कमजोर बुध को कैसे ठीक करें


 

कमजोर बुध ग्रह के लक्षण हैं:

 

- बुध ग्रह को बुद्धि, संचार और निर्णय क्षमता का कारक माना जाता है। यदि आपका बुध ग्रह कमजोर है, तो आपको इन क्षेत्रों में समस्याएं आ सकती हैं।

- आपको त्वचा संबंधी विकार, शिक्षा में एकाग्रता की कमी, लेखन कार्य में असफलता, धन की हानि, बुद्धि भ्रष्टता, गलत निर्णय लेना, झूठ बोलना, चुगलखोरी, चंचलता, अस्थिरता, निराशा, चिंता, तनाव, नींद न आना, नर्वस सिस्टम की बीमारी, गले की बीमारी, आदि जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

 

कमजोर बुध ग्रह को मजबूत करने के उपाय हैं:

 

- बुधवार का व्रत रखें और भगवान गणेश और विष्णु की पूजा करें। इस दिन हरे या लाल रंग के कपड़े पहनें और बिना नमक वाला मूंग से बना भोजन खाएं। भोजन करने से पहले तुलसी के पत्ते गंगाजल के साथ ग्रहण करें।

 

- बुधवार को बुध ग्रह से संबंधित वस्तुएं दान करें, जैसे कि हरी घास, साबुत मूंग, कांस्य के बर्तन, नीले रंग के पुष्प, हरे-नीले रंग के कपड़े, और हाथी के दांतों से बनी वस्तुएं।

 

- बुध के लिए पन्ना रत्न धारण करें, यदि आपकी कुंडली में यह शुभ हो। इसे बुधवार को शुभ मुहूर्त में धारण करें और इसे नियमित रूप से शुद्ध करें।

 

- बुधवार को श्री विष्णुसहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें। इससे आपको भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलेगा।

 

- बुध के बीज मंत्र 'ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः!' का जाप करें। इसे 9000 बार जपना चाहिए। आप इसके अलावा 'ॐ बुं बुधाय नमः' या 'ॐ ऐं श्रीं श्रीं बुधाय नमः!' का भी जाप कर सकते हैं।¹²

 

4 मुखी रुद्राक्ष से बुध ग्रह को मजबूत करने का तरीका है:

 

- 4 मुखी रुद्राक्ष को बुधवार को शुद्ध गंगाजल और गोमूत्र से धोएं। फिर इसे गणेश जी के सामने रखें और उनकी आरती उतारें।

 

- इसके बाद इसे बुध के बीज मंत्र से 108 बार अभिमंत्रित करें। इसके लिए एक रुद्राक्ष माला का उपयोग करें।

 

- फिर इसे लाल धागे में बांधें और अपने गले में धारण करें। इसे नियमित रूप से शुद्ध करें और इसका सम्मान करें।³

 

4 मुखी रुद्राक्ष के लाभ हैं:

 

चार मुखी रुद्राक्ष के लाभ बहुत सारे हैं। यह रुद्राक्ष बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और बुद्धि, ज्ञान, शिक्षा, लेखन, वाणी और संचार को बढ़ाता है। इसके अलावा, यह रुद्राक्ष ब्रह्मा और सरस्वती की कृपा दिलाता है और रचनात्मकता, आत्मविश्वास, आध्यात्मिकता और अंतर्दृष्टि को विकसित करता है। यह रुद्राक्ष त्वचा, गले, नासिका, मस्तिष्क और सांस संबंधी रोगों को भी दूर करता है।

 

चार मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का सबसे शुभ दिन गुरुवार है। इसे शुद्ध गंगाजल और गोमूत्र से धोकर, गणेश जी की पूजा करके, बुध के बीज मंत्र 'ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः!' से 108 बार अभिमंत्रित करके, लाल धागे में बांधकर, गले में धारण करना चाहिए।³

 

अगर आप अपने लिए सबसे उपयुक्त रुद्राक्ष का चयन करना चाहते हैं, तो आप हम से ऑनलाइन परामर्श कर सकते हैं। हम आपको आपकी कुंडली के अनुसार रुद्राक्ष की सलाह देंगे और आपको इसे कैसे और कब पहनना है, उसके बारे में भी बताएंगे। 


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