राहु के साथ ग्रहों का योग और उनके प्रभाव

राहु के साथ ग्रहों का योग और उनके प्रभाव


राहु संग ग्रहों के योग और उनके प्रभाव

भारतीय ज्योतिष शास्त्र में राहु को एक छाया ग्रह माना गया है। यह ग्रह किसी भी कुंडली में विशेष रूप से प्रभाव डालता है। राहु के साथ अन्य ग्रहों के योग विभिन्न प्रकार के जीवन क्षेत्र में सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। राहु संग अन्य ग्रहों के योग को समझना और उनके उपाय करना जीवन में शांति और समृद्धि लाने में मदद कर सकता है।

राहु के साथ ग्रहों का योग और उनके प्रभाव

1. राहु संग चंद्रमा (मातृ दोष)  प्रभाव:

राहु और चंद्रमा के योग से मातृ सुख कम होता है।

मानसिक अशांति, अनिद्रा, और भावनात्मक अस्थिरता होती है।

जातक को अपनी माता से दूरी या संबंधों में कड़वाहट का अनुभव होता है।

उपाय:

सोमवार को शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाएं।

चंद्र मंत्र: “ॐ सोम सोमाय नमः” का 108 बार जाप करें।

मोती रत्न धारण करें।


2. राहु संग मंगल (भ्रातृ दोष)  प्रभाव:

राहु और मंगल का योग भाइयों के साथ संबंधों को खराब करता है।

क्रोध, हिंसा, और दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।

जमीन-जायदाद के मामलों में विवाद हो सकता है।

उपाय:

हनुमान चालीसा का प्रतिदिन पाठ करें।

मंगलवार को लाल वस्त्र और मसूर की दाल का दान करें।

मूंगा रत्न धारण करें।


3. राहु संग गुरु (विद्या दोष)  प्रभाव:

शिक्षा और ज्ञान में बाधा आती है।

जातक को सही दिशा में निर्णय लेने में कठिनाई होती है।

गुरुजनों और शिक्षकों के साथ विवाद हो सकता है।

उपाय:

गुरुवार को पीले वस्त्र और चने की दाल का दान करें।

भगवान विष्णु की पूजा करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।

पुखराज रत्न धारण करें।


4. राहु संग सूर्य (पितृ दोष)  प्रभाव:

पिता के साथ संबंधों में तनाव होता है।

सरकारी कार्यों में बाधा और करियर में अस्थिरता रहती है।

आत्मविश्वास की कमी होती है।

उपाय:

रविवार को सूर्य देव को जल अर्पित करें।

आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।

माणिक्य रत्न धारण करें।


5. राहु संग बुध (बुआ/मौसी दोष)  प्रभाव:

जातक को बुआ या मौसी से सहयोग नहीं मिलता।

व्यापार में असफलता और गलत निर्णय की संभावना होती है।

वाणी में कटुता और संवाद की कमी होती है।

उपाय:

बुधवार को गणेश जी की पूजा करें।

हरे वस्त्र और साबुत मूंग का दान करें।

पन्ना रत्न धारण करें।


6. राहु संग शनि (प्रेत दोष)  प्रभाव:

राहु और शनि का योग प्रेत दोष उत्पन्न करता है।

जातक को मानसिक तनाव, भय, और कार्यों में असफलता का सामना करना पड़ता है।

कोर्ट-कचहरी के मामलों में उलझने की संभावना होती है।

उपाय:

शनिवार को शनि चालीसा का पाठ करें।

काले तिल और सरसों के तेल का दान करें।

नीलम रत्न धारण करें।


7. राहु संग शुक्र (स्त्री दोष)  प्रभाव:

राहु और शुक्र का योग वैवाहिक जीवन में समस्याएं उत्पन्न करता है।

धन-संपत्ति में कमी और जीवनसाथी के साथ विवाद होता है।

विलासिता की वस्तुओं का दुरुपयोग हो सकता है।

उपाय:

शुक्रवार को देवी लक्ष्मी की पूजा करें।

सफेद वस्त्र और चावल का दान करें।

ओपल रत्न धारण करें।


कुंडली में राहु दोष के सामान्य लक्षण

मानसिक अस्थिरता और चिंता।  रिश्तों में कड़वाहट।  धन हानि और व्यवसाय में असफलता।

नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव।  स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं।


राहु दोष के सामान्य उपाय

प्रतिदिन दुर्गा चालीसा और हनुमान चालीसा का पाठ करें।

राहु के मंत्र: “ॐ रां राहवे नमः” का 108 बार जाप करें।

राहु यंत्र की स्थापना करें और उसकी नियमित पूजा करें।

शनिवार को काले तिल, लोहा, और काले वस्त्र का दान करें।

गरीबों को भोजन और दान-पुण्य करें।


राहु के साथ ग्रह योग के प्रभाव को कम करने के लिए रत्न और यंत्र

गोमेद रत्न: राहु के दोष को शांत करने के लिए सबसे प्रभावी रत्न है। इसे चांदी या पंचधातु की अंगूठी में धारण करें।

राहु यंत्र: घर या पूजा स्थल में राहु यंत्र स्थापित करें।

हकीक माला: राहु के मंत्र जाप के लिए हकीक माला का उपयोग करें।


अतिरिक्त ज्योतिषीय सलाह

राहु के प्रभाव को समझने के लिए किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श करें।

कुंडली के अन्य ग्रहों के साथ राहु की स्थिति का विश्लेषण करें।

राहु के उपाय जितनी जल्दी हो सके अपनाएं, ताकि जीवन में आने वाली परेशानियों से बचा जा सके।


ध्यान दें: राहु के दोष और उनके उपाय व्यक्तिगत कुंडली के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। इसलिए, किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से परामर्श करना हमेशा फायदेमंद रहेगा।