रुद्राक्ष एक विशेष प्रकार का बीज है जो Elaeocarpus ganitrus पेड़ से प्राप्त होता है। इसे हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है और भगवान शिव से जोड़ा जाता है। रुद्राक्ष का उपयोग तंत्र-मंत्र, ध्यान और योग में किया जाता है।
रुद्राक्ष के प्रकार और उनके लाभ
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एक मुखी रुद्राक्ष:
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- विवरण: यह रुद्राक्ष केवल एक मुख वाला होता है और इसे भगवान शिव का स्वरूप माना जाता है।
- लाभ: मोक्ष, धन और समृद्धि प्रदान करता है। उच्च आध्यात्मिक विकास का प्रतीक है।
- विधान: इसे सीधे हृदय के पास पहना जाता है।
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दो मुखी रुद्राक्ष:
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- विवरण: इसमें दो मुख होते हैं, जो भगवान शिव और माता पार्वती का प्रतीक है।
- लाभ: प्रेम और संबंधों में सुधार करता है। दांपत्य जीवन को मजबूत बनाता है।
- विधान: इसे गले में पहनना चाहिए।
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तीन मुखी रुद्राक्ष:
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- विवरण: इसमें तीन मुख होते हैं, जो अग्नि देवता का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- लाभ: ऊर्जा और प्रेरणा बढ़ाता है। आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास में वृद्धि करता है।
- विधान: इसे धारण करते समय ध्यान और सकारात्मकता का अनुभव करना चाहिए।
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चार मुखी रुद्राक्ष:
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- विवरण: इसमें चार मुख होते हैं, जो भगवान ब्रह्मा का प्रतीक है।
- लाभ: ज्ञान और बुद्धिमत्ता बढ़ाता है। शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए लाभकारी है।
- विधान: इसे बुद्धि के स्थान पर रखना चाहिए।
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पाँच मुखी रुद्राक्ष:
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- विवरण: यह सबसे सामान्य प्रकार का रुद्राक्ष है जिसमें पाँच मुख होते हैं।
- लाभ: स्वास्थ्य और दीर्घकालिक जीवन को बढ़ावा देता है। सभी के लिए आमतौर पर लाभकारी है।
- विधान: इसे गले में या कलाई पर पहनें।
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छह मुखी रुद्राक्ष:
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- विवरण: इसमें छह मुख होते हैं और यह भगवान कर्तिकेय का प्रतीक माना जाता है।
- लाभ: धन और समृद्धि को आकर्षित करता है। व्यापारियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है।
- विधान: इसे दाईं कलाई पर पहनें।
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सात मुखी रुद्राक्ष:
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- विवरण: इसमें सात मुख होते हैं और यह देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है।
- लाभ: किस्मत को चमकाता है। नौकरी और व्यापार में सफलता लाता है।
- विधान: इसे गले में पहनें।
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आठ मुखी रुद्राक्ष:
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- विवरण: इसमें आठ मुख होते हैं और यह भगवान गणेश का प्रतीक है।
- लाभ: नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करता है। आध्यात्मिक विकास में सहायक है।
- विधान: इसे दाईं कलाई पर पहनें।
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नौ मुखी रुद्राक्ष:
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- विवरण: इसमें नौ मुख होते हैं और यह माता दुर्गा का प्रतीक माना जाता है।
- लाभ: मानसिक शक्ति और आत्म-विश्वास को बढ़ाता है। सभी प्रकार के भय को दूर करता है।
- विधान: इसे गले में पहनें।
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दस मुखी रुद्राक्ष:
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- विवरण: इसमें दस मुख होते हैं और यह सभी देवताओं का प्रतिनिधित्व करता है।
- लाभ: सुरक्षा और समृद्धि देता है।
- विधान: इसे दाईं कलाई पर पहनें।
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ग्यारह मुखी रुद्राक्ष:
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- विवरण: इसमें ग्यारह मुख होते हैं और यह हनुमान जी का प्रतीक है।
- लाभ: शांति और धैर्य का प्रतीक है। यह ध्यान में सहायक होता है।
- विधान: इसे गले में पहनें।
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बारह मुखी रुद्राक्ष:
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- विवरण: इसमें बारह मुख होते हैं और यह सूर्य देव का प्रतीक माना जाता है।
- लाभ: धन और समृद्धि को आकर्षित करता है। व्यापार में सफलता लाता है।
- विधान: इसे दाईं कलाई पर पहनें।
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तेरह मुखी रुद्राक्ष:
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- विवरण: इसमें तेरह मुख होते हैं और यह एक विशेष रूप से पवित्र रुद्राक्ष है।
- लाभ: पवित्रता और सुरक्षा का प्रतीक है। यह साधक को आत्मज्ञान देता है।
- विधान: इसे गले में पहनें।
रुद्राक्ष पहनने की विधि
- स्नान करें: रुद्राक्ष को पहनने से पहले स्नान करना चाहिए और स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए।
- ध्यान: रुद्राक्ष पहनने से पहले ध्यान करना चाहिए और भगवान शिव का स्मरण करना चाहिए।
- संपर्क: रुद्राक्ष को अपने हाथों में लेकर सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव करें।
- माला बनाना: यदि आप एक से अधिक रुद्राक्ष पहन रहे हैं, तो उन्हें एक माला में पिरोकर पहन सकते हैं।
- सोने से पहले: रुद्राक्ष पहनने से पहले उसे सोने से पहले कुछ समय निकालकर अपनी इच्छाओं और अभिलाषाओं के बारे में सोचें।
- किसी विशेष दिन का चयन: रुद्राक्ष पहनने के लिए सोमवार का दिन सर्वोत्तम माना जाता है, क्योंकि यह भगवान शिव का दिन है।
- धारण का तरीका: रुद्राक्ष को गले में, कलाई पर, या अंगूठी के रूप में पहना जा सकता है।
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