नवरात्रि साधना: अनिष्ट ग्रहों का निवारण अंक ज्योतिष

 नवरात्रि साधना: अनिष्ट ग्रहों का निवारण अंक ज्योतिष

अंक ज्योतिष, एक प्राचीन विद्या है, जो जीवन में अंकों के महत्व को दर्शाती है। यह विज्ञान बताता है कि कैसे एक व्यक्ति के जन्म के समय उसके नाम और जन्मतिथि के अंकों का प्रभाव उसके जीवन पर पड़ता है। नवरात्रि, देवी दुर्गा की आराधना का एक विशेष पर्व है, जिसमें विभिन्न देवी रूपों की पूजा की जाती है। इस समय, विशेष रूप से अनिष्ट ग्रहों के निवारण के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं।

अंक ज्योतिष का महत्व

अंक ज्योतिष में 1 से 9 तक के अंकों के विभिन्न अर्थ होते हैं। हर अंक का एक विशेष ग्रह से संबंध होता है, और ये ग्रह हमारे जीवन में विभिन्न प्रकार के फल प्रदान करते हैं। जब ग्रह अनिष्ट फल देते हैं, तो व्यक्ति को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। नवरात्रि के समय, देवी माँ की कृपा से इन समस्याओं का समाधान संभव है।

नवरात्रि का महत्व

नवरात्रि का पर्व, देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का प्रतीक है। इस दौरान, भक्तगण देवी को समर्पित होते हैं और अपनी मनोकामनाओं के लिए साधना करते हैं। यह समय सकारात्मक ऊर्जा, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इस समय, जब हम देवी माँ की आराधना करते हैं, तो हमें अपनी कुंडली में उपस्थित अनिष्ट ग्रहों के प्रभाव को कम करने का एक सुनहरा अवसर मिलता है।

अंक और ग्रहों का संबंध

हर अंक का एक विशेष ग्रह से संबंध होता है, जैसे:

1. अंक 1 - सूर्य

2. अंक 2 - चन्द्रमा

3. अंक 3 - जुपिटर (गुरु)

4. अंक 4 - राहु

5. अंक 5 - बुध

6. अंक 6 - शुक्र

7. अंक 7 - केतु

8. अंक 8 - शनि

9. अंक 9 - मंगल

इन अंकों के अनुसार, नवरात्रि में विशेष पूजा और साधनाएँ की जा सकती हैं।

1. अंक 1 (सूर्य)

 उपाय:

अंक 1 के लोगों को नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री देवी की उपासना करनी चाहिए।

 नैवेद्य:

इस दिन शुद्ध घी का भोग लगाएं और इसे देवी को अर्पित करें।

 मंत्र:

"ह्रीं शिवायै नमः।"

 विशेष:

सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करें और सूर्य को अर्घ्य दें। यह उपाय स्वास्थ्य में सुधार और आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करेगा।

2. अंक 2 (चन्द्रमा)

 उपाय:

अंक 2 के व्यक्तियों को चंद्रमा के लिए कुष्मांडा देवी की पूजा करनी चाहिए।

 नैवेद्य:

दूध का भोग अर्पित करें और उसे दान करें। दूध से देवी को प्रसन्न किया जा सकता है।

 मंत्र:

"ऐं ह्री देव्यै नमः।"

 विशेष:

चांदनी रात में चंद्रमा की पूजा करें और उसके लिए सफेद फूल चढ़ाएं। यह उपाय मानसिक शांति और भावनात्मक स्थिरता प्रदान करेगा।

3. अंक 3 (जुपिटर)

 उपाय:

अंक 3 के लोगों को स्कंद माता की आराधना करनी चाहिए।

 नैवेद्य:

इस दिन केले का भोग अर्पित करें। केला, इस अंक के लिए शुभ फल है।

 मंत्र:

"ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नमः।"

 विशेष:

पीले वस्त्र पहनें और पीले फल का दान करें। यह उपाय ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि करेगा।

4. अंक 4 (राहु)

 उपाय:

अंक 4 के लोगों को कात्यायनी की पूजा करनी चाहिए।

 नैवेद्य:

चतुर्थी को मालपुआ का भोग अर्पित करें। इससे बुद्धि का विकास होता है।

 मंत्र:

"क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नमः।"

विशेष:

इस दिन देवी को हरे रंग का वस्त्र अर्पित करें। यह उपाय मानसिक शक्ति और निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाएगा।

5. अंक 5 (बुध)

 उपाय:

अंक 5 के व्यक्तियों को महागौरी की पूजा करनी चाहिए।

 नैवेद्य:

गुड़ का भोग अर्पित करें। गुड़, समृद्धि और सुख का प्रतीक है।

 मंत्र:

"श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नमः।"

विशेष:

हरे रंग के फल का दान करें। यह उपाय धन के प्रवाह को बढ़ाने में सहायक होगा।

6. अंक 6 (शुक्र)

उपाय:

अंक 6 के व्यक्तियों को कालरात्रि की उपासना करनी चाहिए।

नैवेद्य:

मधु से पूजा करें और ब्राह्मण को दान करें।

मंत्र:

"क्लीं ऐं श्री कालिकायै नमः।"

विशेष:

सफेद फूलों का भोग अर्पित करें। यह उपाय सौंदर्य और आकर्षण में वृद्धि करेगा।

7. अंक 7 (केतु)

उपाय:

अंक 7 के लोगों को ब्रह्माचारिणी की पूजा करनी चाहिए।

नैवेद्य:

नारियल का भोग लगाएं। नारियल, समृद्धि और सुख का प्रतीक है।

मंत्र:

"ह्रीं श्री अम्बिकायै नमः।"

विशेष:

पीले वस्त्र पहनें और शुद्धता का ध्यान रखें। यह उपाय सकारात्मकता और उन्नति लाएगा।

8. अंक 8 (शनि)

 उपाय:

अंक 8 के व्यक्तियों को चन्द्रघंटा की उपासना करनी चाहिए।

नैवेद्य:

काले तिल का दान करें। यह उपाय शनि के अनिष्ट प्रभाव को कम करेगा।

मंत्र:

"ऐं श्रीं शक्तयै नमः।"

विशेष:

काले रंग के वस्त्र पहनें और काले तिल का दान करें। यह उपाय आर्थिक स्थिति में सुधार लाएगा।

9. अंक 9 (मंगल)

उपाय:

अंक 9 के व्यक्तियों को सिद्धिदात्री की पूजा करनी चाहिए।

नैवेद्य:

शक्कर का भोग लगाएं। शक्कर, मिठास और समृद्धि का प्रतीक है।

मंत्र:

"ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नमः।"

विशेष:

लाल रंग के वस्त्र पहनें और लाल फूलों का भोग अर्पित करें। यह उपाय शक्ति और विजय की प्राप्ति में मदद करेगा।

इन सभी उपायों को श्रद्धा और भक्ति के साथ करने से अनिष्ट ग्रहों के प्रभाव को कम किया जा सकता है। नवरात्रि का समय देवी माँ की कृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम अवसर है। जब आप अपने अंक के अनुसार इन साधनाओं को अपनाएंगे, तो आप जीवन में सकारात्मकता और खुशहाली का अनुभव करेंगे।

अपनी आस्था के साथ इन साधनाओं को अपनाएं और देवी माँ से कृपा प्राप्त करें। जय माता दी!