* दीपावली पांच दिनों का दीपोत्सव*
दीपावली - दीप+आवलि: = पंक्ति अर्थात पंक्ति में रखे हुए दीपक जो शरद ऋतु में प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला एक पौराणिक सनातन पर्व है। यह कार्तिक मास, कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। और भारत के सबसे बड़े और सर्वाधिक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। आध्यात्मिक रूप से यह अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है। मां बगलामुखी पीठ परिषद के संस्थापक एवं ज्योतिर्विद पं महेश मोहन झा ने बताया कि इस वर्ष दीपावली 12 नवम्बर 2023 रविवार को है । उन्होंने कहा कि दीपावली कार्तिक मास कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि को प्रदोष काल में मनाया जाता है जो कि 12 नवम्बर 2023 को दोपहर 02 बजकर 24 मिनट के बाद अमावस्या तिथि का प्रारंभ हो जाता है और अगले दिन यानि 13 नवम्बर को दोपहर 02 बजकर 51 मिनट तक रहेगा किन्तु 13 नवम्बर को प्रदोष के समय अमावस्या तिथि नहीं होने से दीपावली 12 नवम्बर रविवार को ही मनाया जाएगा। दीपावली का त्योहार पांच दिनों तक मनाया जाता है,इसकी शुरुआत धनतेरस से होती है, दूसरे दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दीपावली जो दीपावली से एक दिन पहले छोटी दीपावली मनाने के पीछे शास्त्रों में वर्णन है कि जब नरकासुर नामक राक्षस ने तीनों लोकों में अपने आतंक से हाहाकार मचा दिया था।तब सभी देवी-देवता व ऋषि मुनि उसके अत्याचार से परेशान हो गए थे। तब भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। इसी विजय के उपलक्ष में नरक चतुर्दशी या छोटी दीपावली के रूप में मनाते हैं। तीसरे दिन दीपावली जो धर्म ग्रंथों के अनुसार दीपावली के दिन श्री राम लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद और चौदह वर्ष का वनवास पूरा कर माता सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे। अयोध्या नरेश श्री राम के स्वागत के लिए इस दिन अयोध्या नगरी सहित पूरे भारत में दीप जलाए गए थे। इसी दिन से हर साल कार्तिक अमावस्या पर दीपावली मनाई जाने लगी। इस दिन घरों में रोशन कर मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना की जाती है और सुख समृद्धि,धन संपत्ति की कामना करते हैं। चौथे दिन गोवर्धन पूजा करते हैं जो 14 नवम्बर को किया जाएगा और पांचवें दिन भाई - बहन का त्योहार भाईदूज या भ्रातृद्वितीया मनाया जाएगा जो कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि को मनाया जाएगा। द्वितीया तिथि का उदय 15 नवम्बर को हो रहा है अतः इसी दिन भ्रातृद्वितीया एवं चित्रगुप्त पूजा मनाया जाएगा। हर दिन का अपना अलग महत्व है, पांच दिनों तक घर आंगन में दीप जलाए जाते हैं और खुशियां मनाई जाती है और इस तरह से पांच दिनों का दीपोत्सव पर्व पूर्ण होता है।
* लक्ष्मी पूजन मुहूर्त*
गोधूलि मुहूर्त:- संध्या 05:38 से रात्रि 07:36 तक।
वृष स्थिर लग्न:- संध्या 05:44 से रात्रि 07:40तक।
सिंह स्थिर लग्न:- रात्रि 12:11 से रात्रि 02:27 तक।
* पंचदीपोत्सव मुहूर्त*
1.धनतेरस:- 10 नवम्बर
2. छोटी दीपावली:- 11 नवम्बर
3. दीपावली, एवं काली पूजा:- 12 नवम्बर
4. अन्नकूट एवं गोवर्धन पूजा:- 14 नवम्बर
5. भ्रातृद्वितीया एवं चित्रगुप्त पूजा:- 15 नवम्बर।
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