नीच ग्रहों के प्रभाव: जीवन पर असर और ज्योतिषीय समाधान

 नीच ग्रहों के प्रभाव: जीवन पर असर और ज्योतिषीय समाधान

नीच ग्रहों के प्रभाव

ग्रह जब नीच स्थिति में होते हैं, तो उनकी सकारात्मक ऊर्जा कमजोर हो जाती है, जिससे नकारात्मक प्रभाव दिखाई देते हैं।

1. सूर्य का नीच प्रभाव (तुला राशि)

नीच राशि: तुला (10 अंश पर न्यूनतम प्रभाव)

प्रभाव: सूर्य तुला राशि में नीच होने पर व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी, आलस्य और निर्णय में अस्थिरता हो सकती है।

नकारात्मक प्रभाव:

नेतृत्व क्षमता में कमी

निर्णय लेने में असमंजस

अहंकार या आत्मग्लानि

उपाय:

प्रातःकाल सूर्य को जल अर्पित करें।

माणिक्य रत्न धारण करें।

2. चंद्रमा का नीच प्रभाव (वृश्चिक राशि)

नीच राशि: वृश्चिक (3 अंश पर न्यूनतम प्रभाव)

प्रभाव: चंद्रमा वृश्चिक राशि में नीच होने पर व्यक्ति को मानसिक अस्थिरता, चिंता और तनाव का सामना करना पड़ता है।

नकारात्मक प्रभाव:

मानसिक तनाव और चिंता

भावनात्मक असंतुलन

अनिद्रा और भय

उपाय:

सोमवार को शिवजी की पूजा करें।

मोती रत्न धारण करें।

3. मंगल का नीच प्रभाव (कर्क राशि)

नीच राशि: कर्क (28 अंश पर न्यूनतम प्रभाव)

प्रभाव: मंगल कर्क राशि में नीच होने पर व्यक्ति में गुस्सा, जल्दबाजी और विवाद प्रवृत्ति बढ़ सकती है।

नकारात्मक प्रभाव:

क्रोध और आक्रामकता

अनियंत्रित ऊर्जा

रिश्तों में तनाव

उपाय:

हनुमान चालीसा का पाठ करें।

मूंगा रत्न धारण करें।

4. बुध का नीच प्रभाव (मीन राशि)

नीच राशि: मीन (15 अंश पर न्यूनतम प्रभाव)

प्रभाव: बुध मीन राशि में नीच होने पर व्यक्ति में भ्रम, निर्णय में असमंजस और संचार में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं।

नकारात्मक प्रभाव:

संवाद में कठिनाई

तर्कशक्ति की कमी

व्यवसाय में असफलता

उपाय:

बुध मंत्र का जाप करें।

पन्ना रत्न धारण करें।

5. गुरु (बृहस्पति) का नीच प्रभाव (मकर राशि)

नीच राशि: मकर (5 अंश पर न्यूनतम प्रभाव)

प्रभाव: गुरु मकर राशि में नीच होने पर व्यक्ति में ज्ञान की कमी, आलस्य और नकारात्मक सोच उत्पन्न हो सकती है।

नकारात्मक प्रभाव:

गलत निर्णय लेने की प्रवृत्ति

नैतिकता की कमी

आध्यात्मिक असंतुलन

उपाय:

बृहस्पतिवार का व्रत करें।

पीला पुखराज धारण करें।

6. शुक्र का नीच प्रभाव (कन्या राशि)

नीच राशि: कन्या (27 अंश पर न्यूनतम प्रभाव)

प्रभाव: शुक्र कन्या राशि में नीच होने पर प्रेम संबंधों में समस्याएं, भौतिक सुख-सुविधाओं में कमी का सामना करना पड़ सकता है।

नकारात्मक प्रभाव:

वैवाहिक जीवन में समस्याएं

आर्थिक परेशानियाँ

कलात्मक अभिरुचि की कमी

उपाय:

शुक्रवार को मां लक्ष्मी की पूजा करें।

हीरा या ओपल रत्न धारण करें।

7. शनि का नीच प्रभाव (मेष राशि)

नीच राशि: मेष (20 अंश पर न्यूनतम प्रभाव)

प्रभाव: शनि मेष राशि में नीच होने पर व्यक्ति को संघर्ष, बाधाएं और निराशा का सामना करना पड़ सकता है।

नकारात्मक प्रभाव:

धैर्य की कमी

कार्यों में बाधाएँ

सामाजिक अपमान

उपाय:

शनिदेव की पूजा करें।

नीलम या काले घोड़े की नाल से बनी अंगूठी धारण करें।

ग्रहों की नीच स्थिति व्यक्ति के जीवन में कई तरह की समस्याएँ उत्पन्न कर सकती है, लेकिन उचित उपाय और ज्योतिषीय सलाह से इन प्रभावों को संतुलित किया जा सकता है। कुंडली में ग्रहों की स्थिति का सही अध्ययन करके उचित समाधान अपनाने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है।