उत्तर-पश्चिम दिशा में आंवला पौधा लगाने से क्या मिलते हैं दिव्य लाभ?
चंद्र ग्रह, वायु तत्व और सकारात्मक अनुभवों का रहस्यमय संगम
भारतीय संस्कृति में वृक्ष केवल पर्यावरण का हिस्सा नहीं हैं — वे हमारे ग्रहों, दिशाओं और ऊर्जाओं के जीवंत प्रतिनिधि हैं।
हर पौधा किसी न किसी ग्रह, दिशा और तत्व से जुड़ा हुआ है।
उन्हीं में एक है — *आंवला (Amla / Phyllanthus emblica), जिसे *“धार्मिक, आयुर्वेदिक और ज्योतिषीय रत्न” कहा जाता है।
शास्त्रों में कहा गया है —
अमलकं नाम औषधि: सर्वरोगनिवारिणी।
अर्थात् — आंवला ऐसा फल है जो शरीर, मन और आत्मा — तीनों का संतुलन रखता है।
पर क्या आप जानते हैं कि अगर यह पवित्र पौधा *उत्तर-पश्चिम दिशा (North-West)* में लगाया जाए,
तो यह न केवल घर की ऊर्जा बदल देता है, बल्कि जीवन में *नए अनुभव, सहयोग और मानसिक स्पष्टता* भी लाता है?
1. आंवला पौधे की ज्योतिषीय पहचान
विशेषता विवरण
पौधे का नाम :- आंवला (Amala)
वैज्ञानिक नाम :- Phyllanthus emblica
टैग / श्रेणी :- पवित्र पौधा (Sacred Plant)
प्रधान ग्रह :- चंद्र (Moon)
ध्रुवीयता (Polarity) :- पुरुष (Male)
आभा शक्ति (Aura Strength) :- 24 फीट
आवृत्ति (Frequency) :- 3.5 Hz
प्रधान तत्व (Element):- वायु तत्व (Air Element)
प्रधान लेचर (Lecher) :-Stem (तना ऊर्जा केंद्र)
मुख्य लाभ :-Support, New Experiences, Emotional Clarity
2. उत्तर-पश्चिम दिशा का वास्तु और ग्रह संबंध
North-West (उत्तर-पश्चिम)* दिशा का स्वामी वास्तु शास्त्र में *वायु देवता (Air Element)* और ग्रहों में *चंद्र (Moon)* व *वायु ऊर्जा* का मिश्रण मानी जाती है।
यह दिशा संबंधों, संवाद, परिवर्तन और गति की दिशा है।
यह दिशा जीवन में *नई शुरुआत, मित्रता, यात्राएँ और सहयोग* को सक्रिय करती है।
इसलिए यहाँ लगाए गए पौधे अगर वायु तत्व और चंद्र ऊर्जा से जुड़े हों — जैसे *आंवला* —
तो वे ऊर्जा संतुलन और जीवन में अवसरों की वृद्धि का माध्यम बनते हैं।
3. चंद्र ग्रह और वायु तत्व का मिलन — मन का संतुलन
चंद्र ग्रह मन, भावनाएँ और शीतलता का प्रतीक है।
जब यह वायु तत्व (North-West energy) के साथ जुड़ता है, तो व्यक्ति में *सकारात्मक सोच, संवेदनशीलता और रचनात्मक दृष्टि* बढ़ती है।
आंवला पौधा इन दोनों तत्वों को संतुलित करता है —
वायु की गति को स्थिर करता है और चंद्र की शीतलता को बनाए रखता है।
इससे मन में *शांति, स्पष्टता और भावनात्मक नियंत्रण* आता है।
4. उत्तर-पश्चिम दिशा में आंवला लगाने के प्रमुख लाभ
(1) वायु तत्व का शुद्धिकरण
North-West दिशा का मुख्य तत्व *वायु (Air)* है।
यह दिशा यदि असंतुलित हो जाए तो घर में अशांति, अस्थिरता और मतभेद बढ़ते हैं।
आंवला पौधा इस वायु तत्व को संतुलित कर देता है।
इसकी प्राकृतिक सुगंध और 3.5 Hz की कंपन ऊर्जा हवा में सकारात्मक आयन (Positive Ions) बढ़ाती है, जिससे वातावरण हल्का और शुद्ध हो जाता है।
(2) चंद्र ग्रह की शक्ति सक्रिय करना
आंवला का संबंध चंद्र ग्रह से है, जो मन और भावनाओं का स्वामी है।
उत्तर-पश्चिम दिशा में यह पौधा लगाने से चंद्र दोष (Moon Weakness, Depression, Mood Swing) का निवारण होता है।
यह व्यक्ति को शांत, सहानुभूतिपूर्ण और स्थिर बनाता है।
(3) संबंधों और सहयोग में सुधार
यह दिशा संबंधों और संचार की दिशा मानी जाती है।
यहाँ लगाया गया आंवला पौधा घर के सदस्यों में सहयोग, सामंजस्य और आपसी विश्वास बढ़ाता है।
यह व्यापारिक साझेदारी, सामाजिक संबंध और पारिवारिक एकता को मजबूत बनाता है।
(4) नए अवसर और अनुभवों का द्वार खोलना
