महाआद्रा नक्षत्र: का विशेष महत्व और शिव पूजा विधि
तारीख: 16 दिसंबर 2024 (सोमवार)
मार्गशीर्ष मास का महाआद्रा नक्षत्र
इस दिन का शिवभक्तों के लिए अत्यंत महत्व है क्योंकि यह वही पावन दिन है जब भगवान शिव लिंग स्वरूप में भगवान ब्रह्मा और विष्णु के समक्ष प्रकट हुए थे। उसी दिन से शिवलिंग की पूजा की परंपरा आरंभ हुई। महाआद्रा नक्षत्र पर शिवलिंग के दर्शन और पूजा करने से 100 महाशिवरात्रि की पूजा के समान पुण्य प्राप्त होता है। शिवभक्तों के लिए यह दिन भगवान शिव की कृपा पाने का सुनहरा अवसर है। इस दिन किए गए दीपदान और पूजा-अर्चना से शिव कृपा प्राप्त होती है, सभी प्रकार के दोष दूर होते हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
शिव पूजा विधि:
स्नान और ध्यान: सूर्योदय से पहले स्नान कर शुद्ध कपड़े पहनें। भगवान शिव का ध्यान करते हुए शिव मंत्रों का जाप करें।
शिवलिंग पूजन: शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद, शुद्ध घी और जल से अभिषेक करें। बेलपत्र, धतूरा, और अक्षत अर्पित करें। चंदन और भस्म लगाएं।
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महत्वपूर्ण शिव महामृत्युंजय मंत्र:
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”
108 बार इस मंत्र का जाप करें।
पंचाक्षर मंत्र: “ॐ नमः शिवाय” इस मंत्र का दिनभर जप करें।
लिंगाष्टकम मंत्र:
“ब्रह्ममुरारिस्सुरार्चितलिंगम् निर्मलभासितशोभितलिंगम्।
जन्मजदुःखविनाशकलिंगम् तत् प्रणमामि सदाशिवलिंगम्॥”
महा मृत्युंजय मंत्र का जाप रोग, भय और अकाल मृत्यु से मुक्ति दिलाता है।
प्रसाद: भगवान को नैवेद्य (फल, मिठाई) अर्पित करें। प्रसाद सभी परिवारजनों और भक्तों में वितरित करें।
महाआद्रा नक्षत्र पर विशेष उपाय: भगवान शिव की पूजा:
शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करें। इससे पितृ दोष और कालसर्प दोष समाप्त होते हैं।
दान करें: जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, और धन का दान करें। काले तिल, साबुत चावल, और सफेद चंदन का दान करें। भगवान शिव के नाम पर किसी गौशाला में गौदान करें।
रुद्राक्ष धारण करें: पंचमुखी या एकमुखी रुद्राक्ष धारण करना इस दिन बहुत शुभ होता है।
शिव चालीसा का पाठ: भगवान शिव की चालीसा का पाठ करें।
विशेष प्रसाद: शिवलिंग पर गुड़, गन्ने का रस और दूध अर्पित करें।
शिव मंदिर में बेलपत्र चढ़ाएं: 11 या 21 बेलपत्र पर 'ॐ नमः शिवाय' लिखकर चढ़ाएं।
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पुण्य का महत्व:
इस दिन किए गए जप, दान और पूजा से जीवन की समस्याओं का समाधान होता है।
महादेव की कृपा से स्वास्थ्य, धन और समृद्धि प्राप्त होती है।
दीपदान:
मंदिर में या घर पर 11, 21, 51 या 108 दीप प्रज्वलित करें।
यह दीप भगवान शिव को अर्पित करें और उनकी आरती गाएं।
मंदिर में या घर पर 108 दीप प्रज्वलित करें। यह अक्षय पुण्य का कारण बनता है।
इस दिन के लाभ: जीवन के कष्टों का निवारण होता है। आर्थिक समृद्धि और परिवार में शांति का आगमन होता है। भगवान शिव की कृपा से सभी प्रकार के दोष और बाधाएं समाप्त होती हैं।
इस महाआद्रा नक्षत्र पर शिवभक्तों को चाहिए कि वे शिवलिंग के दर्शन और पूजा अवश्य करें। यदि मंदिर जाना संभव न हो, तो घर पर ही पूजा-अर्चना कर दीपदान करें। इस पावन दिन का महत्व सभी को बताएं और इस अवसर का पूर्ण लाभ उठाएं।
हर हर महादेव!



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