दवे भरतकुमार का जन्म 25 नवंबर, 1957 को अहमदाबाद, गुजरात में हुआ था। उनके पिता, शांतीलाल दवे, केंद्रीय सरकार के अधिकारी थे। इस प्रकार, दवे भरतकुमार का पालन-पोषण एक अनुशासित और उच्च शिक्षा वाली पृष्ठभूमि में हुआ। उन्होंने भूविज्ञान (Geology) में एम.एससी की डिग्री प्राप्त की और विज्ञान के क्षेत्र में अपनी पढ़ाई को उच्च स्तर तक पहुंचाया।
शिक्षा और प्रारंभिक जीवन
दवे भरतकुमार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अहमदाबाद में पूरी की। विज्ञान में उनकी गहरी रुचि थी, जिसने उन्हें भूविज्ञान में मास्टर्स करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने एम.एससी (Geology) में डिग्री प्राप्त की, जो कि अपने आप में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उनकी शिक्षा ने उन्हें पृथ्वी और उसकी संरचना के बारे में गहन जानकारी प्रदान की, जो उनके भविष्य के शोध और कार्यों के लिए आधार बना।
सरकारी सेवा
दवे भरतकुमार ने 39 वर्षों तक सरकारी सेवा में कार्य किया। वह वरिष्ठ श्रेणी 1 अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए, जो कि एक उच्च स्तर का पद है। उन्होंने वडोदरा में अपनी सेवा दी और अपने कार्यकाल के दौरान उनकी मेहनत और निष्ठा के लिए उन्हें कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए। सरकारी सेवा में उनके दीर्घकालिक अनुभव ने उन्हें एक अनुशासित और कुशल प्रशासक बनाया।
ज्योतिष और परामनोविज्ञान में योगदान
दवे भरतकुमार ने ज्योतिष और परामनोविज्ञान के क्षेत्र में 25 वर्षों से अधिक का अनुभव प्राप्त किया है। वह भारत के सबसे बेहतरीन paranormal investigator और हीलर में से एक माने जाते हैं। इसके अलावा, वह एक Reiki ग्रैंड मास्टर भी हैं। Reiki एक जापानी उपचार पद्धति है, जो कि जीवन ऊर्जा को बढ़ाने और शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए प्रयोग की जाती है।
पुरस्कार और उपलब्धियां
दवे भरतकुमार की उपलब्धियों की सूची बहुत लंबी है। उन्हें 180 से अधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। उनकी मेहनत और समर्पण के कारण उन्हें 25 लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड और 20 से अधिक स्वर्ण पदक भी मिले हैं। इसके अलावा, उन्हें पांच बार "विद्या वाचस्पति" के मानद पीएचडी से नवाजा गया है। यह उनके ज्ञान और विशेषज्ञता का प्रमाण है।
व्यक्तिगत जीवन
दवे भरतकुमार का व्यक्तिगत जीवन भी उनकी पेशेवर उपलब्धियों की तरह ही समृद्ध और प्रेरणादायक है। उनका परिवार उनके लिए हमेशा समर्थन का स्रोत रहा है। उनके पिता, शांतीलाल दवे, जो खुद एक केंद्रीय सरकारी अधिकारी थे, ने उन्हें कड़ी मेहनत और ईमानदारी का मूल्य सिखाया। दवे भरतकुमार ने इन मूल्यों को अपने जीवन में अपनाया और अपने पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन में सफलता प्राप्त की।
निष्कर्ष
दवे भरतकुमार का जीवन और उनकी उपलब्धियां एक प्रेरणा स्रोत हैं। उनकी शिक्षा, सरकारी सेवा, ज्योतिष और परामनोविज्ञान के क्षेत्र में उनका योगदान, और उनकी प्राप्तियों की लंबी सूची उन्हें एक बहुआयामी व्यक्तित्व बनाती है। उन्होंने अपने जीवन में जो भी लक्ष्य तय किए, उन्हें न केवल प्राप्त किया बल्कि उसमें उत्कृष्टता भी प्राप्त की। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि कड़ी मेहनत, समर्पण, और ईमानदारी के साथ हम किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। दवे भरतकुमार एक ऐसे व्यक्तित्व हैं जो न केवल अपने क्षेत्र में अग्रणी हैं, बल्कि उन्होंने अपने ज्ञान और अनुभव के माध्यम से अनगिनत लोगों की सहायता भी की है। उनके जीवन और कार्यों का प्रभाव आने वाली पीढ़ियों पर भी बना रहेगा।
0 Comment's