काली चौदस 2024: 12 राशियों के लिए विशेष उपासना और मंत्र

काली चौदस 2024: 12 राशियों के लिए विशेष उपासना और मंत्र

काली चौदस का पर्व हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा। यह दिन विशेष रूप से नकारात्मकता को दूर करने, आशीर्वाद प्राप्त करने और देवी काली की कृपा प्राप्त करने का महत्वपूर्ण अवसर है। इस ब्लॉग में हम प्रत्येक राशि के लिए विशेष उपासना और मंत्र का विवरण देंगे, जिससे आप इस दिन का सर्वोत्तम लाभ उठा सकें।

काली चौदस 2024: नकारात्मकता को दूर करने के लिए सबसे अच्छा समय

काली चौदस 2024 में पूजा और विशेष अनुष्ठान करने का सर्वोत्तम समय काली चौदस की रात, विशेष रूप से अमावस्या के समय होता है। इस समय किए गए अनुष्ठान अधिक फलदायी होते हैं। पूजा का समय संध्या काल में होना चाहिए, ताकि रात को देवी काली की कृपा प्राप्त की जा सके।

काली चौदस 2024: काली चौदस, रूप चौदस और नरक चतुर्दशी के बीच अंतर

काली चौदस: देवी काली की उपासना का दिन, नकारात्मकता को दूर करने का दिन।
रूप चौदस: इस दिन लोग अपने सौंदर्य और स्वास्थ्य के लिए विशेष ध्यान रखते हैं।
नरक चतुर्दशी: यह दिन पितरों को शांति देने और नरक से मुक्ति पाने के लिए महत्वपूर्ण है।

मेष राशि के लिए विशेष उपासना
उपासना विधि
स्नान और शुद्धता: सुबह जल्दी स्नान करें और लाल वस्त्र पहनें।
पूजा का सामान: काली देवी की प्रतिमा, दीपक, धूप, और मिठाई।
मंत्र
मंत्र: "ॐ क्लीं कालीका ये नमः"
जप: 108 बार।

वृषभ राशि के लिए विशेष उपासना
उपासना विधि

कलश स्थापना: कलश में जल भरें और उसे पूजा स्थल पर रखें।
प्रसाद: गुड़ और तिल का प्रसाद अर्पित करें।
मंत्र
मंत्र: "ॐ ह्लीं ह्लीं काली महाक्रूरी नमः"
जप: 108 बार।

मिथुन राशि के लिए विशेष उपासना
उपासना विधि

ध्यान: ध्यान के दौरान अपने मन की नकारात्मकता को छोड़ें।
आरती: पूजा के अंत में आरती करें।
मंत्र
मंत्र: "ॐ काली महाकाली सर्वदुष्टानां वशं कुरु"
जप: 108 बार।

कर्क राशि के लिए विशेष उपासना
उपासना विधि

प्रभात में उपवास: उपवास करें और दिन भर देवी की उपासना करें।
दीप जलाना: शाम को दीप जलाएँ।
मंत्र
मंत्र: "ॐ काली देव्यै नमः"
जप: 108 बार।

 

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सिंह राशि के लिए विशेष उपासना
उपासना विधि

प्रसाद वितरण: पूजा के बाद प्रसाद बाँटें।
स्वर्ण वस्त्र: देवी को स्वर्ण वस्त्र अर्पित करें।
मंत्र
मंत्र: "ॐ क्रीं कालिकायै नमः"
जप: 108 बार।

कन्या राशि के लिए विशेष उपासना
उपासना विधि

शुद्धता: शुद्धता का ध्यान रखें और हर सामग्री को पवित्र मानें।
शांत मन से पूजा: शांत मन से पूजा करें।
मंत्र
मंत्र: "ॐ काली काली महाकाली नमः"
जप: 108 बार।

तुला राशि के लिए विशेष उपासना
उपासना विधि

धूप और दीप: पूजा स्थान पर धूप और दीप जलाएँ।
काली माता का चित्र: पूजा में काली माता का चित्र रखें।
मंत्र
मंत्र: "ॐ महाकाली सर्वव्याधि नाशं कुरु"
जप: 108 बार।

वृश्चिक राशि के लिए विशेष उपासना
उपासना विधि

सच्चे मन से प्रार्थना: अपनी इच्छाओं के लिए प्रार्थना करें।
काले वस्त्र: देवी को काले वस्त्र अर्पित करें।
मंत्र
मंत्र: "ॐ काली महाकालायै नमः"
जप: 108 बार।

धनु राशि के लिए विशेष उपासना
उपासना विधि

उपवास: उपवास करें और नकारात्मकता से दूर रहें।
कथा सुनना: देवी काली की कथा सुनें।
मंत्र
मंत्र: "ॐ काली कालिका स्वाहा"
जप: 108 बार।

मकर राशि के लिए विशेष उपासना
उपासना विधि

संगति: अच्छे लोगों की संगति में रहकर पूजा करें।
भोग: देवी को विशेष भोग अर्पित करें।
मंत्र
मंत्र: "ॐ काली सर्वदुष्टानां नाशं कुरु"
जप: 108 बार।

 


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कुम्भ राशि के लिए विशेष उपासना
उपासना विधि

शांति बनाए रखें: पूजा के दौरान मन को शांत रखें।
ध्यान केंद्रित करें: ध्यान करें कि देवी काली आपको सकारात्मकता दे रही हैं।
मंत्र
मंत्र: "ॐ महाकाली नमः"
जप: 108 बार।

मीन राशि के लिए विशेष उपासना
उपासना विधि

प्रेम से पूजा करें: प्रेम और श्रद्धा से पूजा करें।
भक्ति: अपनी भक्ति को प्रकट करें।
मंत्र
मंत्र: "ॐ कालिका स्वाहा"
जप: 108 बार।

नकारात्मकता को दूर करने के उपाय

मंत्र जाप: उपासना के समय, नकारात्मकता को दूर करने के लिए नियमित रूप से मंत्रों का जाप करें।
ध्यान और योग: मानसिक शांति के लिए ध्यान और योग का अभ्यास करें।
सकारात्मक सोच: नकारात्मक विचारों को छोड़कर सकारात्मकता पर ध्यान केंद्रित करें।
काली चौदस 2024: पूजा की प्रक्रिया

पूजा करने के चरण

स्नान और शुद्धता: सुबह जल्दी स्नान करें।
पूजा की तैयारी: सभी सामग्री एकत्र करें और पूजा स्थल को साफ करें।
दीप जलाएँ: दीपक और धूप जलाएँ।
मंत्रों का जाप करें: दिए गए मंत्रों का जाप करें।
प्रसाद अर्पित करें: पूजा के बाद प्रसाद अर्पित करें और उसे बाँटें।
आरती करें: पूजा के अंत में देवी की आरती करें।

विशेष हनुमान पूजा मंत्र

"ॐ हनुमते नमः"
इस मंत्र का जाप करें, जो शक्ति और साहस लाने में सहायक है। इसे भी 108 बार जपें।