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दो मुखी रुद्राक्ष दो मुखी रुद्राक्ष या द्विमुखी रुद्राक्ष शिव और शक्ति का स्वरुप माना जाता है। शास्त्र में दो मुखीवाले रुद्राक्ष को देवदेवेश्वर भी कहा गया है। यह रुद्राक्ष को धारण करने वाले जातक के जीवन की सभी इच्छा परिपूर्ण होती है।दो मुखी रुद्राक्ष में अर्धनारीश्व का स्वरूप समाहित है तथा चंद्रमा की शीतलता प्राप्ति होती है। दाम्पत्य जीवन में खुशाली के लिए और पति और पत्नी के बिच में तनाव मुक्त के लिए यह रुद्राक्ष धारण करना अनुकूल है। यह तामसी वृत्तियों के परिहार के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है।दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मानसिक शांति की प्राप्ति ,चित्त में एकाग्रता तथा जीवन में आध्यात्मिक उन्नति और पारिवारिक सौहार्द में वृद्धि होती है। इस रुद्राक्ष को धारण करते समय ?ॐ खाम द्वी वकत्रस्य ॐ नमः? इस मन्त्र की 21 माला जाप कर के धारण करना चाहिए। यह दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने से हमारे जीवन में मानसिक शांति शारीरिक शांति ,भागीदारी के व्यापार में सफलता, वैवाहिक जीवन में शांति और अच्छी भावनाओ के लिए दो मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहि। स्त्रियों के लिए इसे सबसे अधिक उपयुक्त माना गया है| पैर की तकलीफ, सर्दी, खांसी आदि रोग ठीक होते हैं। विशेष: कर्क राशि का स्वामी चंद्रमाँ है इसी लिए कर्क राशि के जातक यदि दो मुखी रुद्राक्ष धारण करते है तो जीवन में अच्छे फल की प्राप्ति होती है