पुस्तक समीक्षा(हिंदू वैवाहिक रस्में कब कैसे और क्यों )

समीक्षा : हिन्दू वैवाहिक संस्कृति को जागृत करने वाली 
समीक्षक :-डॉ.कृष्ण कुमार गोयल 
पुस्तक: हिन्दू वैवाहिक रस्मे, कब,कैसे और क्यों 
लेखक : इं/ मनोज गुप्ता 
प्रकाशक : लक्ष्मी प्रकाशन 
मूल्य :Rs ४४०/-
पुस्तक समीक्षा 


माननीय श्री मनोज गुप्ता जी, प्रतिष्ठित ज्योतिषी  दिल्ली निवासी द्वारा रचित पुस्तक " हिन्दू वैवाहिक रस्में कब , कैसे और क्यों "को पढ़ने का सौभाग्य प्राप्त हुआ ! इस पुस्तक में  वैवाहिक  रस्मों  की पूर्ति की  प्रक्रिया को  समुचित रूप से और बहुत ही सरल व स्पष्ट  भाषा में उल्लेखित किया गया है! एक बार तो ऐसा लगा कि  पता नहीं आज कि  पीढ़ी इन रस्मों    में कितना विश्वास रखेगी तथा कितना इन्हे अपनाने की कोशिश करेगी ! लगभग ४०, ५० वर्ष पहले इन सभी  रस्मों   की बड़ी महत्ता  मानी जाती थी क्योंकि  इनके  पीछे वैज्ञानिक कारण छिपे होते हैं !लगभग ५० वर्ष से ऊपर की आयु के समाज की यह महती जिम्मेदारी भी है कि  वो इन शास्त्रों से जुडी परम्पराओं  को अपनी आनेवाली पीढ़ियों को हस्तांतरित करने के सफल प्रयास करें !
  आधुनिक युग में किसी भी  रस्म की पूर्ति करते समय उसके कारणों पर  नई  पीढ़ी द्वारा उठाये गए प्रश्न यदि अनुत्तरित रहते हैं  तो निश्चय ही इन   परम्पराओं   को नई पीढ़ी स्वीकार नहीं कर पाएगी !
श्री मनोज गुप्ता जी द्वारा रचित उपरोक्त पुस्तक में वैज्ञानिक तथ्यों को स्पष्ट करते हुए उन  परम्पराओं   को निभाते समय आवश्यक सामग्री की व्याख्या भी करने का सफल प्रयास किया गया है !
परम्पराओं के पीछे छिपे हुए महत्वपूर्ण तथ्यों को जब तक स्पष्ट नहीं किया जाता है तब तक उनमें कुछ बातें  तो हास्य का कारण बन जाती हैं और उसे बुद्धि स्वीकार भी नहीं कर पाती है !
इस पुस्तक में  उन तथ्यों की जानकारियों  को भी स्पष्ट करने का प्रयत्न किया गया है जो अभी तक गूगल पर भी उपलब्ध नहीं हैं ! देश विदेश की अजब गजब रोचक रस्मों के साथ-साथ ही वैवाहिक कार्यों  में आनेवाली अड़चनों को दूर करने के उपाय भी इसमें संकलित किये गए हैं !
आदरणीय मनोज गुप्ता जी ने दो  पीढ़ियों के बीच वैवाहिक रस्मों से सम्बंधित स्वीकार्यता की खाई को पाटने का सहरानीय प्रयास किया है जिसके लिए वो निश्चय ही   बधाई के पात्र हैं  तथा आने वाली पीढ़ियां  इन तथ्यों से परिचित होकर उनकी ऋणी रहेगी !
हर व्यस्क ,और उनसे बड़ी आयुवाले  तथा विशिष्ट रूप से उन कर्म काण्डी पंडितों  के लिए जो विवाह आदि  परम्पराओं   को पूर्ण करवाते हैं  यक़ीनन यह पुस्तक अत्यधिक रुचिकर,व मार्गदर्शक  लाभकारी सिद्ध होगी क्योकि उन्हें अधिकतम संभावित प्रश्नों के उत्तर इस पुस्तक में स्पष्ट रूप से उपलब्ध हो जाएंगे  !
   डॉ.   कृष्ण कुमार गोयल 
एम.कॉम , पी.एच.डी.,डी.लिट.
 ,Phd,Dlitt
समीक्षक


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