वायु दिशा हमेशा “परिवर्तन” का प्रतीक होती है।
आंवला पौधा यहाँ लगाना जीवन में *नए अवसर, नए अनुभव और नई संभावनाओं* को आमंत्रित करता है।
यह stagnation (रुकावट) को तोड़कर व्यक्ति को आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
(5) नकारात्मक ऊर्जा का निवारण
उत्तर-पश्चिम में यदि भारी वस्तुएं, धातु या असंतुलित तत्व हों — तो वहाँ ऊर्जा अटक जाती है।
आंवला का Aura Field (24 ft) वहाँ की जमी हुई नकारात्मकता को तोड़ देता है।
इससे घर में संचारी ऊर्जा (Flowing Energy)* बनी रहती है।
(6) मानसिक स्पष्टता और प्रेरणा
यह पौधा मस्तिष्क की सूक्ष्म तरंगों पर कार्य करता है।
North-West दिशा का Air–Moon संयोजन Mental Clarity + Calmness लाता है।
पढ़ाई, शोध, संगीत, या आध्यात्मिक अभ्यास करने वालों के लिए यह पौधा बहुत शुभ सिद्ध होता है।
(7) वास्तु दोष निवारण
यदि घर या ऑफिस के North-West भाग में वास्तु दोष हो — जैसे टॉयलेट, भारी दीवार या स्टोररूम —
तो वहाँ आंवला पौधा लगाना उस दोष को ऊर्जात्मक रूप से संतुलित कर देता है।
यह “Air–Space” का सामंजस्य बनाकर Vastu Harmony लाता है।
5. वास्तु विश्लेषण तालिका
तत्व दिशा ग्रह लाभ
वायु (Air) :- उत्तर-पश्चिम :-चंद्र (Moon) :-मन की शांति, सहयोग, नए अवसर
आंवला पौधा :- वायु तत्व से जुड़ा :- Moon frequency 3.5 Hz :-संतुलन और अनुभवों की प्राप्ति
6. कैसे लगाएं — शुभ समय व विधि
चरण विवरण
शुभ दिन :- सोमवार, शुक्रवार या बुधवार
शुभ नक्षत्र :- मृगशिरा, पुष्य, रोहिणी
विधि :-मिट्टी में शुद्ध जल, तुलसी पत्र और दूध मिलाकर रोपें
मंत्र :- ॐ सोम सोमाय नमः” 11 बार जपें
ध्यान रखें :- पौधे के आसपास हवा का प्रवाह और प्रकाश बना रहे
वर्जना :- शनिवार को लगाना टालें
7. धार्मिक दृष्टिकोण
बुद्ध धर्म में कहा गया है कि आंवला वृक्ष ध्यान का प्रतीक है — जो मन को स्थिर करता है।
हिंदू धर्म में यह श्री विष्णु और महालक्ष्मी का प्रिय वृक्ष है।
आंवला नवमी (कार्तिक शुक्ल नवमी)* के दिन इस वृक्ष की पूजा करने से परिवार में शांति और समृद्धि आती है।
8. वैज्ञानिक दृष्टि से ऊर्जा प्रभाव
वैज्ञानिक रूप से आंवला पौधे की पत्तियाँ और फल निगेटिव आयन जनरेटर की तरह कार्य करते हैं।
ये हवा में प्राण ऊर्जा (Oxygen + Bio-photons) बढ़ाते हैं।
North-West दिशा में इस पौधे का प्रभाव घर की ventilation energy को बढ़ाता है — जिससे हवा ताज़ा, हल्की और मानसिक रूप से स्फूर्तिदायक बनती है।
9. वास्तु ऊर्जा अनुभव (Case Study)
ज्योतिष व वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार —
जिन घरों में North-West कोने में आंवला पौधा लगाया गया, वहाँ कुछ महीनों में ही निम्न परिवर्तन देखे गए:
1. घर की बहस और तनाव में कमी
2. नींद में सुधार और मन की स्थिरता
3. नए अवसरों का आगमन (business calls, travel plans)
4. घर की हवा में freshness और हल्कापन
5. रिश्तों में सहजता और समझ बढ़ना
उत्तर-पश्चिम दिशा में आंवला पौधा लगाना केवल एक बागवानी उपाय नहीं, बल्कि
एक शक्तिशाली ज्योतिषीय–ऊर्जा उपचार (Astro–Energy Remedy) है।
यह पौधा
चंद्र ग्रह की शीतलता,
वायु तत्व की गति,
और जीवन के अनुभवों की गहराई —
तीनों का संगम है।
जहाँ उत्तर-पश्चिम में आंवला वृक्ष हो, वहाँ सहयोग, शांति और नई संभावनाएँ स्वयं चलकर आती हैं
दिशा: उत्तर-पश्चिम (North-West)
ग्रह: चंद्र (Moon)
तत्व: वायु
ऊर्जा प्रभाव: मन की शांति, सहयोग, नए अवसर



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