जय श्रीराम ।।
मंगल -राहु की युति
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किसी भी व्यक्ति के जीवन में उसके कुंडली में ग्रहों की स्थिति के अनुसार ही उसका जीवन और उसकी खुद की प्रवृत्ति निर्धारित होती है। अगर किसी भी व्यक्ति के लग्न से 12 वें खाने में अगर राहु की स्थिति बनती है तो व्यक्ति के लिए उसके जीवनकाल में एक न एक बार जेल जाना पड़ सकता है इसके साथ ही ग्रहों की स्थिति मंगल और राहु की जोड़ी का कुंडली के स्थान से भी निर्धारित होता है और इसका असर पड़ता है।
कुंडली में मंगल-राहु की जोड़ी बहुत कुछ असर डालती है। मंगल और राहु ग्रह की युति व्यक्ति के ऊर्जा स्तर और उसकी आक्रामकता को प्रदर्शित करता है।
मंगल ग्रह की प्रवृत्ति
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मंगल ग्रह अग्नि का कारक है और यह गृह ऊर्जा का स्रोत भी माना जाता है। इसलिए जिस भी व्यक्ति का मंगल ग्रह स्ट्रांग रहता है उसके अंदर ऊर्जा का पर्याप्त भण्डार होता है और कभी कभी इसकी स्थिति हिंसक भी हो जाती है इसलिए अगर मंगल कुपित होता है तो तो यह नुकसानदायक भी हो जाता है।
राहु ग्रह की प्रवृत्ति
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राहु ग्रह की प्रवृत्ति छाया गृह माना जाता है और व्यक्ति इसके प्रभाव में आकर। व्यक्ति को किसी भी काम को करने में कन्फ्यूज कर देता है और वह अपना पूरा ध्यान नहीं दे पाता है। बिना किसी भी ठोस जानकारी के बावजूद यह कुतर्क करने लगता है इसके कारण उसके काम बनते बनते बिगड़ जाता है। रोग कुछ न कुछ बना रहता है और बिना किसी कारण से खर्च बढ़ जाता है।
राहु और मंगल युति जब भी एक घर में एक साथ होती है तो जीवन में कठिनाई ही कठिनाई आती है चूँकि दोनों ग्रह विपरीत ग्रह हैं इसलिए आर्थिक संकट का सामना करना पद सकता है।
1- पहले घर में मंगल राहु की युति
लग्न के पहले घर में अगर व्यक्ति की कुंडली में मंगल और राहु की युति होती है तो व्यक्ति का सबसे पहले स्वास्थ्य प्रभावित होता है। व्यक्ति आक्रामक भी हो सकता है। चूँकि दिमाग बहुत कंट्रोल नहीं रहता है इसलिए एंजाइटी भी हो सकती है।
2- दूसरे घर में मंगल राहु की युति का असर
अगर किसी भी व्यक्ति के दूसरे घर में मंगल राहु की युति होती है तो आँख की परेशानी हो सकती है। घर में पैसे की परेशानी भी हो सकती है।
3- तीसरे घर में मंगल राहु की युति का असर
कुंडली के तीसरे घर में मंगल और राहु की युति होने के कारण घर के बुजुर्गों को समस्या हो सकती है उनकी तबियत खराब रह सकती है। लेकिन इस घर में युति के कारण व्यक्ति निर्भक होता है। व्यक्ति को त्वचा रोग हो सकती है जिससे बचने की जरुरत है।
4- चौथे घर में मंगल राहु की युति का असर
ऐसे लोगों का मन अशांत रहता है और अपने घर से हमेशा दूर ही रहने का कुछ न कुछ संयोग बना रहता है।
5- पांचवें घर में मंगल राहु की युति का असर
जिन व्यक्ति के कुण्डी के पांचवे घर में राहु और मंगल की युति होती है ऐसे लोगों पर विपरीत असर पड़ता है और शिक्षा बहुत संतोषजनक नहीं हो पाती है। महिलाओं को गर्भ धारण करने में समस्या आती है ,पेट की बीमारियां रहती है अक्सर जिससे बचने का उपाय करना चाहिए।
6- छठवें घर में मंगल राहु की युति का असर
कुंडली से छठे घर में मंगल राहु की युति होने से व्यक्ति अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है। मुकदमों में उसे सफलता मिलती है लेकिन छोटी मोटी समस्या बनी रहती हैं।
7- सातवें घर में मंगल राहु की युति का असर
कुंडली से सातवें घर में मंगल राहु की युति बनने के कारण वैवाहिक जीवन बहुत ही परेशानियों भरा रहता है। विवाह में देरी होती है और दाम्पत्य जीवन सुखी न होने के कारण या तो ऐसे लोग अलग हो जाते हैं या तलाक हो जाता है। अगर प्रेम सम्बन्धों में रहते हैं तो वह भी सफल नहीं हो पाता है।
8- आठवें घर में मंगल राहु की युति का असर
जिन व्यक्ति के कुंडली में आठवें घर में मंगल राहु की युति होती है उनको पेट के रोग की समस्या रहती है। हर काम में है अवरोध होता रहता है कोई भी काम बनते बनते बिगड़ जाता है। दुर्घटना होने के भी संयोग बनते हैं।
9- जिन व्यक्ति के कुंडली में नौवें घर में मंगल राहु की युति होती है
उनके उच्च शिक्षा में बाधाएं रहती हैं। पिता के साथ अनबन बनी रहती है। यात्राएं बहुत ही कम होती हैं।
10- जिन व्यक्ति के कुंडली में दसवां घर में मंगल राहु की युति होती है
दसवें घर में मंगल राहु की युति होने के कारण नौकरी या व्यवसाय में स्थिरता नहीं रहती है और बार बार कारोबार बदलता रहता है और नौकरी अगर करते रहते हैं तो नौकरी में बदलाव होता रहता है। नौकरी या कारोबार अपेक्षित सफलता नहीं दिला पाता है।
11- जिन व्यक्ति के कुंडली में 11 वें घर में मंगल राहु की युति होती है
ऐसे लोग काफी भाग्यशाली होते हैं जिनके ग्यारहवे वे भाव में मंगल राहु की युति होती है तो ऐसे लोगों को आकस्मिक धन की प्राप्ति होती है। ऐसे लोगों का राजनितिक कैरियर काफी सफल होता है। राजनीती में उच्च शिखर पर भी जा सकते हैं।
12- कारावास योग कैसे बनता है ?
जिन व्यक्ति के कुंडली में बारहवें वे घर में मंगल राहु की युति होती है उनको क़ानूनी पचड़ों में पड़ सकता है चोट लग सकती है और जेल जाने का भय रहता है। शादी शुदा जिंदगी भी बहुत अच्छी नहीं चलती है। व्यव अधिक होते है । व्यक्ति में काम प्रवृति की भावना अधिक रहती हैं ।
नोट - यह जानकारी मात्र ऊपर दी गई है कुंडली में अन्य ग्रहों की स्थिति , योगों , महादशा , शुभ ग्रहों की दृष्टि युति के अनुसार फलों में परिवर्तन हो सकता है । ज्योतिष एक विशाल विषय है सब कुछ लिख पाना संभव नहीं । अपनी कुंडली में प्रभाव को जानने के लिए किसी योग्य ज्योतिषी से कुंडली विश्लेषण कराए ।
ज्योतिषआचर्या आशीष गुप्ता 9312289250
वैदिक ज्योतिष व लाल किताब कुंडली विशेषज्ञ
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