चतुर्थ भाव में उच्च के बुध का फल और अधिक विस्तार से समझा जा सकता है, क्योंकि यह भाव जातक के सुख-सुविधाओं, संपत्ति, परिवार, शिक्षा, और भावनात्मक स्थिरता का प्रतिनिधित्व करता है। इसके प्रभाव शुभ और अशुभ दोनों रूपों में अलग-अलग हो सकते हैं, जो जातक के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर असर डालते हैं।
शुभ उच्च के बुध के विस्तृत प्रभाव:
धन और संपत्ति:
चतुर्थ भाव संपत्ति, वाहन, और सुख-सुविधाओं का भाव है। यदि कुंडली में उच्च का बुध चतुर्थ भाव में स्थित हो, तो जातक को जीवन में संपत्ति और धन की कोई कमी नहीं होती। उन्हें मकान, वाहन, भूमि और अन्य भौतिक सुखों का भरपूर आनंद मिलता है। जातक को अपने जीवन में वित्तीय स्थिरता और समृद्धि प्राप्त होती है, जिससे वे कई बार उच्च वर्गीय जीवन व्यतीत करते हैं।

अच्छा पारिवारिक जीवन:
चतुर्थ भाव मातृभाव भी कहलाता है, इसलिए उच्च बुध की स्थिति जातक को माता-पिता से गहरा संबंध और पारिवारिक समर्थन दिलाती है। ऐसे जातक अपने परिवार और विशेषकर माता के प्रति भावनात्मक रूप से जुड़ाव महसूस करते हैं। इनका पारिवारिक जीवन सुखमय रहता है, और वे अपने परिवार के साथ मिलकर कई प्रकार की खुशियों का अनुभव करते हैं। इन जातकों को अपने घर से मानसिक और भावनात्मक स्थिरता प्राप्त होती है, जिससे वे तनावमुक्त जीवन जीते हैं।
शिक्षा और ज्ञान में सफलता:
बुध शिक्षा और बुद्धिमत्ता का कारक ग्रह है, और यदि यह चतुर्थ भाव में उच्च हो, तो जातक को शिक्षा के क्षेत्र में अद्भुत सफलता मिल सकती है। ऐसे लोग उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं, विशेषकर विज्ञान, गणित, और तकनीकी क्षेत्रों में। उनकी तार्किक क्षमता और सीखने की तीव्रता उन्हें विशेष रूप से विद्वान बना सकती है। इसके अतिरिक्त, जातक का मन अध्ययन और खोजबीन में रमा रहता है, जिससे वे शैक्षिक और शोध कार्यों में भी सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
रचनात्मकता और व्यवसायिक उन्नति:
चतुर्थ भाव में स्थित उच्च बुध जातक की रचनात्मकता को भी बढ़ाता है। वे कलात्मक क्षेत्रों में भी सफलता पा सकते हैं, जैसे लेखन, पेंटिंग, संगीत, या डिजाइनिंग। साथ ही, व्यवसाय के क्षेत्र में उनकी कुशलता और तार्किक दृष्टिकोण उन्हें व्यापार में लाभ दिलाता है। जातक व्यवसायिक मामलों में त्वरित और स्पष्ट निर्णय लेने में सक्षम होते हैं, जिससे उनके व्यवसाय में वृद्धि होती है।
वाहन और भौतिक सुख:
उच्च बुध जातक को वाहन, घर, और अन्य भौतिक वस्त्र-आभूषण जैसी सुविधाएं प्रदान करता है। वे अपने जीवन में कई बार महंगी गाड़ियां या बड़े मकान के मालिक हो सकते हैं, और भौतिक सुखों का भरपूर आनंद उठाते हैं।
अशुभ उच्च के बुध के विस्तृत नकारात्मक प्रभाव:
वैवाहिक समस्याएं:
यदि चतुर्थ भाव में बुध अशुभ हो, तो जातक के वैवाहिक जीवन में तनाव और अस्थिरता आ सकती है। उनके स्वभाव में उग्रता और आलोचनात्मक दृष्टिकोण के कारण उनके जीवनसाथी के साथ मतभेद और झगड़े हो सकते हैं। इनका पारिवारिक जीवन सामान्यतया तनावग्रस्त हो सकता है, और कई बार इन मतभेदों के कारण वैवाहिक जीवन में बिछड़ाव या तलाक की नौबत भी आ सकती है।

स्वास्थ्य समस्याएं:
अशुभ बुध चतुर्थ भाव में जातक के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। ऐसे जातक तंत्रिका तंत्र, त्वचा, फेफड़े, या अन्य श्वसन तंत्र से संबंधित बीमारियों से ग्रस्त हो सकते हैं। इनके स्वास्थ्य पर लगातार संकट बना रहता है, जिसके चलते इन्हें समय-समय पर बड़े उपचार की आवश्यकता हो सकती है, और यह इनके वित्तीय संसाधनों को भी प्रभावित कर सकता है।
मानसिक तनाव:
अशुभ उच्च बुध जातक को मानसिक रूप से भी प्रभावित कर सकता है। चतुर्थ भाव मानसिक शांति और आंतरिक स्थिरता का भाव है, और यदि बुध अशुभ हो, तो जातक को मानसिक अशांति, चिंता, और अवसाद का सामना करना पड़ सकता है। उन्हें भावनात्मक रूप से असुरक्षा महसूस हो सकती है, जिससे उनके जीवन में तनाव और कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
संपत्ति से संबंधित विवाद:
अशुभ बुध जातक को संपत्ति और घर से संबंधित समस्याएं भी दे सकता है। इन्हें मकान या जमीन के विवादों में उलझना पड़ सकता है, या संपत्ति से जुड़े किसी कानूनी मुद्दे का सामना करना पड़ सकता है। कभी-कभी घर में शांति न होने के कारण भी जातक मानसिक तनाव महसूस कर सकते हैं।
धन हानि और आर्थिक संकट:
अशुभ बुध जातक को आर्थिक संकट का सामना करवा सकता है। इनके निर्णयों में गलतियां हो सकती हैं, जिसके कारण वे अपने व्यवसाय या नौकरी में नुकसान उठा सकते हैं। उन्हें निवेश या वित्तीय योजनाओं में असफलता मिल सकती है, और कई बार यह स्थिति इन्हें आर्थिक संकट में डाल सकती है।
अन्य महत्वपूर्ण पहलू:
चतुर्थ भाव में बुध और मंगल का संबंध:
यदि बुध चतुर्थ भाव में हो और साथ में मंगल भी हो, तो जातक को अत्यधिक उग्रता और असहमति का सामना करना पड़ सकता है। उनके पारिवारिक जीवन में तनाव और अस्थिरता बढ़ सकती है, और कभी-कभी यह स्थिति पारिवारिक झगड़ों तक भी पहुंच सकती है।

बुध और शुक्र का योग:
यदि चतुर्थ भाव में बुध के साथ शुक्र हो, तो यह जातक के जीवन में विलासिता और ऐश्वर्य का संयोग बनाता है। जातक को जीवन में भौतिक सुखों की प्रचुरता मिलती है, और वे जीवन का आनंद लेते हैं। साथ ही, वे कला, संगीत, और सौंदर्य के क्षेत्र में भी सफलता पा सकते हैं।



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