परिचय: तीन मुखी रुद्राक्ष अग्निदेव और त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, और शिव) का प्रतीक माना जाता है। इसे सत्वगुण, रजोगुण और तमोगुण की शक्तियों - महाकाली, महालक्ष्मी, और महासरस्वती - का प्रतिनिधित्व करने वाला रुद्राक्ष भी कहा जाता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति के जीवन के भूत, वर्तमान, और भविष्यकाल की जानकारी प्राप्त होती है। तीन मुखी रुद्राक्ष व्यक्ति की नकारात्मक और विध्वंसात्मक प्रवृत्तियों को समाप्त करता है और रचनात्मकता तथा आध्यात्मिकता का संचार करता है।
धारण करने के लाभ:
आध्यात्मिक उन्नति और आत्मज्ञान:
तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति की आत्मिक उन्नति होती है। यह आत्मज्ञान को बढ़ावा देता है और व्यक्ति को अपने जीवन में स्पष्टता और दिशा प्रदान करता है।
रोग और कमजोरी से मुक्ति:
इसे धारण करने से शरीर की कमजोरी और बीमारियों से मुक्ति मिलती है। विशेष रूप से पीलिया रोग में यह अत्यंत लाभदायक माना गया है। इसे धारण करने से व्यक्ति क्रियाशील और ऊर्जावान रहता है।
सभी पापों का शमन:
इस रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति के पिछले जीवन के पापों का शमन होता है और उसे एक नई दिशा मिलती है। यह सभी तरह के कर्मज और मानसिक दोषों को दूर करता है।
कार्य में सफलता:
तीन मुखी रुद्राक्ष विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी होता है, जिन्हें नौकरी नहीं मिल रही हो या जो कार्य में सफलता पाने के लिए संघर्ष कर रहे हों। इसे धारण करने से नौकरी पाने और कार्य में सिद्धि प्राप्त करने की संभावना बढ़ जाती है।
रचनात्मकता का उदय:
इस रुद्राक्ष को धारण करने से विध्वंसात्मक प्रवृत्तियों का दमन होता है और व्यक्ति की रचनात्मकता का विकास होता है। यह मानसिक संतुलन को बनाए रखता है और निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाता है।
मंगल ग्रह का प्रभाव:
तीन मुखी रुद्राक्ष को मंगल ग्रह का प्रतीक माना गया है। यह व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आत्मविश्वास लाता है। खासकर मेष और वृश्चिक राशि के जातकों के लिए यह अत्यंत शुभ होता है, क्योंकि मंगल इन राशियों का स्वामी ग्रह होता है। इसे धारण करने से उन्हें अच्छे फल की प्राप्ति होती है।
व्यवसाय और शिक्षा में उन्नति:
तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मैनेजमेंट, मार्केटिंग, और बिजनेस से जुड़े लोगों को विशेष सफलता मिलती है। यह रुद्राक्ष धारण करने वाले लोग उच्च शिक्षा प्राप्त करते हैं और जीवन में बड़े पदों पर पहुंचते हैं। डॉक्टर, वैद्य, और सर्जन के लिए यह रुद्राक्ष अत्यंत लाभकारी होता है।
जीवन की दुविधाएं और समस्याएं दूर होती हैं:
तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के जीवन की सभी प्रकार की समस्याएं और दुविधाएं दूर हो जाती हैं। यह मानसिक शांति और स्पष्टता लाता है और व्यक्ति को सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदान करता है।
धारण करने की विधि:
इस रुद्राक्ष को मंगलवार के दिन धारण करना उत्तम माना गया है।
इसे धारण करने से पहले 21 माला "ॐ त्रि वकत्रस्य ऊं क्लीं नमः" मंत्र का जाप करना चाहिए।
रुद्राक्ष को कच्चे दूध और गंगाजल से स्नान करवाएं और शिवलिंग के समक्ष रखकर पूजा करें।
इसके बाद इसे शुद्ध धागे या चांदी की चेन में पहन सकते हैं। इसे धारण करने के बाद व्यक्ति को शुद्धता और निष्ठा के साथ जीवन जीना चाहिए।
विशेष लाभ:
मेष और वृश्चिक राशि के लिए विशेष:
चूंकि तीन मुखी रुद्राक्ष मंगल ग्रह से जुड़ा है, यह मेष और वृश्चिक राशि के जातकों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होता है। यह उनके जीवन में स्थिरता, सफलता, और शांति लाता है।
व्यवसाय में सफलता:
तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मैनेजमेंट और मार्केटिंग से जुड़े लोग अपने कार्यक्षेत्र में उच्च स्थान प्राप्त करते हैं। यह व्यापार में उन्नति और आर्थिक समृद्धि का प्रतीक है।
स्वास्थ्य और उर्जा में सुधार:
इसे धारण करने से व्यक्ति के शरीर में ऊर्जा और ताकत का संचार होता है। यह बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है और व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाता है।
सारांश:
तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के जीवन में ऐश्वर्य, सफलता, और आध्यात्मिक उन्नति आती है। यह सभी प्रकार के पापों का शमन करता है और बीमारियों से मुक्ति दिलाता है। मंगल ग्रह का प्रतीक होने के कारण, यह मेष और वृश्चिक राशि के जातकों के लिए अत्यंत शुभ होता है। व्यवसायिक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने, शारीरिक और मानसिक उन्नति के लिए इस रुद्राक्ष को धारण करना अत्यंत लाभकारी है।
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