षत्र से सम्बंधित है..

ये पेड़ पौधे शारीरिक शक्ति और जीवन शक्ति को बढ़ाते हैं....

इस नक्षत्र के जातक इस पेड़ की पूजा करने से सुरक्षा और उपचार जरूर मिलता है....

प्रत्येक ग्रह के लिए निर्धारित पेड़ -पौधे :-का प्रयोग करने से अंतश्चेतना में सकारात्मक सोच का संचार होता है तत्पश्चात हमारी मनोकामनाये शनै शनै पूरी होने लगती है।आप सब सुखी रहे ,प्रसन्न रहे, मस्त रहें और स्वस्थ रहें ।

सूर्य –       अकोन ( एकवन) ,
चन्द्रमा – पलास, 
मंगल – खैर,
बुद्ध –     चिरचिरी, 
गुरु –      पीपल, 
शुक्र –     गुलड़, 
शनि –    शमी, 
राहु –      दुर्वा , 
केतु –     कुश 

बारह राशियों के लिए निर्धारित पेड़ पौध :- का प्रयोग करने से अंतश्चेतना में सकारात्मक सोच का संचार होता है तत्पश्चात हमारी मनोकामनाये शनै शनै पूरी होने लगती है। आप सब सुखी रहे ,प्रसन्न रहे, मस्त रहें और स्वस्थ रहें ।

राशि –      पेड़-पौधे 
मेष –        आंवला ,
वृष –         जामुन, 
मिथुन –    शीशम, 
कर्क –       नागकेश्वर, 
सिंह –       पलास, 
कन्या –     रिट्ठा, 
तुला –      अजरुन, 
वृश्चिक –  भालसरी, 
धनु –        जलवेतस, 
मकर –     अकोन, 
कुंभ –       कदम्ब 
मीन –       नीम

27 नक्षत्रो के लिए निर्धारित पेड़ पौधे :- का प्रयोग करने से अंतश्चेतना में सकारात्मक सोच का संचार होता है तत्पश्चात हमारी मनोकामनाये शनै शनै पूरी होने लगती है।आप सब सुखी रहे ,प्रसन्न रहे, मस्त रहें और स्वस्थ रहें ।

अश्विनी  –  कोचिला,
भरनी  –  आंवला ,
कृतका  –  गुल्लड़ ,
रोहिणी  –  जामुन ,
मृगशिरा  –   खैर ,
आद्रा  –   शीशम ,
पुनर्वसु  –  बांस ,
पुष्य  – पीपल ,
अश्लेषा  –   नागकेसर,
मघा  –  बट,
पूर्वा फाल्गुन  –  पलास,
उत्तरा फाल्गुन  –  पाकड़,
हस्त  –    रीठा,
चित्रा  –   बेल,
स्वाती -    अजरुन,
विशाखा  –   कटैया ,
अनुराधा  –   भालसरी ,
ज्योष्ठा  –    चीर,
मूला  –     शाल,
पूर्वाषाढ़  –    अशोक ,
उत्तराषाढ़  –    कटहल ,
श्रवण  –   अकौन,
धनिष्ठा  –  शमी,
शतभिषा  –  कदम्ब ,
पूर्व भाद्र  –  आम,
उत्तरभाद्र  –   नीम ,
रेवती  –   महुआ