2023-01-14
मकर संक्रान्ति
🌹 मकर संक्रांति🌹
संक्रांति का मतलब है परिवर्तन।
मकर संक्रांति का मतलब सूर्य का धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश या संक्रमण।
प्रतिवर्ष इस संक्रमण में 20 मिनिट का विलंब हो जाता है।इस प्रकार तीन वर्षो में यह अंतर एक घंटे का हो जाता है।तथा 72वर्षो में पूरे 24घंटे का हो जाता है।
सायं चार बजे के बाद संध्या काल माना जाता हे और सूर्य से संबंधित कोई भी गणना चार बजे के बाद नही की जाती ।अगले दिन से की जाती है।
इस वजह से 2023 में मकर सक्रांति 15 जनवरी को मनाई जा रही है क्योंकि सूर्य 14 जनवरी की रात में मकर में प्रवेश करेंगे।
सक्रांति की गणना चंद्र तिथि से नही की जाती हैं।
1935 से 2008 तक संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती रही।उसके पहले 13 जनवरी को ।एवम 2080 तक अब 15 जनवरी को ही मनाई जाने लगेगी।
इस दिन तिल का बहुत महत्व है अतः नहाने के पानी में कुछ दाने तिल के डालकर नहाना अच्छा माना गया हे।
चंद्र राशि के अनुसार भी नहाने के पानी में अलग अलग वस्तु डालने का महत्व है जो इस तरह से हे....
मेष एवम वृश्चिक ...
गुलाब की पंखुड़ी
वृष एवम तुला ...
रोज वाटर
मिथुन एवम कन्या...
कोरियांडर पाउडर
कर्क...
गंगाजल
सिंह...
केसर
धनु एवम मीन...
हल्दी
मकर एवम कुंभ....
काले एवम सफेद तिल
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