गोमती चक्र, समुद्र से प्राप्त एक अद्भुत और दुर्लभ तंत्र वस्तु है, जिसे जीवन की कठिनाइयों को दूर करने में मददगार माना जाता है।
यह चक्र विशेष रूप से धन-संपत्ति और समृद्धि के लिए अत्यंत उपयोगी होते हैं।
गोमती चक्र: सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य का साधन
मैं, प्रोफेसर कर्तिक रावल, इस लेख में "गोमती चक्र" के महत्व और उसकी धार्मिक, सांस्कृतिक परंपराओं के बारे में जानकारी साझा कर रहा हूं। गोमती चक्र, जो गोमती नदी से प्राप्त होता है, एक अद्भुत तंत्र वस्तु है। इसे सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है।
गोमती चक्र: एक साधारण लेकिन प्रभावी साधन prof kartik rawal
गोमती चक्र का शाब्दिक अर्थ है जीवन में खुशियों और समृद्धि का द्वार खोलना। यह चक्र न केवल आपके व्यक्तिगत जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहायक है, बल्कि यह परिवार और समाज में भी खुशियों का संचार करता है।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
गोमती चक्र का उपयोग भारतीय धार्मिक परंपराओं में विशेष महत्व रखता है। इसे तंत्र साधना में, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान में, और आर्थिक समृद्धि के लिए पूजनीय माना जाता है। इसके कुछ प्रमुख उपयोग इस प्रकार हैं:
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धन समृद्धि: गोमती चक्रों को पूजा स्थलों में रखकर उनका जप करने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
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स्वास्थ्य: पेट और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के उपचार के लिए गोमती चक्रों का उपयोग किया जाता है।
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सुख-शांति: घर में सुख-शांति बनाए रखने के लिए गोमती चक्रों को लाल सिंदूर में रखा जाता है।
गोमती चक्र एक साधारण लेकिन प्रभावी साधन है, जो आपके जीवन में खुशियों और समृद्धि का द्वार खोलेगा। इसके धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को समझते हुए, इसे अपने जीवन में अपनाना एक सकारात्मक कदम हो सकता है।
गोमती चक्र के सही उपयोग से न केवल व्यक्तिगत जीवन में, बल्कि सामाजिक जीवन में भी सुख और समृद्धि का अनुभव किया जा सकता है।
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गोमती चक्र न केवल घर में सुख और शांति लाते हैं, बल्कि आर्थिक समृद्धि और स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देते हैं। ये चक्र गोमती नदी से प्राप्त होते हैं और इनके माध्यम से जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कुछ सरल उपाय अपनाए जा सकते हैं।
उपाय और उनके लाभ
व्यापार वृद्धि: यदि आप अपने व्यापार में वृद्धि चाहते हैं, तो दो गोमती चक्र लेकर उन्हें एक कपड़े में बांधकर अपने दरवाजे के ऊपर लटका दें। इससे ग्राहक आपके व्यवसाय की ओर आकर्षित होंगे।
स्वास्थ्य सुधार: पेट संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए रात को 10 गोमती चक्रों को पानी में डालकर सुबह उस पानी को पी लें। इससे स्वास्थ्य में सुधार होगा।
धन लाभ: 11 गोमती चक्रों को अपने पूजा स्थल में रखें और उनके सामने "श्री नमः" का जप करें। इससे आपके व्यवसाय में बरकत और आमदनी में वृद्धि होगी।
सुख-शांति: गोमती चक्रों को लाल सिंदूर के डिब्बे में घर में रखने से सुख-शांति बनी रहती है।
1. व्यापार वृद्धि:
दो गोमती चक्र लेकर उन्हें कपड़े में बांधकर चौखट पर लटका दें। ग्राहक जब उनके नीचे से निकलेगा, तो व्यापार में वृद्धि होगी।
2. पुत्र प्राप्ति:
पांच गोमती चक्र लेकर किसी नदी में "हिलि हिलि मिलि मिलि चिलि चिलि हुक" बोलकर विसर्जित करें, इससे पुत्र प्राप्ति की संभावनाएं बढ़ेंगी।
3. स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ:
रात को 10 गोमती चक्र पानी में डालकर सुबह उस पानी को पीने से पेट के रोग दूर हो जाते हैं।
4. गर्भ रक्षण:
दो गोमती चक्र लाल कपड़े में बांधकर कमर में बांधने से बार-बार गर्भ गिरने की समस्या दूर होती है।
5. कचहरी में सफलता:
कचहरी जाते समय घर के बाहर गोमती चक्र रखकर उस पर दाहिना पैर रखकर जाएं, इससे कोर्ट में सफलता मिलेगी।
6. शत्रु परास्त करना:
शत्रु के नाम के अक्षरों की संख्या के बराबर गोमती चक्र लेकर उस नाम को लिखकर जमीन में गाड़ दें, जिससे शत्रु परास्त होंगे।
7. सुख-शांति के लिए पूजा:
सर्वसिद्धि योग और रविपुष्य योग पर गोमती चक्र की पूजा से घर में सुख और शांति बनी रहती है।
8. पति-पत्नी के मतभेद:
तीन गोमती चक्र लेकर घर के दक्षिण में "हलूं बलजाद" कहकर फेंक दें, इससे मतभेद समाप्त होंगे।
