हनुमान जी, जिनकी महिमा और शक्ति अनंत है, अपने अलग-अलग स्वरूपों में विभिन्न प्रकार की ऊर्जा और लाभ प्रदान करते हैं। इन स्वरूपों में से "पूर्वमुखी हनुमान जी" का विशेष महत्व है। इस स्वरूप में हनुमान जी का चेहरा पूर्व दिशा की ओर होता है, और इन्हें वानर रूप में पूजित किया जाता है। यह स्वरूप विशेष रूप से शत्रु नाशक और शक्ति प्रदायक माना जाता है।
पूर्वमुखी हनुमान जी का स्वरूप
पूर्वमुखी हनुमान जी का स्वरूप ऊर्जा और साहस का प्रतीक है। उनकी आकृति तेजस्वी और प्रभावशाली होती है। इस स्वरूप में उनका चेहरा पूर्व दिशा की ओर होने का अर्थ यह है कि वे सदा उज्ज्वल भविष्य और शुभ परिणाम की ओर अग्रसर रहते हैं।
पूर्वमुखी हनुमान जी की पूजा के लाभ
पूर्वमुखी हनुमान जी की आराधना से शत्रुओं का नाश होता है और भक्त के जीवन में सकारात्मकता आती है। उनकी पूजा से:
शत्रु बाधा का नाश: यदि किसी व्यक्ति को शत्रुओं से समस्या हो रही हो, तो पूर्वमुखी हनुमान जी की पूजा उसे शत्रुओं के प्रभाव से मुक्त करती है।
शक्ति और साहस की प्राप्ति: यह स्वरूप साहस और आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
संकटों से मुक्ति: जीवन में आने वाले संकट और समस्याओं को दूर करने के लिए इनकी पूजा अत्यंत प्रभावी होती है।
सुरक्षा का कवच: पूर्वमुखी हनुमान जी की कृपा से जीवन में किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं कर पाती।
करियर और व्यवसाय में सफलता: इनके आशीर्वाद से करियर और व्यवसाय में आने वाली रुकावटें दूर होती हैं।
पूजा विधि
पूर्वमुखी हनुमान जी की पूजा करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
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प्रातःकाल स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
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हनुमान जी के चित्र या मूर्ति को पूर्व दिशा में स्थापित करें।
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हनुमान चालीसा का पाठ करें और उन्हें सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें।
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गुड़ और चने का प्रसाद चढ़ाएं।
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"ॐ हनुमते नमः" मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।
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