
ग्रहण एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है, जिसका ज्योतिष में विशेष स्थान है। सूर्य और चंद्र ग्रहण को शुभ और अशुभ दोनों ही दृष्टि से देखा जाता है। ग्रहण का प्रभाव व्यक्ति के जीवन, स्वास्थ्य, मानसिक स्थिति, करियर और आर्थिक स्थिति पर पड़ सकता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि सूर्य और चंद्र ग्रहण क्या होते हैं, इनका ज्योतिषीय महत्व क्या है और यह विभिन्न राशियों पर क्या प्रभाव डालते हैं।
ग्रहण क्या होता है?
सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse): जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और सूर्य की रोशनी को आंशिक या पूर्ण रूप से ढक देता है, तो इसे सूर्य ग्रहण कहा जाता है। यह ग्रहण अमावस्या के दिन घटित होता है।
चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse): जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ती है, तो इसे चंद्र ग्रहण कहते हैं। यह ग्रहण पूर्णिमा के दिन होता है।
ज्योतिष में ग्रहण का महत्व
ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण का प्रभाव केवल खगोलीय घटना तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह विभिन्न राशियों और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर भी असर डालता है। ग्रहण का प्रभाव मुख्य रूप से राहु और केतु से संबंधित होता है, जो अप्रत्याशित बदलाव, भ्रम और अनिश्चितता को जन्म देते हैं।
ग्रहण का प्रभाव बारह राशियों पर
मेष (Aries)
ग्रहण के दौरान करियर में उतार-चढ़ाव आ सकता है। इस समय कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर लें। सेहत का विशेष ध्यान रखें।
वृषभ (Taurus)
आर्थिक मामलों में सतर्कता आवश्यक है। पारिवारिक जीवन में कुछ तनाव रह सकता है। संयम और धैर्य बनाए रखें।
मिथुन (Gemini)
यात्रा करने से बचें और महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने से पहले सावधानी बरतें। करियर में बदलाव के संकेत मिल सकते हैं।
कर्क (Cancer)
चंद्र ग्रहण का विशेष प्रभाव कर्क राशि पर पड़ता है। मानसिक तनाव बढ़ सकता है, इसलिए मेडिटेशन और पूजा-पाठ करें।
सिंह (Leo)
सूर्य ग्रहण सिंह राशि के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है। आत्मविश्वास में कमी आ सकती है, लेकिन धैर्य से काम लें।
कन्या (Virgo)
ग्रहण के दौरान सेहत का ध्यान रखें। पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। कोई भी बड़ा निवेश करने से बचें।
तुला (Libra)
रिश्तों में तनाव आ सकता है। किसी भी विवाद में न उलझें और शांति बनाए रखें।
वृश्चिक (Scorpio)
ग्रहण के समय किसी भी नए कार्य की शुरुआत से बचें। आध्यात्मिकता की ओर झुकाव लाभकारी रहेगा।
धनु (Sagittarius)
ग्रहण के दौरान यात्रा करने से बचें और आर्थिक मामलों में सतर्कता बरतें।
मकर (Capricorn)
ग्रहण आपके करियर और प्रतिष्ठा पर प्रभाव डाल सकता है। अपनी वाणी और कार्यों पर संयम रखें।
कुंभ (Aquarius)
ग्रहण के समय निर्णय लेने में दुविधा हो सकती है। अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें और जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें।
मीन (Pisces)
ध्यान और पूजा-पाठ से लाभ होगा। ग्रहण के प्रभाव को कम करने के लिए धार्मिक कार्य करें।
ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें?
क्या करें:
मंत्र जाप करें, विशेष रूप से महामृत्युंजय मंत्र और सूर्य/चंद्र गायत्री मंत्र।
स्नान करके शुद्ध रहें और ग्रहण समाप्त होने के बाद दोबारा स्नान करें।
जरूरतमंदों को दान करें।
ध्यान और योग का अभ्यास करें।
क्या न करें:
ग्रहण के दौरान भोजन न करें।
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
महत्वपूर्ण निर्णय लेने से बचें।
खुले आसमान के नीचे ज्यादा समय न बिताएं।
ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के उपाय
ग्रहण के दौरान महामृत्युंजय मंत्र या गायत्री मंत्र का जाप करें।
दान-पुण्य करें, विशेष रूप से तिल, चावल और कपड़े।
ग्रहण के बाद तुलसी के पत्ते का सेवन करें और गंगाजल का छिड़काव करें।
भगवान शिव और विष्णु की उपासना करें।
ग्रहण एक खगोलीय घटना होते हुए भी हमारे जीवन में गहरा प्रभाव डालता है। यह हमें अपने जीवन को सुधारने और आध्यात्मिक मार्ग पर चलने का संकेत देता है। यदि हम सही उपाय अपनाएं, तो ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव कम किया जा सकता है और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है।
0 Comment's