9. प्रमोशन की प्रार्थना:
एक गोमती चक्र शिव मंदिर में चढ़ाकर प्रमोशन के लिए सच्चे मन से प्रार्थना करें।
10. धन लाभ के उपाय:
11 गोमती चक्र पूजा स्थान पर रखें और श्री नम: का जप करें, इससे आमदनी में बरकत होगी।
11. सुख-शांति का साधन:
गोमती चक्र को लाल सिंदूर के डिब्बे में रखने से घर में सुख और शांति बनी रहती है।
12 धन लाभ के लिए पूजा:
11 गोमती चक्र अपने पूजा स्थान पर रखें और उनके सामने "श्री नम:" का जप करें। इससे आपके कार्यों में बरकत होगी और आमदनी बढ़ेगी।
13. चांदी की डिब्बी में रखकर शुभ फल:
गोमती चक्रों को चांदी या अन्य धातु की डिब्बी में सिंदूर और चावल के साथ रखने से शीघ्र शुभ फल मिलते हैं।
14. अर्थिक हानि से बचाव:
यदि अचानक आर्थिक हानि होती है, तो पहले सोमवार को 21 अभिमंत्रित गोमती चक्र पीले या लाल रेशमी वस्त्र में बांधकर धन स्थान पर रखें और मां लक्ष्मी का स्मरण करते हुए उन्हें मंदिर में रख दें।
15. खर्चों पर नियंत्रण:
यदि परिवार में खर्च अधिक होता है, तो शुक्रवार को 21 अभिमंत्रित गोमती चक्र की पूजा करें और चार गोमती चक्र घर के चारों कोनों में गाड़ दें। इससे खर्च में कमी आएगी।
16. आर्थिक समृद्धि के लिए:
अभिमंत्रित गोमती चक्र और काली हल्दी को पीले कपड़े में बांधकर धन स्थान पर रखें। इससे समृद्धि में वृद्धि होगी।
17. गुप्त शत्रुओं से सुरक्षा:
21 अभिमंत्रित गोमती चक्रों और तीन लघु नारियल को पूजा के बाद पीले वस्त्र में बांधकर मुख्य द्वार पर लटका दें। इससे गुप्त शत्रुओं की नकारात्मकता दूर होगी।
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18. नजर से सुरक्षा:
पांच गोमती चक्र लेकर सुनसान स्थान पर जाएं, तीन चक्रों को अपने ऊपर से उसारकर पीछे फेंक दें। बाकी चक्रों को प्रवाही जल में प्रवाहित कर दें।
19. स्वास्थ्य की रक्षा:
चतुर्दशी को 11 अभिमंत्रित गोमती चक्रों को सफेद रेशमी वस्त्र पर रखकर तिलक करें और भगवान मृत्युंजय से स्वास्थ्य की रक्षा का निवेदन करें।
20. बच्चों के डर से मुक्ति:
शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार को हनुमानजी के मंदिर में जाकर एक अभिमंत्रित गोमती चक्र पर तिलक करें और उसे बच्चे के गले में डाल दें।
21 स्वास्थ्य की रक्षा के लिए उपाय
स्वास्थ्य सुधार के लिए अभिमंत्रित गोमती चक्र: यदि किसी का स्वास्थ्य अधिक खराब रहता है, तो चतुर्दशी को 11 अभिमंत्रित गोमती चक्रों को सफेद रेशमी वस्त्र पर रखकर उन पर सफेद चंदन से तिलक करें। इसके बाद भगवान मृत्युंजय से स्वास्थ्य की रक्षा का निवेदन करें और महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।
महामृत्युंजय मंत्र का जप पाठ के बाद, 6 चक्रों को किसी निर्जन स्थान पर ले जाकर, 3 चक्रों को अपने ऊपर से उसारकर पीछे फेंक दें और बिना पीछे देखे वापस लौटें।
अन्य चक्र: बचे हुए 3 चक्रों को किसी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर अर्पित करें। घर लौटकर, 4 चक्रों को चांदी के तार में बांधकर अपने पलंग के चारों पायों पर बांध दें और शेष एक चक्र को ताबीज के रूप में गले में धारण करें।
22 बच्चों के डर को दूर करने के उपाय
बच्चों के लिए सुरक्षा मंत्र: यदि आपका बच्चा अधिक डरता है, तो शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर जाकर एक अभिमंत्रित गोमती चक्र पर श्री हनुमानजी के दाएं कंधे के सिंदूर से तिलक करें।
क्रिया: गोमती चक्र को प्रभु श्री हनुमानजी के चरणों में रखकर एक बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें। इसके बाद, चक्र को लाल कपड़े में बांधकर बच्चे के गले में डाल दें।
23 व्यवसाय में सफलता के लिए उपाय
व्यवसाय में लाभ बढ़ाने का उपाय: यदि आपका व्यवसाय लाभदायक स्थिति में नहीं है, तो शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार को 3 गोमती चक्र, 3 कौड़ी और 3 हल्दी की गांठ को अभिमंत्रित कर किसी पीले कपड़े में बांधकर अपने धन स्थान पर रखें।
इन उपायों के माध्यम से न केवल स्वास्थ्य में सुधार होगा, बल्कि बच्चों में आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। इसके साथ ही व्यवसाय में सफलता के लिए ये उपाय अत्यंत प्रभावी सिद्ध होंगे।
नियमित रूप से गोमती चक्रों का उपयोग करके, आप अपने जीवन को सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य से भरपूर बना सकते हैं।
इन उपायों को नियमित रूप से करने से जीवन में सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त की जा सकती है।
गोमती चक्र का सही उपयोग जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
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