पौष माह की कालाष्टमी, जानें पूजा का महत्व और विधि
हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी व्रत रखा जाता है। इस बार पौष माह की कालाष्टमी का व्रत 04 जनवरी को रखा जा रहा है। कालाष्टमी के दिन काशी के कोतवाल कहे जाने वाले बाबा काल भैरव की पूजा का विधान है। बाबा काल भैरव शिव जी के रौद्र माने जाते हैं। इस दिन व्रत रखकर विधि पूर्वक पूजा करने से जीवन से दुख, दरिद्रता और परेशानियां दूर हो जाती हैं। कालाष्टमी व्रत के दिन शिवालयों और मठों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है, जिसमें भगवान शिव के रूप में काल भैरव का आह्वान किया जाता है।
कालभैरव भगवान की सात्विक पूजा के लिए आप सुबह उठकर स्नान करें, शुद्धि ध्यान करें और भगवान को दीप, धूप, फल, फूल, नैवेद्य आदि समर्पित करें। आप "ॐ ह्रीं वाम जटा धारया विद्धमहे काल भैरवाय धीमहि तन्नो भैरवः प्रचोदयात्" या "ॐ ह्रीं कालभैरवाय नमः" मंत्र का जाप कर सकते हैं।
आर्थिक मनोकामना पूर्ति के लिए टोटके:
1. आर्थिक समृद्धि के लिए टोटका:
- सोमवार को आरंभ करके 21 दिन तक कालभैरव भगवान की पूजा करें।
- "ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं भगवते श्री कालभैरवाय नमः" मंत्र का जाप करें।
- इस मंत्र का नियमित जाप करके आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें।
2. धनप्राप्ति के लिए टोटका:
- बृहस्पतिवार को शुरू करके 21 दिन तक कालभैरव भगवान की पूजा करें।
- "ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः फट् स्वाहा" मंत्र का जाप करें।
- इस मंत्र का नियमित जाप करके आपकी आर्थिक मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं।
आप इन टोटकों को अपने मन की शांति और आर्थिक संपन्नता के लिए अनुसरण कर सकते हैं। यह आपकी इच्छाओं को पूरा करने में मदद कर सकते हैं।