🕉️मंत्र-जप के प्रभाव🕉️ 12 राशियों में 9 ग्रहो

🕉️मंत्र-जप के प्रभाव🕉️ 12 राशियों में 9 ग्रहों के विचरने से 108 प्रकार की शुभ-अशुभ स्थितियों का निर्माण होता है, जो हर मानव को प्रभावित करती हैं। हर व्यक्ति यह चाहता है कि उसके साथ सिर्फ अच्छी परिस्थितियां हों, पर बुरी परिस्थितियां भी आ जाती हैं और हर कोई मन-मसोसकर कहता है कि होनी को कौन टाल सकता है? पर बुरी परिस्थितियों को टाला जा सकता है या उसका प्रभाव इतना कम किया जा सकता है कि वे नाममात्र का नुकसान कर चली जाएं। यह सब संभव हो सकता है मंत्र जप से। पंडित अमित कुमार शर्मा ज्योतिषाचार्य जी ने बताया कि हम अपनी प्रकृति, अपने स्वभाव व अपनी जन्म कुंडली के आधार पर यह जान सकते हैं कि हमें किस तरह के मंत्र का जप करना चाहिए। कौन से ईष्ट के स्वरूप की साधना से कुंडली के ग्रह दोष दूर किये जा सकते हैं। यदि हम ग्रह-नक्षत्रों के मंत्र की बजाय ग्रहों के स्वामी के मंत्र जप करें तो, वह ज्यादा प्रभावी होते हैं। कलयुग में होने का एक ही फायदा है कि हम मंत्र जप कर बड़े-बड़े तप-अनुष्ठान का लाभ पा सकते हैं, कलयुग में मंत्रों का प्रभाव ज्यादा होता है। मंत्रों में परमेश्वर का अनुभव कराने वाली शक्ति निहित होती है। मंत्र जप से एक तरंग का निर्माण होता है, जो मन को उर्ध्वगामी बनाते हैं। जिस तरह पानी हमेशा नीचे की ओर बहता है उसी तरह मन हमेशा पतन की ओर बढ़ता है,अगर मन को मंत्र जप की तरंग का बल मिल जाए तो मन पवित्र और श्रेष्ठ बनता है। मंत्र जाप का प्रभाव सूक्ष्म किंतु गहरा व प्रभावकारी होता है। मंत्र जप से पुराने व अशुभ संस्कार हटते जाते हैं,और नए शुभ संस्कारों का निर्माण होता है। जापक में सौम्यता आती-जाती है और उसका आत्मिक बल बढ़ता जाता है। मंत्र जप से चित्त पावन होने लगता है। रक्त के कण पवित्र होने लगते हैं। दु:ख, चिंता, भय, शोक, रोग आदि निवृत्त होने लगते हैं। सुख-समृद्धि और सफलता की प्राप्ति में मदद मिलने लगती है।। जैसे ध्वनि तरंगें दूर-दूर तक जाती हैं, ऐसे ही नाद-जप की तरंगें हमारे अंतरमन में गहरे उतर जाती हैं तथा पिछले कई जन्मों के पाप मिटा देती हैं। इससे हमारे अंदर शक्ति-सामर्थ्य प्रकट होने लगता है और बुद्धि विवेक का विकास होने लगता है और मनुष्य श्रेष्ठता को प्राप्त होना शुरू हो जाता हैं। मंत्र जापक को व्यक्तिगत जीवन में सफलता तथा सामाजिक जीवन में सम्मान मिलता है। मंत्र जप मानव के भीतर की सोई हुई चेतना को जगाकर उसकी महानता को प्रकट कर देता है। यहां तक कि जप से जीवात्मा ब्रह्म-परमात्म पद में पहुंचने की क्षमता भी विकसित कर लेता है। जन्म कुंडली के माध्यम से या अपने पूर्व संस्कारों के माध्यम से यह पता लगाया जा सकता है कि हमारा इष्ट कौन है, हमारे अंदर सबसे ज्यादा किस तरह के तत्व विद्यमान है, हम किस तरह की प्रकृति और प्रवृत्ति के हैं इन सब बातों के आधार पर ही हमें यह पता लगता है कि हमारा इष्ट कौन है और फिर हम अपने इष्ट के मंत्रों का जप करके, अपने जीवन में काफी सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। चतुर्मास व सावन का पवित्र महीना चल रहा है इसमें आप भगवान शिव की पूजा- उपासना करें और अधिक से अधिक उनके मंत्रों का जप करें निश्चित कल्याण की प्राप्ति होगी। और अपनी कुंडली का विश्लेषण करा कर अपने जीवन को सुखमय बना सकते हो। 🙏 जय माता दी ‌ 🕉️ पंडित अमित कुमार शर्मा ज्योतिषाचार्य 9811480200 #पंडितअमितकुमारशर्माज्योतिषाचार्य #हमभाग्यकेज्ञाताहैंभाग्यविधातानही #ह्रीमज्योतिषसंस्थानगाजियाबाद #जयमातादी9811480200 #शिव #प्रदोष #पार्वती #श्रीराम #जयश्रीराम

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