पुराणों में वर्णित कथा के अनुसार, विंध्याचल पर्वत के पास एक क्रूर और पापी राजा कृतवर्मा का राज्य था। वह अत्यंत निर्दयी था और अपने जीवन में कई अत्याचार किए थे। उसके राज्य में अन्याय और अत्याचार का बोलबाला था, और वह निर्दोष लोगों को मारकर उनके धन को हड़प लेता था।
राजा कृतवर्मा को अपने बुरे कर्मों का कोई पछतावा नहीं था, लेकिन जब उसकी मृत्यु निकट आई और उसने यमराज के दूतों को देखा, तो वह भयभीत हो गया। उसे अपने पापों का एहसास हुआ और वह मुक्ति पाने की कामना करने लगा। उसी समय, उसके सामने दिव्य ऋषि अंगिरा प्रकट हुए। ऋषि ने उसे बताया, "हे राजन, तुम्हारे पाप गंभीर हैं, लेकिन पापांकुशा एकादशी का व्रत करके तुम मोक्ष प्राप्त कर सकते हो।"
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ऋषि की सलाह पर राजा कृतवर्मा ने पापांकुशा एकादशी का व्रत पूरी श्रद्धा से किया। इस व्रत के प्रभाव से उसके सारे पाप धुल गए और उसे स्वर्ग में स्थान मिला।
कथा का महत्त्व: यह कथा बताती है कि भगवान विष्णु की शरण में आने और पापांकुशा एकादशी का व्रत करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। व्रत के द्वारा व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि आती है।
व्रत विधि:
- स्नान और संकल्प: प्रातःकाल स्नान करके व्रत का संकल्प लें और भगवान विष्णु की पूजा करें।
- भगवान विष्णु की पूजा: तिल, फूल, दीप, और भोग अर्पित करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
- व्रत का पालन: निराहार या फलाहार रहकर ब्रह्मचर्य का पालन करें और दान-पुण्य करें।
- रात्रि जागरण: भगवान विष्णु के नामों का जप करें और भजन-कीर्तन में लीन रहें।
- द्वादशी का पारण: अगले दिन द्वादशी तिथि को व्रत का पारण करें और ब्राह्मण को भोजन कराकर दान दें।
पापांकुशा एकादशी से जुड़े नियम:
- तामसिक भोजन वर्जित है।
- व्रती को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
- मन, वचन, और कर्म से शुद्ध रहना आवश्यक है।
- झूठ बोलने और पाप कर्मों से दूर रहें।
पापांकुशा एकादशी के लाभ:
- पापों से मुक्ति मिलती है।
- भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- मोक्ष प्राप्ति का मार्ग खुलता है।
- मानसिक और शारीरिक शांति मिलती है।
महत्त्व:
विष्णु और पद्म पुराण में इस व्रत का उल्लेख मिलता है, जिसमें कहा गया है कि इस व्रत से व्यक्ति को जन्म-जन्मांतर के पापों से छुटकारा मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Dr. Asmita Acharya Best Astrologer
पापांकुशा एकादशी व्रत एक पवित्र व्रत है जो व्यक्ति को पापों से मुक्त कर मोक्ष प्रदान करता है। भगवान विष्णु की आराधना और विधिपूर्वक व्रत का पालन करने से जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि प्राप्त होती है।
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