वास्तव में ज्योतिष एक विज्ञान है और इस विज्ञान का जन्म करोड़ों साल पहले हुआ । ज्योतिष का जन्म उस समय से हुआ जब इस ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई । अगर हम यह कहें की ब्रह्मांड की उत्पत्ति ज्योतिष के आधार पर हुई तो गलत नहीं होगा क्योंकि नक्षत्र की गणना और ग्रहों की चाल सब कुछ ज्योतिष पर ही तो आधारित है। ज्योतिष के अंदर वैदिक गणित और वैदिक ज्योतिष का बहुत अधिक महत्व है। जब हमने अपने योग विद्या से अपनी कुंडलिनी जागृत की तो हमें यह पता चला की वास्तव में यह शरीर ही गणनाओं के आधार पर बंधा हुआ है और जब हम अपने शरीर को अलग करके सूक्ष्म शरीर व वास्तविक शरीर से बात करने लगे तब तो हमें इस शरीर का संबंध केवल मोह के बंधन तक ही सीमित रह गया इसलिए हमने यह निर्णय भी लिया की लोगों को ज्योतिष विद्या और कुंडलिनी जागरण करवा कर यह बताएंगे की किस तरह से यह शरीर काम करता है ? कैसे आपको सफलता मिलती है ? कैसे आपके सितारे बुलंद होते हैं और कैसे आप आप योग विद्या के माध्यम से ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर परम सत्य को जान लेने में सक्षम हो जाते हैं। हमें गणना करने में और आपके भविष्य को बताने में बहुत कम समय लगता है हम हाथों और आवाज की गणना के आधार पर आपको एक मिनट के अंदर आपका भविष्य और जीवन में चल रही परेशानियों तथा उन परेशानियों से छुटकारा पाने के उपाय बता देते हैं। यदि आपको हमारी बात पर विश्वास हो तो फोन उठाइए और हमें जानने के लिए सिर्फ एक कॉल ही काफी है हमें कॉल कीजिए और अपनी समस्या का समाधान प्राप्त कीजिए- 8309063171
डॉ • परमानंद शुक्ल आचार्य ( वैदिक ज्योतिष एवं कुंडलिनी सिद्धस्थ योगी)