
2023-08-14
जय गुरूदेव॥
भविष्य की घटनाओं को जानने की उत्सुकता प्रायः हर व्यक्ति की होती है।बहुत से लोग ज्योतिष विद्या पर विश्वास करते हैं, और बहुत से लोग इसे लेकर भ्रम एवं अविश्वास की स्थिति में रहते हैं। यह किसी के व्यक्तिगत सोच पर निर्भर करता है।
*आचार्य नरहरि प्रसाद 9950121286*
ज्योतिष शास्त्र की सार्थकता नौ ग्रहों, 27 नक्षत्र 12 राशियों पर आधारित है। ग्रहों में सूर्य एवं चंद्रमा प्रतिदिन सबको दिखाई देते है। और बाकी ग्रह बहुत दूर होने के कारण या सूर्य की रश्मि अधिक होने के कारण हमें दिखाई नहीं पड़ती, परंतु उन सब का वजूद इस ब्रह्मांड में जरूर है। जिसे नासा ने 1971 में सिद्ध किया था।चंद्रमा के बाद मनुष्य का अगला कदम मंगल पर भी पडने जा रहा है।
*आचार्य नरहरि प्रसाद 9950121286*
हमारे सनातन मनीषियों ने एवं विदेशों के ज्ञानियों ने इन ग्रह नक्षत्रों का आकलन करके घटित होने वाली घटनाओं का आकलन किया, पश्चात ज्योतिष शास्त्र की स्थापना हुई।
ध्यान रहे कि कोई भी ज्योतिषी आपका तकदीर नहीं बना सकता, और ना ही वह भगवान होता है।परंतु हां, वह सफल होने का रास्ता जरूर दिखा सकता है, और उस रास्ते पर अमल करके,सतत निष्ठा कर्म के द्वारा जीवन में हम सफलता पाई जा सकती है।
*आचार्य नरहरि प्रसाद 9950121286*
भारत में लगभग 150 से ज्यादा ज्योतिष विद्या की विधाएं प्रचलित है।सभी विधाएं भूत भविष्य वर्तमान को बताने का दावा करती है,जो सत्य भी है।
मैंने अपने 26 वर्षों के अनुभव में पाया है कि-*जीवन को बेहतर बनाना एवं भविष्य की घटनाओं को उजागर करना ही ज्योतिष विद्या का एकमात्र लक्ष्य है।* ..✍️✍️
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