पंच मुखी रुद्राक्ष भगवान शंकर का प्रतिनिधि और कालाग्नि रुद्र का स्वरूप माना जाता है। यह पंच ब्रह्म और अग्नि तत्व ,पृथ्वी तत्व,वायु तत्व,जल तत्व और आकाश तत्व का प्रतीक भी है। पंचमुखी को धारण करने से जीवन में किये हुए सभी पापों से मुक्ति मिलती है. तथा जीवन में अच्छे सुखों की प्राप्ति होती है।आप के जीवन में अंतर और बाह्य शत्रुनाश के लिए पूर्णतया फलदायी है। इसके धारण करने पर साँप-बिच्छू आदि जहरीले जानवरों का डर नहीं रहता। पंच मुखी रुद्राक्ष धारण करने से आपके शरीर के अंदर नेगेटिव एनर्जी को दूर कर के पॉजिटिव एनर्जी प्राप्त होती है। आपके जीवन के अंदर मानसिक शांति,बेचैनी उदासता को दूर कर के आपके जीवन को प्रफुलित बनता है।
यह पंचमुखी रुद्राक्ष को धारण करते समय आप गंगा जल और देसी गाय के कच्चे से स्नान अभिषेक कर के " ॐ पंच वकत्रस्य ॐ ह्रीं नमः" इस मंत्र की 21 माला जप करके गुरुवार के दिन धारण करना चाहिए।
यह पंच मुखी रुद्राक्ष धनु राशि और मं राशि के जातक के लिए अत्यंत लाभदायक है। पंच मुखी रुद्राक्ष का स्वामी ग्रह बृहस्पति गुरु को माना गया है यह पंच मुखी रुद्राक्ष जो भी जातक धारण करता है यदि उसके जीवन के अंदर भाग्य की प्रगति नहीं हो रही है तो भाग्य में प्रगति मिलेंगी यदि आपके शरीर के अंदर रोग-प्रतिकारक शक्ति काम हो गई है तो ये पंच मुखी रुद्राक्ष से रोग प्रतिकार-शक्ति में बढ़ावा मिलता है यदि आपके जीवन में आर्थिक सुखारी के लिए यह पंच मुखी रुद्राक्ष से लाभ प्राप्त हो शक्ति है। यदि आपके जीवन में उच्च विद्याभ्यास प्राप्त करना है तो आप पंच मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हो। सभी जातक के जीवन में आर्थिक, शारीरिक तकलीफ है वो सभी लोग पंच मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है और रुद्राक्ष की माला से शिव जी के मंत्र जप कर ने से निरोगी आयुष्य की प्राप्ति होती है।
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