दीपावली के उत्सव के बाद आने वाले तीन दिन — New Year, bhai dooj और Labh Pancham — केवल त्योहार नहीं, बल्कि आध्यात्मिक शक्ति, पारिवारिक प्रेम और व्यापारिक लाभ के प्रतीक हैं।
गुजरात और पश्चिम भारत में इन दिनों का विशेष महत्व होता है, और ज्योतिषीय दृष्टि से यह समय “सकारात्मक ग्रह ऊर्जा का संगम काल” कहा जाता है।
1. New Year (नववर्ष) — नई शुरुआत, नया संकल्प
तारीख: कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा
ग्रह प्रभाव: सूर्य और चंद्र की संयुक्त शुभ स्थिति
नया साल यानी नई दिशा और नई ऊर्जा का द्वार।
इस दिन सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान कर तिलक और दीपदान करें।
घर के प्रवेशद्वार पर अक्षत, हल्दी, कुंकुम और पुष्प से “शुभ-लाभ” लिखें। यह धन, स्वास्थ्य और समृद्धि को आकर्षित करता है।
क्या करें:
सूर्योदय के समय सूर्य को जल अर्पित करें।
तुलसी के पौधे में दीपक जलाएं।
मन में संकल्प लें – “मैं इस वर्ष ईमानदारी, परिश्रम और सकारात्मकता से हर लक्ष्य प्राप्त करूँगा।”
क्या न करें:
सुबह देर तक न सोएं।
झगड़ा, कटु वचन या उधारी न करें।
घर में पुराने, टूटे या निष्क्रिय वस्तुएँ न रखें — यह पुरानी ऊर्जा को रोके रखती हैं।
वास्तु टिप:
नए साल के पहले दिन घर के उत्तर-पूर्व कोने (ईशान कोण) को विशेष रूप से साफ करें। वहीं अगर श्री यंत्र या कुबेर मूर्ति रखी जाए, तो पूरे वर्ष धनवृद्धि बनी रहती है।
2. bhaidooj — स्नेह, सुरक्षा और कर्म बंधन का पर्व
तारीख: कार्तिक शुक्ल द्वितीया
ग्रह प्रभाव: चंद्र, मंगल और शुक्र की सामंजस्य स्थिति
भाईबीज, यम द्वितीया के रूप में भी जानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन यमराज अपनी बहन यमी (यमुना) के घर भोजन करने गए थे।
तभी से यह दिन भाई-बहन के अटूट प्रेम और सुरक्षा के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
क्या करें:
बहनें भाई के माथे पर तिलक लगाकर आरती करें।
भाइयों को रक्षा स्वरूप बहनों को शुभ प्रतीक वस्तुएँ जैसे — शंख, चांदी का सिक्का, रुद्राक्ष या गणेश मूर्ति भेंट करनी चाहिए।
परिवार के सभी सदस्य साथ भोजन करें — यह ग्रहों की पारिवारिक ऊर्जा संतुलन को बढ़ाता है।
ज्योतिषीय रहस्य:
इस दिन चंद्रमा और शुक्र के प्रभाव से संबंधों में भावनात्मक मजबूती आती है। इसलिए भाई-बहन के बीच माफ़ी और शुभकामना का आदान-प्रदान करना अत्यंत फलदायी होता है।
3. Labh Pancham (लाभ पंचम) — व्यापार और सफलता की पुनः शुरुआत
तारीख: कार्तिक शुक्ल पंचमी
ग्रह प्रभाव: बुध, शुक्र और गुरु की त्रिकोणीय शुभ स्थिति
लाभ पंचम को “सौभाग्य का दिन” कहा गया है। व्यापारी वर्ग इस दिन नई खाते की पुस्तिकाएँ, बिलिंग फाइल या व्यापारिक रजिस्टर खोलता है।
यह दिन धन योग को सक्रिय करने और लाभ ग्रह बुध की ऊर्जा को संतुलित करने का श्रेष्ठ समय है।
क्या करें:
नई अकाउंट बुक या रजिस्टर में “श्री गणेशाय नमः” और “शुभ लाभ” लिखकर शुरू करें।
कार्यालय या दुकान में कुबेर यंत्र, श्री यंत्र या नवरत्न शंख की स्थापना करें।
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
वास्तु उपाय:
व्यापार स्थल पर उत्तर दिशा में दर्पण या क्रिस्टल ग्लोब रखें। यह धन प्रवाह की दिशा को सक्रिय करता है।
क्या न करें:
किसी नए कार्य की बुराई या शंका न करें।
लेन-देन में कटुता या गुस्सा न दिखाएँ।
Astro-Vastu संदेश:
New Year, bhaidooj और Labh Pancham — ये तीन दिन संकल्प, संबंध और सफलता के प्रतीक हैं।
यह काल केवल त्योहार मनाने का नहीं, बल्कि नए कर्मों की ज्योतिषीय शुरुआत का श्रेष्ठ समय है।
इस अवधि में किया गया हर शुभ कार्य — चाहे वह संकल्प हो, पूजा हो, या व्यापारिक निर्णय — दीर्घकालिक सफलता देता है।
“नववर्ष में लें सकारात्मक संकल्प,
भाई dooj पर निभाएँ प्रेम का वचन,
लाभ पंचम पर जगाएँ सफलता का दीप।”



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