हेतलकुमारी एच देसाई, जन्म: 1971 के 14 अक्टूबर को गुजरात के बिलिमोरा नगर में हुईं। उनका विषय वेद और पुराण है और उनका अनुभव 18 वर्ष है। उन्हें भारतीय प्राच्य विद्या संस्थान, अहमदाबाद द्वारा YMCA क्लब में विद्या वाचस्पति (वेदों और पुराणों में ) के रूप में संस्था द्वारा सम्मानित किया गया। उनके ज्ञान और समर्पण से, संस्था ने उन्हें सम्मानित किया है और उन्हें प्रशंसा भी मिली है।
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हेतलकुमारी ने अपने शैक्षिक और व्यावसायिक करियर को वेदों और पुराणों के अध्ययन पर समर्पित किया है। उन्होंने इस क्षेत्र में 28 वर्षों का अनुभव प्राप्त किया है, जो उन्हें एक अग्रणी और समर्थ विद्वान बनाता है। उनका अध्ययन और अनुभव न केवल उन्हें उनके क्षेत्र में एक गहरी समझ प्रदान करता है, बल्कि उन्हें अनेक संस्थाओं और समुदायों में भी प्रसिद्धि प्राप्त करता है।
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भारतीय प्राच्य विद्या संस्थान, अहमदाबाद, ने उनकी उत्कृष्टता और योगदान की प्रशंसा करते हुए, उन्हें यएमसीए क्लब के अंतर्गत विद्या वाचस्पति के रूप में संस्था द्वारा सम्मानित किया गया। उनकी विद्या और उनके शैली के माध्यम से, वे अपने छात्रों को न केवल विशेषज्ञता और ज्ञान प्रदान करती हैं, बल्कि उन्हें नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों का भी समझ प्रदान करती हैं।
हेतलकुमारी देसाई का अन्य क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने वेदों और पुराणों में अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की है और इस क्षेत्र में भी अपने विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया है। उनकी विद्या वाचस्पति सम्मान से उन्हें इस क्षेत्र में एक अग्रणी स्थान प्राप्त करने में मदद करेगा ।
भारतीय संस्कृति और विद्या के प्रति अपने समर्पण से प्रसिद्ध वेद और पुराण विद्यार्थिनी श्रीमती हेतलकुमारी एच देसाई की नवीनतम पुस्तक "5 का तथ्य और 5 का सत्य" का लोकार्पण सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर बोलते हुए, श्रीमती देसाई ने बताया कि "5 का तथ्य और 5 का सत्य" उनके 28 वर्षों के अनुभव को साझा करती है जहां वे वेद और पुराण की गहराईयों में छूट पाती हैं।
उन्होंने इसे नागरिकों के लिए संतुलित और सहज भाषा में लिखा है, जिससे उनकी पुस्तक व्यापक रूप से समझी जा सके।
इस समर्पण के अलावा, श्रीमती देसाई ने बताया कि वे पिछले 12 वर्षों से "तेजस्विनी संस्कृति विद्या धाम" डांग जिले में गरीब व्यक्तियों के लिए निःशुल्क शिविर, पुस्तक वितरण, भोजन, भजन योग और आध्यात्मिक उत्थान की अनगिनत अभियानों का आयोजन कर रही हैं।
उन्होंने इस यात्रा को भारतीय प्राच्य विद्या संस्थान द्वारा अहमदाबाद के International YMCA Club क्लब में विद्या वाचस्पति (वेदों और पुराणों में ) विद्यार्थियों के बीच सम्मानित किया गया है।
उन्होंने भारत और विदेश में श्रीमद् भागवत और शिवपुराण जैसे कथाएं करके भक्ति के मार्ग पर अनेक प्रवचन और व्याख्यानों का आयोजन किया है।
इस पुस्तक के लोकार्पण कार्यक्रम में अनेक विशेषज्ञ उपस्थित थे जो इस पुस्तक को अपनी सराहना और प्रसंशा से सराहना की।



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